Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2024 · 1 min read

वज़्न – 2122 1212 22/112 अर्कान – फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र – बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: आ स्वर की बंदिश रदीफ़ – न हुआ

गिरह
जान का रोग है बला है इश्क़
मैं न अच्छा हुआ बुरा न हुआ।

१)इश्क़ के मर्ज़ में जो जुदा न हुआ।
क्या कहूँ तुमसे मैं कि क्या न हुआ ।
२) जो अहम को लिये यूँ बैठा रहा,
दर्द दिल का सही उसका न हुआ।
३) हर्फ़ मेरे बयां कर रहे हैं सब
दिल से मेरे कभी वो जुदा न हुआ।
४) मेरी धड़कन में तू बसा जबसे
ख़त्म यादों का सिलसिला न हुआ।
५)आज सारे गिले मिटा ‘नीलम’
जो तेरा न हुआ, मेरा न हुआ।
नीलम शर्मा ✍️

1 Like · 13 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
मोहब्बत के शरबत के रंग को देख कर
Shakil Alam
3-फ़क़त है सियासत हक़ीक़त नहीं है
3-फ़क़त है सियासत हक़ीक़त नहीं है
Ajay Kumar Vimal
*मनुष्य शरीर*
*मनुष्य शरीर*
Shashi kala vyas
आसानी से कोई चीज मिल जाएं
आसानी से कोई चीज मिल जाएं
शेखर सिंह
*****श्राद्ध कर्म*****
*****श्राद्ध कर्म*****
Kavita Chouhan
हाय हाय रे कमीशन
हाय हाय रे कमीशन
gurudeenverma198
*दुराचारी का अक्सर अंत, अपने आप होता है (मुक्तक)*
*दुराचारी का अक्सर अंत, अपने आप होता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
पल
पल
Sangeeta Beniwal
पूर्व दिशा से सूरज रोज निकलते हो
पूर्व दिशा से सूरज रोज निकलते हो
Dr Archana Gupta
भगवान बचाए ऐसे लोगों से। जो लूटते हैं रिश्तों के नाम पर।
भगवान बचाए ऐसे लोगों से। जो लूटते हैं रिश्तों के नाम पर।
*Author प्रणय प्रभात*
मेला
मेला
Dr.Priya Soni Khare
वन  मोर  नचे  घन  शोर  करे, जब  चातक दादुर  गीत सुनावत।
वन मोर नचे घन शोर करे, जब चातक दादुर गीत सुनावत।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
23/107.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/107.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोस्ती का कर्ज
दोस्ती का कर्ज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हर मोड़ पर ,
हर मोड़ पर ,
Dhriti Mishra
सितारे हरदम साथ चलें , ऐसा नहीं होता
सितारे हरदम साथ चलें , ऐसा नहीं होता
Dr. Rajeev Jain
हो भासा विग्यानी।
हो भासा विग्यानी।
Acharya Rama Nand Mandal
पुस्तक समीक्षा-सपनों का शहर
पुस्तक समीक्षा-सपनों का शहर
गुमनाम 'बाबा'
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*शिक्षक*
*शिक्षक*
Dushyant Kumar
पापा
पापा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*माँ शारदे वन्दना
*माँ शारदे वन्दना
संजय कुमार संजू
क्यों बनना गांधारी?
क्यों बनना गांधारी?
Dr. Kishan tandon kranti
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
हमारे अच्छे व्यवहार से अक्सर घृणा कर कोसते हैं , गंदगी करते
Raju Gajbhiye
*जब हो जाता है प्यार किसी से*
*जब हो जाता है प्यार किसी से*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
किताब
किताब
Sûrëkhâ
हमारा विद्यालय
हमारा विद्यालय
आर.एस. 'प्रीतम'
अनसोई कविता...........
अनसोई कविता...........
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelam Sharma
अन्त हुआ आतंक का,
अन्त हुआ आतंक का,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...