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14 Feb 2024 · 1 min read

#छंद_शैली_में

#छंद_शैली_में
■ श्री सरस्वती वंदना
【प्रणय प्रभात】
वीणापाणी, पद्मासना, कमलासना, ब्रह्म-अजा,
माँ तू मुझे विद्या औ विनय का शुभ दान दे।
कण्ठ में विराज मेरी क़लम को सिद्धि सौंप,
मेरी इस लेखनी को गति अविराम दे।।

सत्य लिखूँ, सत्यवादिता के पथ पे ही चलूँ,
मेरी स्वर शक्ति को तू सरगमों का ज्ञान दे।
दीप मन-मंदिर में ज्ञान का जला दे मातु,
नित्य नव-सृजन करूँ ये वरदान दे।।

यश नहीं, रूप नहीं तेरी भक्ति चाहता हूँ,
भक्ति-गंगा, ज्ञान-गंगा का ही स्नान दे।
करता नमन तुझे शत-शत शारदा मैं,
मुझे ऐश्वर्य नहीं आन बान शान दे।।

शब्द चुन छंद रचूँ, छंद चुन गीत रचूँ,
गीतों में बहाव माँ तू भावों को वितान दे।
उड़े पंख तान ताकि छुए आसमान,
मेरे मन के मराल को विचारों की उड़ान दे।।
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