Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2024 · 1 min read

*चढ़ता है अभिमान जब, करता सत्यानाश (कुंडलिया)*

चढ़ता है अभिमान जब, करता सत्यानाश (कुंडलिया)
_______________________
चढ़ता है अभिमान जब, करता सत्यानाश
होश कहॉं उसको रहा, बॅंधता मद का पाश
बॅंधता मद का पाश, तुच्छ जग समझे सारा
खुद को पर्वत-शीर्ष, अन्य सबको बेचारा
कहते रवि कविराय, दंभ-पथ पर जो बढ़ता
दुर्गति अपनी आप, कर रहा मूरख चढ़ता

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

245 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

मिल  गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
मिल गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्यार समंदर
प्यार समंदर
Ramswaroop Dinkar
Legal Quote
Legal Quote
GOVIND UIKEY
चुप रहो
चुप रहो
Sûrëkhâ
मेरे दो अनमोल रत्न
मेरे दो अनमोल रत्न
Ranjeet kumar patre
पता ना चला
पता ना चला
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे प्रभु राम आए हैं
मेरे प्रभु राम आए हैं
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
हम और तुम
हम और तुम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*दिल चाहता है*
*दिल चाहता है*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तेरे बिना जीने का कोई अर्थ ही नहीं है!
तेरे बिना जीने का कोई अर्थ ही नहीं है!
Ajit Kumar "Karn"
हमारे प्यार की सरहद नहीं
हमारे प्यार की सरहद नहीं
Kshma Urmila
2889.*पूर्णिका*
2889.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अपनी हद में ही रहो तो बेहतर है मन मेरे
अपनी हद में ही रहो तो बेहतर है मन मेरे
VINOD CHAUHAN
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
राधेश्याम "रागी"
*पूजा पत्नी की करो, साली जी से प्यार (हास्य कुंडलिया)*
*पूजा पत्नी की करो, साली जी से प्यार (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
- वीर शिरोमणी मंडोर प्रधान राव हेमाजी गहलोत -
- वीर शिरोमणी मंडोर प्रधान राव हेमाजी गहलोत -
bharat gehlot
आंख से आंख मिले तो जानें
आंख से आंख मिले तो जानें
दीपक बवेजा सरल
"चाहत"
ओसमणी साहू 'ओश'
ସେହି ଲୋକମାନେ
ସେହି ଲୋକମାନେ
Otteri Selvakumar
जिस परिंदे के पंखों में मजबूती होती है।
जिस परिंदे के पंखों में मजबूती होती है।
Dr.sima
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
ज़िंदगी की जद्दोजहद
ज़िंदगी की जद्दोजहद
Davina Amar Thakral
जख्म हरे सब हो गए,
जख्म हरे सब हो गए,
sushil sarna
व्यक्तित्व
व्यक्तित्व
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ज़िन्दगी  का  हिसाब  होता है
ज़िन्दगी का हिसाब होता है
Dr fauzia Naseem shad
एक सच और सोच
एक सच और सोच
Neeraj Kumar Agarwal
चिराग़ उम्मीद का जलाया न होता,
चिराग़ उम्मीद का जलाया न होता,
Jyoti Roshni
मृदुल-पुकार
मृदुल-पुकार
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
बेटी
बेटी
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
🙅तय करे सरकार🙅
🙅तय करे सरकार🙅
*प्रणय प्रभात*
Loading...