Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

बोलो हां कर दोगी ना

जिस्म की रूह , बेखयाली में ख्याल,
नींद में हो सपने ,तुम गैर होके भी अपने ।

क्या हॉल तुम्हारा बयां तो करो,
खामोश लब, मुस्करा लेगें फिर से ,
बस तुम एक पल हां का सिहारा करो ,
दोस्ती हटाकर, जरा इश्किया गागर भरो
मान जाओ जरा तुम हो तो करो ।।

एक और हां माँगता हूं,
बोलो हां कर दोगी ना,
बोलो हाँ कर दोगी ना,
प्यार तुम्ही हो बस
एक बार हां कर दोगी ना ।

चाहा है दिल से,
उस दिल का मान रख लोगी ना,
बोलो हाँ कर दोगी ना,
तकलीफ होती है हमे ,
तुम्हारी नजरों के बेवजह होने से,
बोलो ऐसी तकलीफ फिर से दोगी ना ।

एहसाह जिंदा है,
हां का बोला ,हां कर दोगी ना,
प्यार तुम ही हो , बोलो प्यार वापस दोगी ना
बोलो हां कर दोगी ना ।

तुम अनंत गजल ,मै स्याही कलम
बना शब्दों की माला , मैं लिखता गजल
बोलो मेरे भावों की गज़ल बन ,
कोरे पन्नों पे उतरोगी ना,
बोलो मेरे लेखनी के शब्द बनोगी ना,
बोलो हां कर दोगी ना ।

भंवरे फूल पे मडरते
रस भीन कर जाते,
बोलो भंवरा बन मडराने दोगी ना ,
बोलो हाँ कर दोगी ना ।

तुम अपने दिल को समझाओगी ना,
बोलो हाँ कर दोगी ना ,
बोलो हाँ कर दोगी ना,
हरपल याद आती हमेशा रूलाती,
बोलो अब हसाओगी ना ।

दोस्ती छोड़ प्यार का हाथ बढ़ावोगी ना ,
गैर से अपना बनकर दिखाओगी ना ,
बोलो हां कर दोगी ना,
बोलो हां कर दोगी ना ।
By … Anant Yadav

17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
मेरी हर आरजू में,तेरी ही ज़ुस्तज़ु है
मेरी हर आरजू में,तेरी ही ज़ुस्तज़ु है
Pramila sultan
"नमक"
*Author प्रणय प्रभात*
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
Ajay Shekhavat
सुकरात के शागिर्द
सुकरात के शागिर्द
Shekhar Chandra Mitra
अनचाहे फूल
अनचाहे फूल
SATPAL CHAUHAN
"धोखा"
Dr. Kishan tandon kranti
पाती कोई जब लिखता है।
पाती कोई जब लिखता है।
डॉक्टर रागिनी
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
सुरमाई अंखियाँ नशा बढ़ाए
सुरमाई अंखियाँ नशा बढ़ाए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अस्तित्व की पहचान
अस्तित्व की पहचान
Kanchan Khanna
हां राम, समर शेष है
हां राम, समर शेष है
Suryakant Dwivedi
स्वप्न श्रृंगार
स्वप्न श्रृंगार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
2959.*पूर्णिका*
2959.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुत्ते का श्राद्ध
कुत्ते का श्राद्ध
Satish Srijan
बड्ड  मन करैत अछि  सब सँ संवाद करू ,
बड्ड मन करैत अछि सब सँ संवाद करू ,
DrLakshman Jha Parimal
" मिट्टी के बर्तन "
Pushpraj Anant
तीखा सूरज : उमेश शुक्ल के हाइकु
तीखा सूरज : उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दोहा -स्वागत
दोहा -स्वागत
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
दिन भर जाने कहाँ वो जाता
दिन भर जाने कहाँ वो जाता
डॉ.सीमा अग्रवाल
जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
Rituraj shivem verma
बिछड़कर मुझे
बिछड़कर मुझे
Dr fauzia Naseem shad
कागज मेरा ,कलम मेरी और हर्फ़ तेरा हो
कागज मेरा ,कलम मेरी और हर्फ़ तेरा हो
Shweta Soni
जिंदगी हमने जी कब,
जिंदगी हमने जी कब,
Umender kumar
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
……..नाच उठी एकाकी काया
……..नाच उठी एकाकी काया
Rekha Drolia
प्रेम
प्रेम
Sanjay ' शून्य'
*कॉंवड़ियों को कीजिए, झुककर सहज प्रणाम (कुंडलिया)*
*कॉंवड़ियों को कीजिए, झुककर सहज प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Radhakishan R. Mundhra
Loading...