कवि संजय कौशाम्बी Tag: कविता 78 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि संजय कौशाम्बी 3 May 2020 · 2 min read क्या दिन थे वो... क्या दिन थे वो जब हम घर से बाहर जाया करते थे चाट,पकौड़ी और बतासे जमकर खाया करते थे दूकानों पर छनी जलेबी और समोसे चले गए छोले-भटूरे,इडली-विडली,डोसे-वोसे चले गए... Hindi · कविता 1 1 528 Share कवि संजय कौशाम्बी 24 Mar 2020 · 1 min read तुम्हारी बहुत याद आती है तुम्हारी बहुत याद आती है ----------------------------- जब भी सूरज निकलता है पक्षी चहचहाते हैं भोर की लालिमा में हवा के झकोरों से फसलें लहराती हैं सच बताऊँ! तुम्हारी बहुत याद... Hindi · कविता 1 369 Share कवि संजय कौशाम्बी 24 Mar 2020 · 1 min read उदास सी क्यों है किसी अनजानी सी आहट की तलाश सी क्यों है मेरे घर की ओर जाने वाली गली उदास सी क्यों है हुए रुसवा दूरियाँ बढ़ती रही बिछड़ कर मुझसे वो अब... Hindi · कविता 1 511 Share कवि संजय कौशाम्बी 24 Mar 2020 · 1 min read मुक्ति दे दो मुझे तुम्हारा बिछड़ना यकीनन दुखदाई था यूँ लगा जैसे आकाश की तिजोरी से लुट गया हो चाँद,सूरज और सितारों का साम्राज्य यूँ लगा जैसे खो गई हो कस्तूरी मृग के शरीर... Hindi · कविता 1 216 Share कवि संजय कौशाम्बी 24 Mar 2020 · 1 min read पुरानी तस्वीरें खुद को पहचानने की कोशिश कल और आज का बदलाव अतीत में डूब जाने की उत्कंठा जाने क्या कारण है नहीं पता मुझे किन्तु फिर भी पुरानी तस्वीरें देखना अच्छा... Hindi · कविता 1 556 Share कवि संजय कौशाम्बी 24 Mar 2020 · 2 min read शब्दों को मुस्कुराते हुए एक दिन मैं हिंदी वर्णमाला के अक्षरों से बुन रहा था शब्दों के जाल ताकि उनमे अपने जज्बातों को पिरोकर लिख सकूँ कोई भावयुक्त कविता किन्तु जैसे ही मैं लिखता... Hindi · कविता 1 399 Share कवि संजय कौशाम्बी 24 Mar 2020 · 1 min read वक़्त के आगे भाग युवा तज नींद को अब तू जाग युवा अपने अधिकार को मांग युवा जीवन में कुछ करना है तो वक़्त के आगे भाग युवा सागर की लहर को मोड़ दे तू... Hindi · कविता 2 347 Share कवि संजय कौशाम्बी 23 Mar 2020 · 1 min read तुम अव्वल दर्जे के मूर्ख हो पता है मुझे अब कुछ दिन तुम यही करोगे मन्दिर,मस्जिद,चर्च,गुरुद्वारे बन्द करने को कहोगे अस्पतालों की पैरवी करोगे ये कोई नई बात नहीं है किन्तु बात वही है इतनी उम्र... Hindi · कविता 1 1 357 Share कवि संजय कौशाम्बी 22 Mar 2020 · 1 min read कर्फ्यू अभी जारी है धन्यवाद देना था उत्सव नहीं मनाना था कोरोना अभी जिंदा है तुम्हें बाहर नहीं आना था भूल गए कोरोना महामारी है घर के अंदर जाओ कर्फ्यू अभी जारी है Hindi · कविता 1 421 Share कवि संजय कौशाम्बी 21 Mar 2020 · 1 min read सोरठा छंद सोरठा छंद कब से रहा पुकार,खड़ा शारदे द्वार मैं विनती लो स्वीकार,माँगू तेरा प्यार मैं रख दो हाथ अशीष,माँ वीणापाणि दयाल नतमस्तक मुनि ईश,सब लाये पूजा थाल तेरे चरण पखार,करूँ... Hindi · कविता 694 Share कवि संजय कौशाम्बी 21 Mar 2020 · 1 min read पिटने-पिटाने से क्या फायदा" लड़की कहती है "पास अपने बिठा लो मुझे साजना कष्ट होंगे जो जीवन में टल जायेंगे ये उदासी क्यों चेहरे पे छायी पिया खुश रहो अब सितारे बदल जायेंगे तन... Hindi · कविता 249 Share कवि संजय कौशाम्बी 21 Mar 2020 · 1 min read ना सखि गरमी पकड़ कलाई देह लगावे सखियन बीच मोहि तड़पावे छोड़े न मोहे घर अंग ना का सखि साजन?न सखि कंगना अंग अंग सखि प्यास बढ़ावै बगिया मा मोरे बौरावै खींच अँचरा... Hindi · कविता 1 414 Share कवि संजय कौशाम्बी 21 Mar 2020 · 1 min read तनि धीर धरो दुख के दिन बीत अतीत भयो मनमीत न नैनन नीर भरो रचना रच दो नव जीवन की दुखते हिय की कुछ पीर हरो मन की दुविधा घटने तक तो सिय... Hindi · कविता 1 1 305 Share कवि संजय कौशाम्बी 21 Mar 2020 · 1 min read तज दे रैन बसेरा आ गयी अन्त समय की बेला,देश हुआ बेगाना उठा ले बन्दे सिर पर अपने,सारा माल खजाना झूठ मूठ के नाते हैं सब,झूठी तेरी काया मोह त्याग दे इस दुनिया का,दुनिया... Hindi · कविता 245 Share कवि संजय कौशाम्बी 21 Mar 2020 · 1 min read कब आओगे राम ◆सरसी/कबीर/सुमंदर छंद [सम मात्रिक]◆ विधान ~[ 27 मात्रा, 16,11 पर यति, चरणान्त में 21,कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत] (1) दिन खेला फिर रात सो गयी जागी चंचल भोर... Hindi · कविता 1 260 Share कवि संजय कौशाम्बी 21 Mar 2020 · 1 min read कविता दिवस पर ....कवि ऐसे ही होते हैं उड़ जाती है नींद आँख से दिन का चैन भी खोते हैं समझ सके न जिनको दुनिया कवि ऐसे ही होते हैं रूहों की बस्ती में जाकर उनकी गाथा गाते... Hindi · कविता 292 Share कवि संजय कौशाम्बी 20 Mar 2020 · 1 min read मारै का है कोरोनवा का.... बन के नगीना जड़े रहौ घरवै मा तुम पड़े रहौ मारै का है कोरोनवा का जंग अनोखी लड़े रहौ घरवा से बाहर न घूमौ यारन के साथे न झूमौ बच... Hindi · कविता 1 225 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read कोरोना...मजाक नहीं है बात समझो न यूँ नादान रहो ये कोरोना है सावधान रहो महामारी है ये इसको दबाना मुश्किल है फैल जाए तो इसे रोक पाना मुश्किल है इसकी शुरुआत एक दो... Hindi · कविता 252 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read मन के चंचल दर्पण में मन के चंचल दर्पण में इक तेरा चेहरा रहता है जैसे बीच बदलियों के वो चाँद सुनहरा रहता है रंग तितलियों के लेकर तू उड़ जाती है बागों में सुर... Hindi · कविता 309 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read संत कबीर हंस किया करता अलग क्षीर और नीर था खिचड़ी भाषा बोलता था संत वो कबीर था पाला पोसा नीरू नीमा ने बड़े ही प्यार से पर खफ़ा रहा सदा वो... Hindi · कविता 209 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read कविता मेरी जाग रही काश कि रोटी होती कविता ढेरों रोज पकाता भूख से व्याकुल लोगों के संग बैठ पेट भर खाता कम्बल बनती कविता तो न ठण्ड से कोई मरता शब्दों के धागों... Hindi · कविता 227 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read नाम तुझे क्या दूँ मैं कभी फूलों सा नर्म हो जाना जख्म़ काँटों का कभी दे जाना कभी तो रौनक ए महफिल तू बनी गयी तनहाइयाँ देकर के कभी हँसाया तूने कभी जी भर कर... Hindi · कविता 221 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 2 min read न काबा दो न काशी दो आतंक का जलवा देख रहा है जग कश्मीर की घाटी में न जाने बो रहा कौन बारूद मुल्क की माटी में वीर शहीदों ने जाँ अपनी जिस माटी में गँवाई... Hindi · कविता 205 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 2 min read रक्षक हैं ये जवान झूठ का पर्दा हटा आँख से सच्चाई को देखो तुम कश्मीरवासियों वीर जवानों पर मत पत्थर फेंको तुम याद करो जब बाढ़ की जद में फँसा हुआ कश्मीर था बालक,महिला,वृद्ध... Hindi · कविता 388 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 3 min read चन्द्रशेखर आजाद महान क्रान्तिकारी शहीद चन्द्रशेखर आजाद जी की जयन्ती पर प्रस्तुत है मेरी नवीनतम रचना- अंग्रेजों का सदियों से मुल्क ये गुलाम था जुल्म,ज्यादती का घोड़ा बेलगाम था सूरज चुरा लिया... Hindi · कविता 253 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read जिंदगी फिर मौका नहीं देती ये जीवन है कशमकश में उलझा हुआ स्वार्थ में जकड़ा हुआ डूबता-उतराता इच्छाओं के अनन्त महासागर में दौड़ना-भागना कभी खुद के लिए कभी उनके लिए वेदनाओं में इतना उलझे कि... Hindi · कविता 222 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read कम्बख्त तू मुस्कुराती रही मैं खाता रहा ठोकरें दर ब दर और कम्बख्त तू मुस्कुराती रही तूने बताया ही कब सच और झूठ का फर्क मैं तो वही बोलता रहा जिंदगी जो तू सिखाती... Hindi · कविता 1 448 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read स्पीड ब्रेकर फेवीक्विक लाया है वो बाजार से शायद उसे नहीं पता कि रिश्ते जुड़ते हैं केवल प्यार,विश्वास और समर्पण से उस दिन हुआ जिम्मेदारी का एहसास जब पापा का जूता मेरे... Hindi · कविता 310 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read मजा जन्म पाया तो लिया दुनिया में आने का मजा छुटपन में उन दस पाँच पैसों को कमाने का मजा आयी जवानी तो अदा से दिल चुराने का मजा बेबस बुढ़ापा... Hindi · कविता 382 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read पहुँच अपनी भी प्यारे बड़ी सरकार में है कई जनमों से दिल ये तुम्हारे प्यार में है सिवा तेरे भला क्या यहाँ संसार में है खता नजरों की जब से हवा बनकर चली है तभी से यार मौसम... Hindi · कविता 216 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read तिरंगे को ओढ़कर माँ-बाप,बीवी-बच्चों से सब नाता तोड़कर फिर चल दिया जवान तिरंगे को ओढ़कर बड़ी मन्नतों के बाद जिसे पाया था,गया कंधों पे बूढ़े बाप के जनाजा आ गया सेहरा न सजा... Hindi · कविता 359 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read खूनखराबा होने दो कान बंद कर पाक सिंह ने खुलकर आज दहाड़ा है जो भी पड़ा सामने उसको दंत नखों से फाड़ा है दुनिया भर में गूँज रही जो दिल्ली की ललकार सुनो... Hindi · कविता 449 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 2 min read एक सैनिक की वेदना मिरे सीने में कोई गोली जब दगी होगी तड़प के नींद से माँ चौंक कर जगी होगी समझ न आया होगा दिल के धड़कने का सबब छू के तस्वीर मेरी... Hindi · कविता 292 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read नोटबन्दी के समय ... पहले भी जनता भूखी थी पहले भी फाँके पड़ते थे चोरी-छिनैती होती थी पहले भी डाके पड़ते थे पहले भी शादी रुकती थी पहले भी बेटी रोती थी पहले भी... Hindi · कविता 211 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read महायज्ञ में तत्पर हैं सब महायज्ञ में तत्पर हैं सब बातें चन्द करेगा कौन खुली तुम्हारी पोल देखकर भारत बन्द करेगा कौन सत्तर साल से बन्द रहा सत्ता की जोरा जोरी में बेबस अबला नारी... Hindi · कविता 169 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read यूँ ही टूट गए घर जाने कितने आपस के ही क्लेश से अस्सी साल हुए न समझे भिड़े पुत्र अखिलेश से बोल रहा इतिहास सियासत होती बड़ी कमीनी है पहली बार पिता... Hindi · कविता 1 180 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read सब मीत पुराने आगे बढ़कर पीछे देखो क्या दिखता है? दिखा कोई अपना या मात्र धुआँ दिखता है अपने दिखें तो बढ़ते जाना धुआँ दिखे तो लौट के आना करना याद हमेशा रब... Hindi · कविता 386 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read प्यारा गणतंत्र मुबारक हो सन् सैंतालिस में हम सब हो गए स्वतंत्र मुबारक हो छब्बीस जनवरी बना गई प्यारा गणतंत्र मुबारक हो आजादी के बाद बीच जन गहरी-गहरी खाँई थी सब कुछ तितर-बितर था... Hindi · कविता 225 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 2 min read भारत नया बनायें हम अंधकार है गहन धरा पर आओ इसे मिटायें हम करें उजाला हर कोने में खुद दीपक बन जायें हम अलग-अलग कमजोर रहेंगे मिलकर सारे एक हों मंजिल हमको खोजेगी गर... Hindi · कविता 310 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read विश्वास नहीं डिगने देना भूल तुम्हारी है गर समझे परिवर्तन की आहट है ये तो मात्र नियंता के मन की पीड़ा अकुलाहट है यूपी के जनता की सुन लो कैसी करुण कहानी है न... Hindi · कविता 447 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read मुस्कुराना सीख लो ज़िन्दगी की साज पर तुम सुर सजाना सीख लो मन की वीणा करके झंकृत गुनगुनाना सीख लो खुद-ब-खुद मंजिल तुम्हारे पास चलकर आएगी अजनबी राहों को बस अपना बनाना सीख... Hindi · कविता 198 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read अब मुस्कुराना आ गया कुछ गए कुछ आ गए यूँ जिन्दगी चलती रही उगती रहीं दिनकर की किरने साँझ भी ढलती रहीं किन्तु आशायें हमेशा आँख में पलती रहीं इस तरह पतझड़ में फूलों... Hindi · कविता 1 174 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read देख के लाश मेरी देख के लाश मेरी चीखकर के उसने कहा ये वो नहीं है जिसे मैने कभी चाहा था वो तो मुस्कान को होंठों पे सदा रखता था भूल जाती थी मैं... Hindi · कविता 209 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read नेता जी सुभाष चन्द्र बोस नदी की धारा के अनुकूल भी बह सकता था आई सी एस था बड़े चैन से रह सकता था मगर न रास उसे आई गुलामी यारों तभी तो दे रहा... Hindi · कविता 193 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मैं आऊँगा पलटकर ओढ़कर के कोहरे की सर्द चादर कौन है जो जा रहा खुद में सिमट कर काँपती उस आत्मा का तन-बदन कह रहा मत देख आऊँगा पलट कर जानी-पहचानी सी उस... Hindi · कविता 156 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read आख़िरी ख़त मोबाइल के गुटर- गूं के साथ व्हाट्सऐप,फेसबुक,मैसेंजर पर बोलती अँगुलियों ने हृदय की भाषा को कर दिया मौन कितना अच्छा लगता था घंटो सोचना भावनाओं को स्याही में घोलना और... Hindi · कविता 214 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मुक्ति दे दो मुझे तुम्हारा बिछड़ना यकीनन दुखदाई था यूँ लगा जैसे आकाश की तिजोरी से लुट गया हो चाँद,सूरज और सितारों का साम्राज्य यूँ लगा जैसे खो गई हो कस्तूरी मृग के शरीर... Hindi · कविता 174 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 4 min read ईमान बिक गया ढेले में बड़ा अचम्भा देखा हमने, इस दुनिया के मेले में बेईमानी में मिले करोङों,ईमान बिक गया ढेले में झूठ का सब बाजार लगा है, लूट रहा है जादूगर सड़कों पर हो... Hindi · कविता 985 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read इनबाॅक्स में आ जाना जा रहा हूँ मैं परदेश अपना ख्याल किया करना जब याद मेरी आए मिसकाॅल किया करना स्मार्टफोन लेकर नेट पैक डला लेना तस्वीर भेजना रोज व्हाट्सऐप चला लेना सेन्ड करना... Hindi · कविता 196 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read गाँधी बाबा आ गए लूट-लूट अंग्रेज गरीबों की जब रोटी खा गए लाठी लेकर उन्हें भगाने गाँधी बाबा आ गए खूब लगान वसूला उन गोरों ने अत्याचार से परेशान थी जनता सारी जब कोड़ों... Hindi · कविता · बाल कविता 176 Share Page 1 Next