Dr. Seema Varma 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Seema Varma 13 Jul 2023 · 1 min read फितरत परेशान हर हाल में मुख्तसर से इस जहान में हर एक की कोई न कोई फितरत रही। ज़िंदा तो रहे सब, हर हाल में यहाँ पर ज़िंदगी जी पाना किसी... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 3 4 410 Share Dr. Seema Varma 26 May 2023 · 1 min read जुदाई खरगोश सी मुलायम, निर्दोष पर तेज भागती जिंदगी ठहर ही जाती वहीं , जहाँ जुदा जोड़ी कदम की हो गई थी कि नादान सी उम्मीद जानें क्यों जिंदा रही थी!... Poetry Writing Challenge 1 163 Share Dr. Seema Varma 26 May 2023 · 1 min read ऐ ज़िन्दगी .. ऐ ज़िन्दगी न जाओ अभी छोड़ कर अभी कुछ अधरों पर मुस्कान का आना बाकी है! पुष्प खिले हैं अभी अभी मुस्काई है कली अभी तितलियों को बगीचे में संसार... Poetry Writing Challenge 2 2 146 Share Dr. Seema Varma 26 May 2023 · 1 min read हंस हंस जो उतरा आसमान से श्वेत रँग तेरे मन के जैसा उतर धरा पर चुगता मोती मोती भी देखो आंसू जैसा । हिरन के जैसी आँखे मेरी आस बान्ध कर... Poetry Writing Challenge 143 Share Dr. Seema Varma 26 May 2023 · 1 min read खामोश आवाज़ कभी तुम कभी तुम्हारा अक्स बातें किया करता है तुम न सही तुम्हारा अहसास जिया करता है तुम्हारी खामोश आँखों से बह कर एक कतरा मेरी धड़कन में समा गया... Poetry Writing Challenge 1 175 Share Dr. Seema Varma 26 May 2023 · 1 min read बचपन कुछ मासूम से लम्हें भरते हैं किलकारियां उस झील की आगोश में ठंडी सुनहरी धूप में कश्तियों में करती अठखेलियाँ बचपन की मुस्कुराहटें ! लापरवाह बचपन में खोई एक ज़िंदगी... Poetry Writing Challenge 2 239 Share Dr. Seema Varma 26 May 2023 · 1 min read बरखा बरखा ने अपने आगमन की क्या महफ़िल सजाई है सुनो , झूमते पत्तों ने कोई धुन गुनगुनाई है ! नीम और गुलमोहर ने करतल की थाप लगाई है हिलोरें लेती... Poetry Writing Challenge 129 Share Dr. Seema Varma 26 May 2023 · 1 min read दर्द बेचैनी आपके मन की, मेरी आँख का अश्क बन उतर आई है पर खुशबू आपके एहसास की,वजह बन लबों पे मुस्कुराई है | छाँह खोज रहा है दर्द, धूप में... Poetry Writing Challenge 234 Share Dr. Seema Varma 25 May 2023 · 1 min read ख़्याल मुझे एक ख़्याल बनाकर बेख्याली में ही सही अपने ख़्यालों में रख लो ना इसरार ही समझ लो ना । तस्वीर कुछ बोलती नहीं तुम्हारी पर नजर मेरी कुछ बयां... Poetry Writing Challenge 2 1 398 Share Dr. Seema Varma 25 May 2023 · 1 min read बहुत याद आता है वो वक़्त एक तेरे जाने के बाद बहुत याद आता है वो वक़्त एक तेरे जाने के बाद आशियाँ 'आशियाँ' कहाँ रहता है,किसी एक के जाने के बाद | फट गया था आसमान किसी एक लम्हे में... Poetry Writing Challenge 1 1 394 Share Dr. Seema Varma 21 May 2023 · 1 min read हकीकत जानें क्यों अब खुद से दूर जाने लगे हैं अंधेरे तन्हाईयों के पास बुलाने लगे हैं। हकीकत ने दुनिया से कुछ यूं सामना कराया कि हर चेहरे में दुश्मन नजर... Poetry Writing Challenge 1 323 Share Dr. Seema Varma 20 May 2023 · 1 min read ज़िद ज़िद आँखों के दरिया को पलकों से बाँध जाने की ज़िद जज़्बात के सैलाब को खुद में समाने की ज़िद सन्नाटे में आहट को न सुन जाने की ज़िद तन्हाई... Poetry Writing Challenge 1 1 307 Share Dr. Seema Varma 20 May 2023 · 1 min read चाय जाड़े की सुरमई शाम और अदरकी चाय की चुस्कियां गुजरती शाम में तन्हाई का समां हमें तनहा होने नहीं देता। यादों की सुलगती आँच बेहद नरमी से सपनों की सिकाई... Poetry Writing Challenge 1 1 277 Share Dr. Seema Varma 20 May 2023 · 1 min read तुम्हारा चश्मा आज तुम्हारा चश्मा लगाना ही पड़ा हमें.. अधमुंदी आँखों से देख रही थी अब तक यह दुनिया चँद चेहरे ही उघड़े थे अभी कि अब तक तुम्हारी आँखों से देखी... Poetry Writing Challenge 1 240 Share Dr. Seema Varma 20 May 2023 · 1 min read लौ दिए की इस लौ में आस की बाती जलती है चिता की उस लौ में आस आँखों की पिघलती है । इस दीपक की छोटी सी लौ जब तक घर... Poetry Writing Challenge 1 1 181 Share Dr. Seema Varma 19 May 2023 · 1 min read तुम पलाश मैं फूल तुम्हारा। तुम पलाश मैं फूल तुम्हारा। नील गगन के सूरज तुम, मैं उगते सूरज की लाली हूं , अथाह सागर से गहरे तुम, और मैं सागर की "सीमा" हूं। तुम पुष्प... Poetry Writing Challenge 2 3 345 Share Dr. Seema Varma 18 May 2023 · 1 min read तारों का झूमर तारों का झूमर आज क्यों आसमाँ से झील में उतर आया है ठहरी हुई आँखों में मानो इन आँखों ने एक आशियाँ ख़्वाब का सजाया है । मेघों की ओट... Poetry Writing Challenge 367 Share Dr. Seema Varma 18 May 2023 · 1 min read तस्वीर तुम्हारी तस्वीर से झांकती आंखों ने तोहफा जो मांग लिया हमसे आज मुस्कुराकर पलकें झुका कर नजर कर दिया पूरा नगमा तुम्हें। वह तुम्हारी तस्वीर के कांच पर ठहर गए... Poetry Writing Challenge 334 Share Dr. Seema Varma 18 May 2023 · 1 min read कोरे पन्ने आज एकांत में कुछ उदास अक्षर गुनगुनाये थे 'कहाँ रहती हो गुम" कलम से शिकायत करने आये थे | काग़ज़ भी बिन लहरों के दरिया सा कोरा था अल्फाजों के... Poetry Writing Challenge 126 Share Dr. Seema Varma 18 May 2023 · 1 min read ज़िंदगी बिन दीवार की मकान हो गयी है ज़िंदगी सियासती दुकान हो गयी है ! मेला यहाँ बुझते चिरागों का है लौ चिराग की बदनाम हो गयी है ! सच की... Poetry Writing Challenge 185 Share Dr. Seema Varma 18 May 2023 · 1 min read आज़माइश आजमाईश कैसी ये हमारी यारब... तुम समंदर हम दरिया मिलन तो तुमसे ही होना था फ़र्क सिर्फ़ एक सोच का है या दरिया का खुद को खोना था या उसे... Poetry Writing Challenge 219 Share Dr. Seema Varma 18 May 2023 · 1 min read इन्तज़ार मुद्दत हुई इस इंतजार में कि सुकूं को आंखों में ले गिरा लेती मैं पलकें कि तुम आए ही नहीं इन आंखों से मिलने। तराशती रही मैं खुद को कि... Poetry Writing Challenge 106 Share Dr. Seema Varma 18 May 2023 · 1 min read आसान नहीं होता... आसान नहीं होता , अकेले सच का अडिग रहना और झूठ से लड़ जाना। आसान नहीं होता, कटे हुए पंखों के साथ आसमान में उड़ान भर जाना। हाँ, आसान नहीं... Poetry Writing Challenge 318 Share Dr. Seema Varma 16 May 2023 · 1 min read तारीख आज फिर इस महीने की वही तारीख आई है, तुम्हारी तस्वीर देख आज फिर आँख भर आई है ! आसमां से एक टूटा सितारा भी न गिरा इस ज़मीं पर... Poetry Writing Challenge 214 Share Dr. Seema Varma 16 May 2023 · 1 min read चौथ का चांद चलो आज उस चाँद में अपने चाँद को खोया जाए ज़िन्दगी के आसमान में कुछ तारों को बोया जाए ! इंतज़ार में है चाँद के, मुस्कुराती आँखों का एक सपना... Poetry Writing Challenge 286 Share Dr. Seema Varma 14 May 2023 · 1 min read फाग हवा आज फिर दस्तक दे बाहर बुला रही है तुम्हारी रूह फिर हमें आवाज़ लगा रही है | बयार फिर तिनकों को मेरे पास गिरा रही है लम्हों को समेटते... Poetry Writing Challenge 82 Share Dr. Seema Varma 30 Nov 2018 · 1 min read तेरी ममता मेरा गहना है... बाल मन मेरा बाल मन इस पल भी रोया करता है तेरी लोरी सुनने को आतुर तेरी अंक मे सोया रहता है। मैं निरीह सा ,नीड़ का शावक पंछी राह... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 16 1k Share