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12 May 2024 · 1 min read

मेहनत करके आगे आए हैं, रुकेंगे थोड़ी

मेहनत करके आगे आए हैं, रुकेंगे थोड़ी,
खानदानी खून है, यूं झुकेंगे थोड़ी…!!
आंखों में जूनून है, कुछ पाने का,
पास पहुंचकर अपने लक्ष्य को छोड़ेंगे थोड़ी…!!
ज़ालिम है ये पूरी कायनात, मगर
किसी के आगे अपना सर झुकाएंगे थोड़ी…!!
जान हथेली पर रखकर चले हैं,
रास्ते आवाज़ दे रहे हैं, यूं रुकेंगे थोड़ी…!!
पत्थर पर तो अब पर निकलने लगे हैं,
हौसलों के साथ उड़ना छोड़ेंगे थोड़ी…!!
आस बंधी है अपनों की हमसे,
अब अपनों का सपना तोड़ेंगे थोड़ी…!!
पतंगों को तो आसमां छूना है,
अब ऊंचाई पर पहुंचना छोड़ेंगे थोड़ी…!!
ज़िंदगी का साथ तो हर पल मिल रहा,
मौत भी आई, तो उससे याराना छोड़ेंगे थोड़ी…!!
दरिया की दावेदारी तो पक्की है, मगर
अपनी कश्ती को पार कराना छोड़ेंगे थोड़ी…!!
लोग कहते हैं, गिला करना ज़रूरी है ज़िंदगी में,
मगर अपनों के साथ, मुस्कुराना कभी छोड़ेंगे थोड़ी…!

©️ डा. शशांक शर्मा “रईस”

Language: Hindi
18 Views
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