Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2024 · 1 min read

बह्र – 1222-1222-122 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन काफ़िया – आ रदीफ़ -है।

#मतला
कलम को ज़ाफरानी कर लिखा है।
मिरा किस्सा कहानी कर लिखा है।
#शेर
सलौना सा सजन है और मैं हूँ,
इश्क़ अपना रुहानी तर लिखा है।
#शेर
मुद्दतों बाद वो हमसे मिलेंगे,
जिगर रोमानियत से भर लिखा है।
#शेर
भटकते थे यूँ ही वीरानियों में,
मुसाफिर को पता मंज़िल मिला है।
#शेर
मिले हम दो किनारों की तरह से,
भँवर में डूबकर साहिल मिला है।
#गिरह
समंदर की गहन गहराइयों में,
तुम्हारा नाम पानी पर लिखा है।
#मक्ता
अदा ‘नीलम’ निराली ख़ास उसकी,
मुझे वो चांँद मह-ए-कामिल मिला है।
नीलम शर्मा ✍️
*मह-ए-कामिल -पूरा चाँद

26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कन्हैया आओ भादों में (भक्ति गीतिका)
कन्हैया आओ भादों में (भक्ति गीतिका)
Ravi Prakash
मुस्कुराना जरूरी है
मुस्कुराना जरूरी है
Mamta Rani
हर बात पे ‘अच्छा’ कहना…
हर बात पे ‘अच्छा’ कहना…
Keshav kishor Kumar
जन्मदिन पर लिखे अशआर
जन्मदिन पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
सुप्रभातम
सुप्रभातम
Ravi Ghayal
अक्सर समय बदलने पर
अक्सर समय बदलने पर
शेखर सिंह
कर्बला की मिट्टी
कर्बला की मिट्टी
Paras Nath Jha
क्या चाहती हूं मैं जिंदगी से
क्या चाहती हूं मैं जिंदगी से
Harminder Kaur
भ्रष्ट होने का कोई तय अथवा आब्जेक्टिव पैमाना नहीं है। एक नास
भ्रष्ट होने का कोई तय अथवा आब्जेक्टिव पैमाना नहीं है। एक नास
Dr MusafiR BaithA
स्वर्ग से सुन्दर
स्वर्ग से सुन्दर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ग्वालियर की बात
ग्वालियर की बात
पूर्वार्थ
नास्तिक
नास्तिक
ओंकार मिश्र
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
एक ख्वाब सजाया था मैंने तुमको सोचकर
डॉ. दीपक मेवाती
बुढ़ापे में हड्डियाँ सूखा पतला
बुढ़ापे में हड्डियाँ सूखा पतला
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
निशाना
निशाना
अखिलेश 'अखिल'
2585.पूर्णिका
2585.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
इंटरनेट
इंटरनेट
Vedha Singh
शब्दों का गुल्लक
शब्दों का गुल्लक
Amit Pathak
जुड़ी हुई छतों का जमाना था,
जुड़ी हुई छतों का जमाना था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Micro poem ...
Micro poem ...
sushil sarna
पंचम के संगीत पर,
पंचम के संगीत पर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
इस दुनिया में दोस्त हीं एक ऐसा विकल्प है जिसका कोई विकल्प नह
इस दुनिया में दोस्त हीं एक ऐसा विकल्प है जिसका कोई विकल्प नह
Shweta Soni
शांति से खाओ और खिलाओ
शांति से खाओ और खिलाओ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
🌹जिन्दगी🌹
🌹जिन्दगी🌹
Dr Shweta sood
वो ही तो यहाँ बदनाम प्यार को करते हैं
वो ही तो यहाँ बदनाम प्यार को करते हैं
gurudeenverma198
अंतर्जाल यात्रा
अंतर्जाल यात्रा
Dr. Sunita Singh
#सुबह_की_प्रार्थना
#सुबह_की_प्रार्थना
*प्रणय प्रभात*
चाय की घूंट और तुम्हारी गली
चाय की घूंट और तुम्हारी गली
Aman Kumar Holy
"फर्क"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...