Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2023 · 1 min read

हकीकत

जानें क्यों अब खुद से दूर जाने लगे हैं
अंधेरे तन्हाईयों के पास बुलाने लगे हैं।

हकीकत ने दुनिया से कुछ यूं सामना कराया
कि हर चेहरे में दुश्मन नजर आने लगें हैं।

पुलिंदा बेचैनियों का बन रहा है दिल हमारा
अपना कहने वाले भी वार कराने लगे हैं।

रवायत रिश्तों को निभाने की बदल सी गई है
औरों की खुशी के लिए अज़ीज़ को रुलाने लगे हैं।

सन्नाटा आसमान का पसर गया है दिल में हमारे
कदमों की हर आहट से हम जी चुराने लगें है।

सितारे को हासिल होने का वहम पाल रखा था
खाली हाथ की रेखाओं से जी बहलाने लगे हैं।

न रब से कोई शिकवा न कोई शिकायत है हमें
कि अब इबादत से भी दिल को हटाने लगे हैं।

डॉ सीमा ©

Language: Hindi
1 Like · 321 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Seema Varma
View all
You may also like:
* थके नयन हैं *
* थके नयन हैं *
surenderpal vaidya
उनका ही बोलबाला है
उनका ही बोलबाला है
मानक लाल मनु
डिग्रीया तो बस तालीम के खर्चे की रसीदें है,
डिग्रीया तो बस तालीम के खर्चे की रसीदें है,
Vishal babu (vishu)
ट्रेन का रोमांचित सफर........एक पहली यात्रा
ट्रेन का रोमांचित सफर........एक पहली यात्रा
Neeraj Agarwal
मैं चोरी नहीं करता किसी की,
मैं चोरी नहीं करता किसी की,
Dr. Man Mohan Krishna
बाज़ार से कोई भी चीज़
बाज़ार से कोई भी चीज़
*Author प्रणय प्रभात*
स्त्री एक देवी है, शक्ति का प्रतीक,
स्त्री एक देवी है, शक्ति का प्रतीक,
कार्तिक नितिन शर्मा
" पाती जो है प्रीत की "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
कैसे लिखूं
कैसे लिखूं
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दूर जाकर क्यों बना लीं दूरियां।
दूर जाकर क्यों बना लीं दूरियां।
सत्य कुमार प्रेमी
दास्तां
दास्तां
umesh mehra
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
Manju sagar
प्रिंसिपल सर
प्रिंसिपल सर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
डर-डर से जिंदगी यूं ही खत्म हो जाएगी एक दिन,
डर-डर से जिंदगी यूं ही खत्म हो जाएगी एक दिन,
manjula chauhan
नारी शक्ति वंदन
नारी शक्ति वंदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
बेटियां तो बस बेटियों सी होती है।
बेटियां तो बस बेटियों सी होती है।
Taj Mohammad
"गणित"
Dr. Kishan tandon kranti
शक
शक
Paras Nath Jha
सृष्टि की अभिदृष्टि कैसी?
सृष्टि की अभिदृष्टि कैसी?
AJAY AMITABH SUMAN
लफ्जों के तीर बड़े तीखे होते हैं जनाब
लफ्जों के तीर बड़े तीखे होते हैं जनाब
Shubham Pandey (S P)
!! वीणा के तार !!
!! वीणा के तार !!
Chunnu Lal Gupta
सवाल ये नहीं
सवाल ये नहीं
Dr fauzia Naseem shad
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सफर कितना है लंबा
सफर कितना है लंबा
Atul "Krishn"
💥सच कहा तो बुरा मान गए 💥
💥सच कहा तो बुरा मान गए 💥
Dr.Khedu Bharti
या तो लाल होगा या उजले में लपेटे जाओगे
या तो लाल होगा या उजले में लपेटे जाओगे
Keshav kishor Kumar
*मिलती जीवन में खुशी, रहते तब तक रंग (कुंडलिया)*
*मिलती जीवन में खुशी, रहते तब तक रंग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नन्हे बाल गोपाल के पाच्छे मैया यशोदा दौड़ लगाये.....
नन्हे बाल गोपाल के पाच्छे मैया यशोदा दौड़ लगाये.....
Ram Babu Mandal
कुछ यूं मेरा इस दुनिया में,
कुछ यूं मेरा इस दुनिया में,
Lokesh Singh
अफ़सोस
अफ़सोस
Shekhar Chandra Mitra
Loading...