Umesh Kumar Sharma Language: Hindi 154 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Umesh Kumar Sharma 13 Jan 2024 · 1 min read मेरा सुकून कभी फुरसत में निकालता हूँ फिर रख देता हूँ सहेज कर वो गलियाँ, वो दरख्त और मिट्टी की खुशबू बेपरवाह बचपन ओढ़े हुए है, खपरैलों की छत, पेड़ों की झुरमुट... Hindi · कविता 110 Share Umesh Kumar Sharma 6 Oct 2022 · 1 min read गाँव से लौट कर शायद कुछ ही लोग अब वहाँ पहचानते हों मुझे, इतना अरसा भी तो बीच से गुजरा है। वो पुराने वक़्त के बुजुर्ग जो नसीहत व दुआएँ देते थे, वो तो... Hindi · कविता 3 2 220 Share Umesh Kumar Sharma 25 Jul 2022 · 1 min read प्रेम-२ कालिंदी, खेतों की पगडंडियों पर भरी दोपहरी नंगे पाँव तेज रफ्तार से चली जा रही थी। दुधमुँहे बच्चे को, अपने सीने के पास, एक कपड़े से बाँधे और माथे पर... Hindi · लघु कथा 242 Share Umesh Kumar Sharma 22 Jul 2022 · 1 min read प्रेम माँ सुनो न, आज बापू, बाजार में मंगरु चाचा को मार ही बैठते,वो तो लोगों ने मिन्नतें की तब जाकर छोड़ा!! थाली में चावल डालते वक़्त ,वो जरा चौंकी, फिर... Hindi · लघु कथा 2 1 311 Share Umesh Kumar Sharma 10 Jul 2022 · 4 min read *एक शादी समारोह* दो दिन पहले अचानक फ़ोन की घंटी बजी, उधर से आवाज आयी, हैलो, मैं सुरेश बोल रहा हूँ। इतने दिनों पश्चात, कुछ पल की स्तब्धता के बाद, परिचित आवाज़ की... Hindi · Story 2 1 475 Share Umesh Kumar Sharma 5 Jul 2022 · 1 min read मुद्दतों बाद मिले पुरानी बातों का जनाजा उठाने आये हैं चार काँधों पर ये रस्म निभानी होगी, देखले माज़ी के गुजरते हुए गलियारों में कहीं बीता हुआ बचपन तो औंधी सी जवानी होगी... Hindi · Poem 166 Share Umesh Kumar Sharma 3 Jul 2022 · 1 min read भरोसा आखिर आ ही गयी ये सोच भी सरहदें फलांग कर कि सर तन से जुदा!! माना कि, मुट्ठी भर लोग ही होंगे इस तरह के अभी, चलो ये भी माना... Hindi · कविता 170 Share Umesh Kumar Sharma 25 Jun 2022 · 1 min read अर्धांगिनी की विरह व्यथा सुनो, आज बाथरूम की लाइट किसी ने जली हुई नहीं रख छोड़ी हैl न उसके दरवाजे की नॉब पर किसी ने गीले हाथों की छाप छोड़ी है। तुम्हारा तौलिया भी... Hindi · कविता 9 16 471 Share Umesh Kumar Sharma 18 Jun 2022 · 1 min read अग्निपथ पहले मुद्दों पर होते होंगे प्रदर्शन, लोकतांत्रिक हक था जरूरी भी रहा हो शायद, पर कहीं न कहीं, एक मर्यादा, एक लक्ष्मण रेखा भी जरूर थी, आज विरोध को, मुद्दे... Hindi · कविता 2 266 Share Umesh Kumar Sharma 5 Jun 2022 · 1 min read मेरे कच्चे मकान की खपरैल कभी इन्हीं खपरैलों की छतों से बना मेरा एक घर हुआ करता था, बाँस की लकड़ियों ने बाँध रखा था कच्ची दीवारों के सरों को, उन पर कतारबद्ध बैठी ये... Hindi · कविता 6 6 667 Share Umesh Kumar Sharma 31 May 2022 · 1 min read पिता वो जो कुछ बातें मैं कहीं आधी अधूरी छोड़ आया था, चाहता था कि तुम उन अधूरी बातों को ठीक उसी तरह करो जो मेरे वक़्त में मुझे करनी थी,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 5 345 Share Umesh Kumar Sharma 17 Jan 2022 · 2 min read मेरे गाँव की मकर संक्रांति मकर संक्रांति का यह पावन पर्व बचपन की मीठी यादों से बंधा हुआ है। पौराणिक व धार्मिक मान्यता तो यह है कि, इसी दिन सूर्य धनु राशि से निकल कर... Hindi · लेख 1 2 302 Share Umesh Kumar Sharma 25 Nov 2021 · 1 min read पतझड़ का प्रेम प्रेम, मुमकिन है कि अब निःशब्द हो चला हो रूमानी बातों से दूर हो, उम्र की तकलीफें व परेशानियाँ रोक देती हैं, झिड़क कर प्रेम अब दिखता है बच्चों को... Hindi · कविता 283 Share Umesh Kumar Sharma 10 Nov 2021 · 1 min read कब तलक यूँही ये रोज की जद्दोजहद खुद से है, खुद की है!! कोई और नहीं शामिल इसमें, तय ये करना है कि जंग में उतरोगे या फिर तमाशबीन ही बने रहना है?... Hindi · कविता 1 334 Share Umesh Kumar Sharma 25 Jun 2021 · 2 min read तुम्हारे अर्धशतक पर सुनो, तुम्हारी इस अर्ध शतकीय पारी में मेेरे साथ की साझेदारी के जो सत्ताईस साल हैं न उसके कुछ पन्ने आज हौले से दस्तक दे बैठे हैं!! तुम्हारे साहसिक कहानियों... Hindi · कविता 1 2 341 Share Umesh Kumar Sharma 28 Nov 2020 · 1 min read पिता वो जो कुछ बातें मैं कहीं आधी अधूरी छोड़ आया था, चाहता था कि तुम उन अधूरी बातों को ठीक उसी तरह करो जो मेरे वक़्त में मुझे करनी थी,... Hindi · कविता 1 4 323 Share Umesh Kumar Sharma 21 Oct 2020 · 4 min read शिव कुमारी भाग १५ सन १९७३ में घर का दूसरी बार बँटवारा हुआ। पहली बार बड़े ताऊजी अलग हुए थे, जो मेरे जन्म से पहले की बात थी। उसका भी एक मजेदार किस्सा था,... Hindi · कहानी 3 2 294 Share Umesh Kumar Sharma 28 Sep 2020 · 2 min read कोरोना की वैक्सीन कोरोना की इस महामारी ने जिंदगी में ,और जो बदलाव किए हैं, उसके साथ तो किसी तरह एक सामंजस्य बैठ चुका है, पर इंसानी रिश्ते, कहीं एक घुटन, तड़प और... Hindi · लघु कथा 4 2 359 Share Umesh Kumar Sharma 17 Sep 2020 · 4 min read शिव कुमारी भाग १४ तीज त्यौहारों में उनकी जान बसती थी। सावन की तीज पर तो उनका गांव में प्रसिद्ध झूला डलता था। घर के बाहर नीम के पेड़ ने अपनी चौथी भुजा ऊंची... Hindi · कहानी 3 316 Share Umesh Kumar Sharma 11 Sep 2020 · 5 min read शिव कुमारी भाग १३ वो किस्से , कहानियों और लोक मुहावरों की एक कोष ही तो थीं। उनकी किस्सागोई के सभी तलबगार थे घर में। रात के वक़्त खाना खाने के बाद हम बच्चे... Hindi · कहानी 4 4 685 Share Umesh Kumar Sharma 9 Sep 2020 · 2 min read मारवाड़ी हास्यरस दृश्य १ परसा, किसी के बेटे के तिलकोत्सव से नंगे पांव भुनभुनाते हुए तेजी से घर की ओर लौट रहा था। रास्ते में एक घर के बरामदे में दो लोग... Hindi · लघु कथा 6 2 387 Share Umesh Kumar Sharma 7 Sep 2020 · 3 min read फुलपैंट रवि कांत चौबे जी १९६६ में जब कोलकाता राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए आये, तो कुछ दिन अपने रिश्तेदार के पास बैरकपुर में रहे। वहाँ से प्रेसीडेंसी... Hindi · लघु कथा 2 4 490 Share Umesh Kumar Sharma 7 Sep 2020 · 5 min read शिव कुमारी भाग १२ दादी घर के पेड़ पौधों की भी माँ ही थीं। सारे उनके हाथ के ही लगाए हुए थे या फिर उनकी देख रेख में लगे थे। परिवार बढ़ने पर जब... Hindi · कहानी 2 8 456 Share Umesh Kumar Sharma 3 Sep 2020 · 8 min read फिल्मों का वो दौर सत्तर और अस्सी के वो दशक जो गांव में गुज़रे थे, उसमें फिल्में जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थीं। टेलिविजन उस समय न के बराबर थे और शुरू शरू में... Hindi · कहानी 4 6 661 Share Umesh Kumar Sharma 29 Aug 2020 · 4 min read भाषा का बोझ गांव की राजस्थान क्लब के सदस्यों द्वारा कुछ दिनों बाद एक नाटक का मंचन होना था। ये क्लब हिंदी भाषियों की सांस्कृतिक गोष्ठी की जगह थी उस समय। क्लब का... Hindi · लघु कथा 6 6 609 Share Umesh Kumar Sharma 27 Aug 2020 · 4 min read शिव कुमारी भाग ११ चचेरी दीदी की शादी तय होनी थी। उनके लिए जब लड़का देखने झरिया गए, तो मैं भी गया था। बात पक्की करके जब ट्रेन से लौट रहे थे तो आद्रा... Hindi · कहानी 3 4 746 Share Umesh Kumar Sharma 26 Aug 2020 · 5 min read स्याही उस वक्त प्राथमिक विद्यालय से उच्च विद्यालय पहुंचने के बीच एक बोर्ड की परीक्षा की दीवार होती थी। उसको फलांगने पर ही उच्च विद्यालय में प्रवेश मिलता था। राज्य स्तर... Hindi · लघु कथा 5 6 568 Share Umesh Kumar Sharma 24 Aug 2020 · 7 min read विजय भैया विजय भैया उर्फ बिज्जू भैया, बचपन में हमारे घर पर रहे। मेरी ताईजी उनकी बुआ लगती थी। मामाजी ने जमशेदपुर से हमारे यहां पढ़ने भेजा था। ये भी मजेदार बात... Hindi · कहानी 4 519 Share Umesh Kumar Sharma 23 Aug 2020 · 6 min read शिव कुमारी भाग १० अब तो वो पुश्तैनी घर वैसा नही रहा, पक्का मकान बन चुका है पर आँख बंद करते ही एक कच्चा मकान आज भी साफ साफ दिखाई देता है। घर की... Hindi · कहानी 3 4 385 Share Umesh Kumar Sharma 22 Aug 2020 · 3 min read शिव कुमारी भाग ९ दादी जब थोड़ी थोड़ी समझ मे आने लगी थी तो वो लगभग ८७-८८ वर्ष की हो चुकी थी, पूरा तो उनको दादाजी भी नहीं समझ पाए होंगे, वे भी आश्चर्यचकित... Hindi · कहानी 3 2 307 Share Umesh Kumar Sharma 21 Aug 2020 · 4 min read शिव कुमारी भाग ८ दादी ने कभी घड़ी नही पहनी। घड़ी पहन भी लेती तो भी उसमे लिखे अंक और संकेत वो समझ नही पाती। फिर भी समय की सुई उनके मस्तिष्क मे निरंतर... Hindi · कहानी 4 2 512 Share Umesh Kumar Sharma 21 Aug 2020 · 2 min read दयाशंकर जी की अलौकिक शक्तियाँ लगभग ६०-७० वर्ष पहले की बात होगी। पंडित दयाशंकर जी का गांव मे काफी रुतबा था। विद्वान और कर्मकांडी थे। गांव के शिव मंदिर में पुजारी थे। थोड़ा गुस्सा ज्यादा... Hindi · लघु कथा 3 6 529 Share Umesh Kumar Sharma 20 Aug 2020 · 5 min read शिव कुमारी भाग ७ दादी को अपने पोते , पोतियों की अपेक्षा ज्यादा प्यारे थे। इस रूढ़िवादी विचारधारा से वो अछूती न रहीं। खुद एक औरत होकर भी वो इस मानसिकता से निकल नहीं... Hindi · कहानी 3 4 440 Share Umesh Kumar Sharma 19 Aug 2020 · 4 min read शिव कुमारी भाग ६ घर के बाहर दहलीज़ पर दादी की अदालत बैठती थी। मुहल्ले के एक हिस्से मे, मजदूरों और रिक्शेवालों की चंद झोपड़ियां थी। गरीब लोग पैसे की किल्लत मे गुज़ारा करते... Hindi · कहानी 6 6 280 Share Umesh Kumar Sharma 18 Aug 2020 · 5 min read शिव कुमारी भाग ५ दादी की कुशल चिकित्सा और तीमारदारी से मेरे चेचक के दाने सूखने लगे थे। मेरे खाने पीने का पूरा ख्याल रखती थी , बीच बीच मे चौके मे जाकर पता... Hindi · कहानी 3 3 306 Share Umesh Kumar Sharma 17 Aug 2020 · 2 min read बेटी के घर का पानी पुरानी मान्यता थी कि एक बार जिस घर बेटी ब्याह दी , फिर उस घर का पानी भी नहीं पिया जाता था। इसके पीछे का तर्क तो नहीं मालूम, कुछ... Hindi · लघु कथा 4 4 485 Share Umesh Kumar Sharma 17 Aug 2020 · 5 min read शिव कुमारी भाग ४ मुझे जहाँ तक याद आ रहा है, दादी से मेरी पहली औपचारिक बात चीत मुझे जब चेचक निकली थी तब शुरू हुई थी। उस वक़्त मेरी उम्र तीन चार वर्ष... Hindi · कहानी 4 4 294 Share Umesh Kumar Sharma 16 Aug 2020 · 2 min read दुकानदार का हिसाब किताब गांव में उन दिनों चोरी डकैती आम बात थी। डकैत जब मन करता धमक पड़ते , दो चार को लूटते और धमकी देते हुए निकल पड़ते कि खबरदार जो पुलिस... Hindi · लघु कथा 2 2 327 Share Umesh Kumar Sharma 16 Aug 2020 · 5 min read शिव कुमारी भाग ३ शिव कुमारी भाग ३ मेरी शिव कुमारी से मुलाकात 53 वर्ष पहले हुई थी। अब मैंने माँ के पेट से बाहर आकर सांस लेनी शुरू कर दी थी। पहली बार... Hindi · कहानी 2 2 396 Share Umesh Kumar Sharma 15 Aug 2020 · 4 min read आत्मग्लानि बोध से मुक्ति वैसे तो अनूप एक सीधा साथ लड़का ही था। पढ़ने लिखने में भी ठीक ही था। सांतवीं की छमाई की परीक्षा हो चुकी थी। विद्यालय के मैदान में उसका एक... Hindi · लघु कथा 3 287 Share Umesh Kumar Sharma 15 Aug 2020 · 6 min read शिव कुमारी भाग १ शिव कुमारी का जन्म राजस्थान के एक कस्बे राजगढ़(शार्दुलपुर) मे लगभग १३३ साल पहले हुआ था। पिता बजरंग लाल जी की ये लाड़ली बेटी एक दम दूधिया रंग की पैदा... Hindi · कहानी 2 651 Share Umesh Kumar Sharma 14 Aug 2020 · 2 min read सोचमग्न लोधा जी को कुछ न कुछ सोचने की बीमारी थी। पता नही अपने खयालों मे डूबे विचारों के गहरे सागर की किस तह पर बैठे रहते थे कि प्रत्यक्ष मे... Hindi · लघु कथा 3 4 442 Share Umesh Kumar Sharma 13 Aug 2020 · 9 min read मझली दीदी बचपन में माँ द्वारा दी जाने वाली अक्षरज्ञान की दीक्षा के असफल प्रयासों की हताशा के बाद जब उनकी ये चिंता प्रबल होने लगी कि उनका ये नालायक पुत्र शायद... Hindi · कहानी 5 2 641 Share Umesh Kumar Sharma 12 Aug 2020 · 2 min read दीपू गांव के मैदान में क्रिकेट का अभ्यास खत्म होने के बाद, कुछ देर पास के एक पेड़ के नीचे बैठ कर सुस्ताने का कार्यक्रम होता। हल्की फुल्की हंसी ठिठोली के... Hindi · लघु कथा 2 4 282 Share Umesh Kumar Sharma 12 Aug 2020 · 3 min read क़तील शिफ़ाई संजय भाई अपने आप को साहित्यिक किस्म का इंसान समझते थे। इस वजह से दोस्तों मे उनका थोड़ा रौब और इज्जत भी थी। कोलकाता की बड़ाबाजार लाइब्रेरी मे उनका अक्सर... Hindi · कहानी 3 4 490 Share Umesh Kumar Sharma 11 Aug 2020 · 4 min read कालूराम बचपन में ये नाम रंग को देखकर उसके मामाजी ने मजाक मजाक में दे डाला था जो एक सफल व्यवसायी तो थे ही, साथ ही संगीत में भी निपुण थे।... Hindi · कहानी 3 4 664 Share Umesh Kumar Sharma 11 Aug 2020 · 4 min read विवेक भैया उनसे मेरी मुलाकात एक परिचित के माध्यम से हुई थी। वो उनके यहां अपनी शिक्षा के तहत अभ्यासिक प्रशिक्षण ले रहा था। विवेक भैया की अपनी एक वाणिज्यिक परामर्श सेवा... Hindi · कहानी 2 4 523 Share Umesh Kumar Sharma 9 Aug 2020 · 2 min read लाल पान का गुलाम दो चचेरे भाई अलग अलग शहरों में जाकर पढ़ने लगे थे। साथ ही पले बढ़े थे, एक दूसरे से अच्छी तरह से वाकिफ भी थे। कॉलेज का आखिरी साल था... Hindi · लघु कथा 3 6 527 Share Umesh Kumar Sharma 8 Aug 2020 · 7 min read अमूल्य बाबू अमूल्य बाबू अपने आप में एक शिक्षा संस्थान थे। गांव से निकले अधिकांश होनहार छात्र उनके मार्गदर्शन और ट्यूशन क्लास से होकर ही किसी न किसी वक़्त में गुज़रे ही... Hindi · कहानी 4 6 987 Share Umesh Kumar Sharma 7 Aug 2020 · 8 min read बाल उद्यमी बिज्जू मेरी चचेरी बहन का लड़का बिज्जू(विजय) बचपन में ही हमारे यहाँ रहने आ गया था। दीदी जब मायके आयी तो बड़ों ने कहा इसे यहीं रहने दो। यहाँ और भी... Hindi · कहानी 5 10 448 Share Page 1 Next