*चढ़ता है अभिमान जब, करता सत्यानाश (कुंडलिया)*
हर एक राज को राज ही रख के आ गए.....
कुछ दोहे मनके
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा हिंदुस्तान
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सारी दुनिया समझ नहीं सकती ,
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
हमारे हौसले तब परास्त नहीं होते जब हम औरों की चुनौतियों से ह
राम के नाम को यूं ही सुरमन करें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
रात बदरिया घिर-घिर आए....
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम