Godambari Negi Pundir Language: Hindi 186 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Godambari Negi Pundir 4 Jul 2022 · 1 min read 'बादल'(जलहरण घनाक्षरी) मेघ की बारात चली,गगन में गली गली, दिनकर दिखे नहीं, धूप जाने है किधर। दामिनी लपक चले,चाल वो चपल चले, काली घटा मुख ढले,डोल रहा जलधर। मयूर मगन वन, लाए... Hindi · कविता 277 Share Godambari Negi Pundir 3 Jul 2022 · 1 min read 'रिश्ते' ये रिश्ते ये नाते हमें हंसाते रुलाते, कभी रूठ जाते कभी गुदगुदाते। बचपन के रिश्ते, होते हैं प्यारे, संग संग रहते, मानो चंदा तारे, पिता माँ दादी , दद्दा बहन... Hindi · कविता 179 Share Godambari Negi Pundir 3 Jul 2022 · 1 min read 'शिव' (डमरु घनाक्षरी ) दहक दहक थल, बदन सदन झल, गरल लहर चल, सकल जगत पर। दरक दरक धर ,विकट विपद पर , छड़ तप शशि धर, विष घट रख कर। गटक गटक गट,... Hindi · मुक्तक 276 Share Godambari Negi Pundir 24 Jun 2022 · 1 min read शेर मेरी उदासियों में कोई शामिल नहीं, मैं वो दरिया हूँ जिसका साहिल नहीं। -Gnp Hindi · शेर 2 119 Share Godambari Negi Pundir 23 Jun 2022 · 1 min read मनुज हैं देह मनुज पाई है हमने, दनुज से कर्म क्यों करें। प्यास बुझा न सकें अगर, अंगार उनपर क्यों झरें। तोड़ फोड़ से होड़ कैसी, हो सके वतन पर ही मरें।... Hindi · मुक्तक 1 165 Share Godambari Negi Pundir 16 Jun 2022 · 1 min read 'कवि कुछ ऐसा गीत लिख दो' हो प्रसन्न मन वदन काया, गीत कवि लिख दीजिए। सुप्त तन दुखित जन सभी को, चेतना वर दीजिए। देश भक्ति से हृदय पूरित, भ्रमित मन को ज्ञान दो। हों न... Hindi · गीतिका 1 531 Share Godambari Negi Pundir 13 Jun 2022 · 1 min read 'नज़रों का रुख' न जाने नज़रें, तेरी नज्मों का रुख़ क्यों करती हैं? कि हर नज़्म तेरी बेरहमी से मेरा कत्ल करती हैं। हर हर्फ़ बिखर जाता है दिल में दर्द बनकरके यूँ,... Hindi 2 143 Share Godambari Negi Pundir 13 Jun 2022 · 1 min read 'धूप-छाँव का सफ़र' जिन्दगी का सफर जिस राह से होकर गुजरता है, कभी धूप तो कभी छाँव की सीढ़ी पर चढ़ता उतरता है। तपता लोहार की धौंकनी में कभी , कभी चाँदनी की... Hindi 1 149 Share Godambari Negi Pundir 2 Jun 2022 · 1 min read 'वट वृक्ष' साक्षात त्रिदेव वट, सब तरुओं से हट। अंतर अमिय घट, गमन परख झट।। दीर्घजीवी होती जड़, दूर रहे पतझड़। गहन भू तक गढ़, कहाए अक्षय वट।। हैं ब्रह्मा जड़ भीतर,... Hindi · घनाक्षरी 1 1 185 Share Godambari Negi Pundir 1 Jun 2022 · 1 min read 'अत्याचार और स्वार्थ का त्याग करें' कोरोना के बाद चार धाम यात्रा आरंभ होने पर इस बार यात्रियों की अथाह भीड़ उमड़ रही है। इसका आर्थिक लाभ हर व्यक्ति लेना चाहता है ,चाहे छोटा व्यवसाय करने... Hindi · लेख 208 Share Godambari Negi Pundir 1 Jun 2022 · 1 min read 'खाली समय' खाली बोतल जान समय को, सुन पगले तू ठुकरा मत देना। किस्मत वालों को ये मिलता, मन के भीतर तुम बैठा लेना। दौर है मुश्किल का वर्तमान का, खली समय... Hindi · कविता 1 1 267 Share Godambari Negi Pundir 31 May 2022 · 1 min read 'धूप' 'धूप' कच्ची धूप हो या पक्की धूप, मुझे भाती हर तरह की धूप। शरद ऋतु की गुनगुनी सी धूप, ठिठुरते तन को तपाती धूप। जेष्ठ की आग बरसाती धूप, छाँव... Hindi · कविता 231 Share Godambari Negi Pundir 30 May 2022 · 1 min read 'दो बोल' कभी तो इन खामोश, लबों को खोला करो। नफ़रतों के ही सही, दो बोल बोला करो। Hindi · शेर 147 Share Godambari Negi Pundir 30 May 2022 · 1 min read "पिता कुटुंब की धुरी" पिता धुरी कुटुंब की, घूमे सब चहुंओर। श्रम-स्वेद बहा रहा, नाच रहा मन मोर।। ज़रूरत होती पूरी, होता है पिता ज़रूरी। मिले पिता अवलंब, मिलता जीवन छोर।।1 मनोबल देता पिता,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · घनाक्षरी 4 7 243 Share Godambari Negi Pundir 29 May 2022 · 1 min read 'आतंकवाद से छोड़ दे यारी' आतंकवाद से क्यों करता यारी, मानवता के हित में ये है गद्दारी। पाया आकर तूने क्या इस जग में, जो करता हरदम जाने की तैयारी। अपनेपन से तू रहा सदा... Hindi · कविता 199 Share Godambari Negi Pundir 29 May 2022 · 1 min read 'आरती माँ भारती की' आओ आरती उतारें हम माँ भारती की, देवों की भूमि कर्म-भूमि पार्थ सार्थी की। रक्षा में तत्पर है जिसकी हिमालय, वक्ष स्थल पर शुशोभित पाप तारती की। है कश्मीर प्रदेश... Hindi · कविता 1 318 Share Godambari Negi Pundir 28 May 2022 · 1 min read 'किनारा' हमने जिसे समझा था सहारा, वो किनारा अब है ही कहाँ? हरा था भरा था लुभावन था कभी भरपूर, उड़ती है बिखरती है रेत ही रेत अब वहाँ। पंक्ति बद्ध... Hindi · कविता 1 177 Share Godambari Negi Pundir 24 May 2022 · 1 min read सुविचार 'आरक्षण'व्यक्ति की प्रगति में बाधक 'मुफ्त की लत' समाज में अकर्मण्यता की पोषक' -गोदाम्बरी नेगी✍ Hindi · कोटेशन 1 156 Share Godambari Negi Pundir 24 May 2022 · 1 min read 'ले चल पार ' पार मोहे लेकेे चल, आस मोहे देके चल। पतवार खेके चल, पाँव नाव टेके चल।। चल मांझी पार चल, नौका को उतार चल। धार को निहार चल, ले समीर सार... Hindi · घनाक्षरी 1 195 Share Godambari Negi Pundir 22 May 2022 · 1 min read शेर पले तू पहले तू में गाड़ी निकल गई, देखते - देखते उम्र ही सारी ढल गई। Hindi · शेर 105 Share Godambari Negi Pundir 20 May 2022 · 1 min read 'नज़रिया' नज़रिया बदल नजारा बदल जाएगा। सारा वक्त खुशियों में निकल जाएगा। चिकने पत्थर पे संभल के रख कदम , वरना लड़खड़ा के पाँव फिसल जाएगा। ये दुनिया तो उस खुदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 179 Share Godambari Negi Pundir 15 May 2022 · 1 min read "तन्हाई" तन्हाई मतलब अकेलापन, जब कोई अपना आसपास न हो तब हम तन्हाई में जीते हैं। कभी पूरा परिवार साथ होने पर भी हम खुद को तन्हा पाते हैं। यानि हम... Hindi · लेख 235 Share Godambari Negi Pundir 8 May 2022 · 1 min read 'माँ की ममता' वात्सल्य भाव है सत्य सनातन, इसके बिन दुखित है शिशु जीवन। माँ के हृदय में ममता वो बसती, निर्भय हम पलते जिसके उपवन। भरती है अपनेआँचल में दुख, बच्चों को... Hindi · कविता 214 Share Godambari Negi Pundir 7 May 2022 · 1 min read माँ माँ का प्रेम अनमोल है, जग में न कोई तोल है। दो उँगल जगह न मिले, इस जग में अगर तुझे, जा माँ की गोद सो ले, उसका आँचल बेमोल... Hindi · कोटेशन 1 145 Share Godambari Negi Pundir 3 May 2022 · 1 min read 'श्रमशील' श्रम कर सब जग, बन जाता विकसित। बलशाली रहे तन, रक्षित जीवन।। सुन जग कर्म क्षेत्र, मत भूल खोल नेत्र। मुरझाए बिन श्रम, स्व मुख-बदन।। ओढ़ श्रम निद्रा तज, ले... Hindi · घनाक्षरी 163 Share Godambari Negi Pundir 1 May 2022 · 1 min read 'हाँ मुझे शोर से समस्या है' मैं एक विद्यार्थी हूँ । हाँ मुझे लाउडस्पीकर की ऊँची ध्वनि विषय अभ्यास में बाधा उत्पन्न करती है । चिड़चिड़ाहट होने लगती है। परीक्षा के समय अधिक समस्या होती है।एकाग्रता... Hindi · लेख 215 Share Godambari Negi Pundir 1 May 2022 · 1 min read 'श्रम ही कर्म' कर्म ही धर्म है। कर्म से बचकर जी कैसे पाओगे? पशु भी कर्म करता है तब भोजन पाता है। सोचो कर्म न होता तो क्या करते । किसी से मेल-... Hindi · लेख 1 166 Share Godambari Negi Pundir 28 Apr 2022 · 1 min read 'संस्कार' 'संस्कार' शुद्ध कार्य या संशोधित कार्य। संस्कार एक प्रक्रिया है जो समाज में सभ्यता से रहना सिखाती है। संस्कार धार्मिक और सामाजिक दोनों प्रकार के होते हैं। संस्कार मनुष्य को... Hindi · लेख 1 250 Share Godambari Negi Pundir 25 Apr 2022 · 1 min read 'छोटा सा गाँव' गंगाजी के तट पर, नगर से हटकर, छोटा सा गाँव पुराना, बड़ा मनोरम। आँगन में शोभित हैं, आम्र नीम तरुवर, गेरू हाथ छाप द्वार, शोभा अनुपम। मनते तीज त्योहार, अनुरूप... Hindi · घनाक्षरी 1 215 Share Godambari Negi Pundir 22 Apr 2022 · 1 min read 'पृथ्वी दिवस' 'अर्थ डे' हे मानव पृथ्वी दिवस पर लौटा सकते हो पृथ्वी माँ को उसका कर्ज या कोई उपहार? क्या कर्ज उतारोगे ? कर्ज ना भी उतारो तो भी पृथ्वी तुम... Hindi · लेख 261 Share Godambari Negi Pundir 21 Apr 2022 · 1 min read सुकून मत तोल अपना मिट्टी का घरोंदा गैर के महलों से, कि सुकून से मुलाकात करने तुझे दर अपने लौटना होगा । Hindi · शेर 165 Share Godambari Negi Pundir 21 Apr 2022 · 1 min read बुल्डोजर ये बुल्डोजर वाले भी तभी सक्रिय होते हैं, जब कुछ घटित हो जाता है। जबकि हर समय निरीक्षण करते रहना चाहिए कि कोई अवैध निर्माण तो नहीं हो रहा है।... Hindi · लेख 236 Share Godambari Negi Pundir 20 Apr 2022 · 1 min read सती थी दक्ष की सुता सती,त्रिलोकी को निहारती, स्वीकारा शिव को पति,उचारे शिवम-शिवम। माने न पिता की बात, समझाती उसे मात, बीत जाए सारी रात, रहते नैन नम-नम। शिव ले बारात... Hindi · घनाक्षरी 1 2 198 Share Godambari Negi Pundir 17 Apr 2022 · 1 min read 'बच्चों का त्योहार पिता' बच्चों का बाजार पिता, खिलौनों का व्यापार पिता। खुशियाँ आंगन बनी रहे, हर घर का है त्यौहार पिता। मेला ठेला पर्व का कोष, उत्साह का अपार वो जोश। जादू की... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 9 197 Share Godambari Negi Pundir 17 Apr 2022 · 1 min read 'पिता' पिता नहीं तो हम नहीं, उनसे मिला शरीर। सुख चुन-चुन संतान दे, सहे स्वयं वो पीर। सहे स्वयं वो पीर, प्रसन्नता से भार सहे। हर ले दुख संतान, बोल न... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कुण्डलिया 5 14 189 Share Godambari Negi Pundir 16 Apr 2022 · 1 min read 'चाहत' 'चाहत' मुस्कराहट मुखड़े पर खिली रहे, ज़माने में तुमको खुशी मिलती रहे। दूर रहने से करीबियां कम होती नहीं, अगर आस मिलने की सुलगती रहे। पास तुम थे तो हर... Hindi · मुक्तक 191 Share Godambari Negi Pundir 16 Apr 2022 · 1 min read 'राह तेरी मेरी' अलग राह तेरी-मेरी एक है धूप सुनहरी दूजी छांह घनेरी एक है घना कुहासा दूजी धूप दूधिया एक है अनंग अनूप दूजी है बहुरूपिया एक अनोखी हरी छटा दूजी मुरझाई... Hindi · मुक्तक 2 180 Share Godambari Negi Pundir 15 Apr 2022 · 1 min read 'संकल्प' आओ सुनो! सब एक कहानी, है यह नई, नहीं सदियों पुरानी। हुआ अक्षर संत निरक्षर ज्ञानी, लिखा गया जग में अपनी कहानी। बेचा करता था संतरे चौराहों पर, मिला न... Hindi · कविता 176 Share Godambari Negi Pundir 15 Apr 2022 · 1 min read 'प्रहरी' देखो अद्भुत प्रहरी बनकर,डटकर बैठा है सीमा पर। देश की आन-बान की ख़ातिर, जीता है प्राण हथेली पर रखकर। साक्षी हैं उसके ये पर्वत और नदिया, है किसी का बेटा... Hindi · कविता 154 Share Godambari Negi Pundir 14 Apr 2022 · 2 min read अभिमानी अदिती अदिती को अपनी सुंदरता पर बहुत अभिमान था। वह छरहरी कद-काठी की थी। गोरा रंग, गुलाबी गाल, बड़ी-बड़ी काली आँखें , गुलाब पंखुड़ी सी होंठ आकृति, सुनहरे लंबे घने केश... Hindi · कहानी 184 Share Godambari Negi Pundir 14 Apr 2022 · 1 min read बेवज़ह मिलना तो था तुम से.. पर कैसे कहूँ... कहीं तुम ये न पूछ बैठो... किस लिए? क्या कहेंगे... हम को भी नहीं पता।। काम तो कुछ नहीं.. पर यों ही... Hindi · कविता 1 205 Share Godambari Negi Pundir 11 Apr 2022 · 1 min read 'नव संवत्सर' नव यौवन लिए प्रकृति आ गई, तरुवर ने किया पुष्प श्रृंगार। नव संवत्सर ने दरबार सजाया, माँ दुर्गा की रहा आरती उतार। मंद पवन मंदराचल से चल पड़ी, सहलाती हो... Hindi · कविता 175 Share Godambari Negi Pundir 21 Mar 2022 · 1 min read 'हे कविता तुझे नमस्कार!' भाव भरी रसधार तू ही मेघ मल्हार। लय ताल में गुंथे करते नाद वर्णहार। ललित मधुर मनोरम रूप अभिधा,व्यंजना, लक्षणा अनूप। वदन विविध अलंकार। करती नाना ध्वनि छल-छल, कल-कल घन... Hindi · कविता 1 264 Share Godambari Negi Pundir 14 Mar 2022 · 1 min read 'धीरज' कैसी जगत में, प्रभु की माया। कहीं धूप है, तो कहीं है छाया।। कभी दुख ने,आँखों को रुलाया। सुख ने भी आकर, हमें हंसाया।। धीरज रख हे मन!शांत चित हो।... Hindi · कविता 1 358 Share Godambari Negi Pundir 12 Mar 2022 · 1 min read ओ बेवफा! मत रोओ तुम उन बेवफाओं के लिए, जलाती शुष्क रूखी हवाओं के लिए। बाग उजाड़ मुस्कराक जोे निकल गई, छोड़ इंतजार ऐसी सदाओं के लिए। Hindi · कोटेशन 1 244 Share Godambari Negi Pundir 8 Mar 2022 · 1 min read 'नारी हूँ' नारी हूँ मैं! पर केवल नर का अनुराग बनकर, नहीं रहना है मुझको। पल-पल फैलना चाहती हूँ मैं, क्षितिज और इस धरा पर, अपनी पहचान बनकर । ढक देना चाहती... Hindi · कविता 2 2 311 Share Godambari Negi Pundir 7 Mar 2022 · 1 min read सृजन भाव-भंगिमा, नव अभिव्यंजना, रूप अलंकार , छंद कवि का गुंजन, आंखे भर - भर आती हैं, गीत सृजन, नव गीत सृजन। पी न सकी पीड़ायें मुझ को , अवसाद भी... Hindi · कविता 2 3 330 Share Godambari Negi Pundir 4 Mar 2022 · 1 min read 'सजगता' (१) प्रखर सोच मन धार, विवेक वर विधि दान लो। हो तब पूरण काम, सदा मनुज मन मान लो।। (2) रख दृष्टि चहुँ ओर, सत्य सतत साधन करो। जाग हृदय,... Hindi · कविता 239 Share Godambari Negi Pundir 28 Feb 2022 · 1 min read 'नेता और कर्जदार' नेता और कर्जदार एक से होते हैं, वोट और पैसा लेते वक्त बेशर्म होते हैं। वोट पैसा जब मिल जाय इनको, न जाने किस बिल में जा सोते हैं। Hindi · मुक्तक 256 Share Godambari Negi Pundir 28 Feb 2022 · 1 min read 'रंगीलो फाग' रंग अनोखे ले चला, देखो फागुन मास। जन-जन तन-मन में जगा, रंग तरंग उल्लास।। रंग तरंग उल्लास, फाग गीत बजने लगे। बाल मचाते धूम, सुबह शीघ्र जगने लगे।। ले पिचकारी... Hindi · कुण्डलिया 1 2 214 Share Page 1 Next