Bhupendra Rawat Tag: कविता 138 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Bhupendra Rawat 26 May 2021 · 1 min read न पूज तू पत्थर को,तू पूज इंसान न पूज तू पत्थर को,तू पूज इंसान इंसानियत को तू ज़िंदा रख ख़ुदा से कर फरमान,ख़ुदा से कर फरामन कि इंसान जिंदा होए,इंसान अगर ज़िंदा होए तो इंसानियत कदापि न... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 5 692 Share Bhupendra Rawat 25 May 2021 · 1 min read माँ माँ के चरणों में मैंने जन्नत को देखा है। माँ ही वो शख्स है,जिसके लिए मैंने ख़ुदा को तरसते देखा है। माँ ने मेरी खातिर हर मुश्किल को आसां बनाया... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 4 524 Share Bhupendra Rawat 25 May 2021 · 1 min read अपने लिए सब सोना चाहे,दूजे के लिए माटी अपने लिए सब सोना चाहे दूजे के लिए माटी,दूजे के लिए माटी चाहे करना चाहे वो बर्बादी,करना चाहे वो बर्बादी,सोचे दूजों का बुरा होये, दूजों का बुरा होये तो मन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 402 Share Bhupendra Rawat 28 Apr 2021 · 1 min read चलो झूठ बोले चुनाव का वक़्त है आओ चलो झूठ बोले वर्षों से अटका है, विकास आओ चलो झूठ बोले मज़हब भी तो एक मुद्दा है, हमारे पास चलो झूठ बोले मंदिर,मस्जिद, गिरजा,चर्च... Hindi · कविता 2 2 635 Share Bhupendra Rawat 10 Aug 2020 · 1 min read शीर्षक-मैंने पढ़ है किताबों में मैंने पढ़ा है किताबों में सत्यमेव जयते लेकिन नहीं होता यकीं उन किताबों पर आज के हालातों को देखकर चंद पैसों से दबा दिया जाता है,सच और खड़े कर दिए... Hindi · कविता 3 3 351 Share Bhupendra Rawat 27 Jul 2020 · 1 min read दुनिया के सभी बंधन से मुक्त होकर स्वयं को क़ैद करना चाहता है दुनिया के सभी बंधन से मुक्त होकर स्वयं को क़ैद करना चाहता है आधुनिक यंत्र की इस दुनिया में और जीत लेना चाहता है सम्पूर्ण विश्व को इन आधुनिक यंत्र... Hindi · कविता 3 2 377 Share Bhupendra Rawat 24 May 2020 · 1 min read बस गयी हो मेरी रूह में तुम बस गयी हो मेरी रूह में तुम कुछ इस तरह जिस तरह नदियों का बहता नीर समा जाता है,समुन्द्र में समुन्द्र का नीर महासागरों में फिर एक दूसरे के संग... Hindi · कविता 2 2 368 Share Bhupendra Rawat 24 May 2020 · 1 min read बहुत देखे किरदार ज़िन्दगी की किताबों में बहुत देखे किरदार ज़िन्दगी की किताबों में मग़र मुझे तुम सा कोई नजर नही आया देखा तुम्हें जितनी बार मैने अपने नजरिए से उतनी बार अलग अलग किरदारों को तुम... Hindi · कविता 3 445 Share Bhupendra Rawat 22 May 2020 · 1 min read चोट खाये हुए मज़दूर घर को लौट आये मज़दूर चोट खाये हुए मज़दूर घर को लौट आये मज़दूर चिलचिलाती धूप से कहां,कब घबराये मज़दूर रोटी की तलाश में घर बचाने की आस में थोड़ा सा घबराये मज़दूर देखो गांव... Hindi · कविता 4 2 317 Share Bhupendra Rawat 19 May 2020 · 1 min read लोगों के रंग बदल जाते है लोगों के रंग बदल जाते है जीने के ढंग बदल जाते है बदलते है मौसम के अंदाज़ जैसे वैसे लोगों के मन बदल जाते है सारे वादें टूट जाते है... Hindi · कविता 4 333 Share Bhupendra Rawat 6 May 2020 · 1 min read ये गलती गिनाने का वक़्त नही है ये गलती गिनाने का वक़्त नही है रूठ कर चले जाने का वक़्त नही है माना वक़्त थोड़ा नाराज है,मुझसे ये नाराज़गी जताने के वक़्त नही है भूपेंद्र रावत 6।05।2020 Hindi · कविता 3 2 298 Share Bhupendra Rawat 6 May 2020 · 1 min read ज़िंदा तो हूँ फ़क़त चंद सांसे बची है ज़िंदा तो हूँ फ़क़त चंद सांसे बच रखी है तेरे नाम की छोटी सी खुशी रखी है मर जाता बेवज़ह,ज़हन में ख्याल आया मेरी चंद सांसे तेरे पास गिरबी रखी... Hindi · कविता 3 464 Share Bhupendra Rawat 6 May 2020 · 1 min read हंसता हूँ,हँसाता हूँ मन सबका बहलाता हूँ हंसता हूँ,हँसाता हूँ मन सबका बहलाता हूँ ढीला, ढाला पैजामा पहन झूम झूम कर आता हूँ हाथ पर आग गोले लेकर उछल पार कर जाता हूँ बन्द थैले में अपने,हंसी... Hindi · कविता 6 1 347 Share Bhupendra Rawat 6 May 2020 · 1 min read माता पिता का करो सम्मान माता पिता है हमारे भगवान माता पिता का करो सम्मान माता पिता है हमारे भगवान अगर माता पिता न होते तो इस दुनिया में हम कैसे आ पाते माता पिता ही तो हमको जीना है... Hindi · कविता 4 1 300 Share Bhupendra Rawat 6 May 2020 · 1 min read आसान नही तेरे बिन ज़िन्दगी आसान नही तेरे बिन ज़िन्दगी तेरा होना हर मुश्किल आसान कर देता है नशा ही तो है, आगोश में तेरे जहां की हर परेशानी को दूर कर देता है भूपेंद्र... Hindi · कविता 4 1 444 Share Bhupendra Rawat 6 May 2020 · 1 min read शांति स्थापित करने के लिए लोग चुनते है शांति स्थापित करने के लिए लोग चुनते है, युद्ध, और खड़ी कर देते है मशीन गिरा देते है, स्तम्भ बिछा देते है लाश,बना देते है श्मशान फहरा दिया जाता है,... Hindi · कविता 4 1 406 Share Bhupendra Rawat 6 May 2020 · 1 min read माँ में भी उस चिड़िया के भांति नील गगन में उड़ना चाहता हूँ । माँ में भी उस चिड़िया के भांति नील गगन में उड़ना चाहता हूँ । दूर क्षितिज को छू आसमा का भ्रमण करना चाहता हूँ । बिना किसी भेद भाव के... Hindi · कविता 4 562 Share Bhupendra Rawat 6 May 2020 · 1 min read मुद्दतों बाद तेरा ख्याल फिर से आया है मुद्दतों बाद तेरा ख्याल फिर से आया है तेरी यादों ने एक लम्हा और सजाया है अब तेरी यादें ही तो बस ज़ीने का बहाना है तेरी झील सी आंखों... Hindi · कविता 3 2 304 Share Bhupendra Rawat 1 May 2020 · 1 min read कोरोना की जंग तो नही लेकिन कोरोना की जंग तो नही लेकिन भूख और जीवन के बीच दो वक्त की रोटी की जंग आज नही तो कल मार ही डालेंगी भूख की लड़ाई है जीवन से... Hindi · कविता 5 2 568 Share Bhupendra Rawat 1 May 2020 · 1 min read शब्दों के बाज़ार में मौन रहना भला है शब्दों के बाज़ार में मौन रहना भला है खामोश रहकर सब कुछ कहना एक कला है शब्दों को मरहमों का लेप लगाना आता है ज़िन्दगी जीने का यही अच्छा सिलसिला... Hindi · कविता 4 2 259 Share Bhupendra Rawat 1 May 2020 · 1 min read न पूछ मुझसे मेरी ख्वाइश-ए-ज़िन्दगी न पूछ मुझसे मेरी ख्वाइश-ए-ज़िन्दगी हर एक ख्वाइश आज मोहताज है ज़ी तो रहे है,फ़क़त तेरी खुशी के लिए जिस्त-ओ-जिस्म में कहां बची अब सांस है भूपेंद्र रावत 1।05।2020 Hindi · कविता 3 275 Share Bhupendra Rawat 30 Apr 2020 · 1 min read बहुत खुश थे ज़िन्दगी को पाकर बहुत खुश थे ज़िन्दगी को पाकर हंसते हंसते हर ग़म को गले लगाया था बेखबर थे जिन्दगी असलियत से तेरी अपनो के शहर में अज़नबी से दिल लगाया था भूपेंद्र... Hindi · कविता 3 2 463 Share Bhupendra Rawat 29 Apr 2020 · 1 min read किताब के पन्नो में रूठा हुआ मिला मुझे वो शख़्स किताब के पन्नो में रूठा हुआ मिला मुझे वो शख़्स जो मुरझा गया है दफ़न किताब के पन्नो के साथ वही मोती, वही एहसास जो खटखटा रहें है,द्वार इतिहास की... Hindi · कविता 3 2 295 Share Bhupendra Rawat 29 Apr 2020 · 1 min read सारे दरवाज़े बन्द कर दिए वापस आने के सारे दरवाज़े बन्द कर दिए वापस आने के रिश्ते सारे तोड़ लिए इस ज़माने से फ़क़त एक मर्ज़ ही तो था इलाज़ हो जाता क्या मिला तुम्हे रूठ कर जाने... Hindi · कविता 4 1 231 Share Bhupendra Rawat 28 Apr 2020 · 1 min read आसमां करीब है मेरे आसमां करीब है मेरे जुगनुओं से गुफ्तगू जारी है तुम भी आकर देखो जरा महफ़िल में, आज जुगनुओं की नही तुम्हारी बारी है। भूपेंद्र रावत 27।04।2020 Hindi · कविता 3 460 Share Bhupendra Rawat 28 Apr 2020 · 1 min read लोन ली हुई है ज़िन्दगी लोन ली हुई है ज़िन्दगी अब किश्ते चुका रहा हूँ छोटी सी ज़िन्दगी है,साहब यूं ही बोझ तले गुज़ार रहा हूँ भूपेंद्र रावत 28।04।2020 Hindi · कविता 3 504 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read फुर्सत के लम्हे गुज़र जाया करते थे फुर्सत के लम्हे गुज़र जाया करते थे आज उन्ही लम्हों को काटना दुश्वार हो रहा है तेरे संग गुज़ारे थे जो लम्हें हंसते हंसते आज उन्हीं लम्हों का इंतेज़ार हो... Hindi · कविता 1 259 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read भविष्य कभी टिका नही वर्तमान रुका नही भविष्य कभी टिका नही वर्तमान रुका नही समय की इस दौड़ में बच सका ना कोई जीवित है जो,वो स्तय है इतिहास ही तो गुज़रा वक़्त है वर्तमान के कर्मो... Hindi · कविता 1 440 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read प्रतिशोध की ज्वाला को जब तपाया जाता है प्रतिशोध की ज्वाला को जब तपाया जाता है उचित अनुचित के अंतर को भुला दिया जाता है जब जब नारी पर दांव लगाया जाता है मनोरंजन का स्थान युद्ध क्षेत्र... Hindi · कविता 1 1 225 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read अगर तोड़ना ही है तो तोड़ो ख़ुद का अहम अगर तोड़ना ही है तो तोड़ो ख़ुद का अहम और जोड़ना ही है तो जोड़ों अपने मोतियों की तरह इधर उधर बिखरे हुए रिश्ते. माना की मेरा गणित खराब है... Hindi · कविता 1 1 497 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read सड़क किनारे तड़प रही थी मरकर वो लाशें भी सड़क किनारे तड़प रही थी मरकर वो लाशें भी मदद की गुहार लगा सड़ गयी थी,वो लाशें भी भीड़ थी चारों तरफ़ डर का सा माहौल था ज़िंदा था इंसा... Hindi · कविता 1 1 398 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read दिल जीतने का कोई उपहार दो न दिल जीतने का कोई उपहार दो न छूटी वाला फिर से कोई इतवार दो न कल तक हर पहर ख्यालों में क़रीब था फिर से क़रीब आ वही प्यार दो... Hindi · कविता 1 588 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read जिन आंखों ने इंतज़ार में गुज़ार दी रात सारी जिन आंखों ने इंतज़ार में गुज़ार दी रात सारी उन आंखों में अब रोशनी बहुत चुभती है रोशन जहां करने निकले थे जुगनू सारे रोशनी में चमकना कहां उनके बस... Hindi · कविता 1 241 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read सर्वनाश जिसके निर्माता है,मनुष्य दुनिया खड़ी है तबाही के मोड़ पर और उसी मोड़ पर खड़ा है, जीवन ज़िन्दगी जीने की आस लिए आज लड़ाई है,दुनिया को बचाने की सर्वनाश से सर्वनाश जिसके निर्माता... Hindi · कविता 1 227 Share Bhupendra Rawat 26 Apr 2020 · 1 min read न हिन्दू,न मुस्लिम,न सिक्ख,न इसाई था वो न हिन्दू,न मुस्लिम,न सिक्ख,न इसाई था वो कब्रगाह में दफ़न उन शवों का भाई था वो बहुत नज़ारे देखे थे,मज़हब की आड़ में बड़े दूर से आए थे,इंसान नही कसाई... Hindi · कविता 1 1 494 Share Bhupendra Rawat 18 Apr 2020 · 1 min read मैं ख्वाबों को संजोकर अपना घर बनाता हूँ मैं ख्वाबों को संजोकर अपना घर बनाता हूँ अपनी हर राह का तुझे हमसफ़र बनाता हूँ तू बहता समुन्द्र है मुझे तुझ में रम जाना है किया खुद से जो... Hindi · कविता 2 234 Share Bhupendra Rawat 18 Apr 2020 · 1 min read अफवाहें भी ख़बर बन जाती है अफवाहें भी ख़बर बन जाती है ज़िन्दगी जीने का सबक बन जाती है सच अक्सर छुप जाता है,अखबारों में झूठ,फ़रेब बिकता है सरेआम बाज़ारो में चारों और झूठ की मंडी... Hindi · कविता 3 6 279 Share Bhupendra Rawat 18 Apr 2020 · 1 min read खूबसूरत क्या है इस दुनिया में सबसे खूबसूरत क्या है इस दुनिया में माँ का वो स्वार्थहीन ममत्व प्यार झरनों का बहना,पक्षियों की चहचहाना अपनो के मिलने पर आंखे भर आना या बचपन के दिनों को... Hindi · कविता 1 1 266 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read मुबारक़ हो मुझकों वो शब मुबारक़ हो मुझकों वो शब जब ख्वाबों में तुम पैगाम लेकर आई थी हाथ थाम लिया किसी और का बस मुझे अगाह कराने आई थी मैंने भी बुन लिए थे,ख़्वाब... Hindi · कविता 1 344 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read चारों और पसरा है सन्नाटा चारों और पसरा है सन्नाटा जुगनुओं का प्रकाश स्वतन्त्र पक्षियों की चहचाहट बहती फ़िज़ाओं की आवाज़ आज क़ैद है, मनुष्य अपने बिछाए हुए ज़ाल में. यह परिणाम है. प्रकृति को... Hindi · कविता 2 399 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read न इश्क़ ख़ुदा है न मज़हब कोई आज मालूम हुआ इश्क़ क़ैद पंक्षी है, उस पिंजरे का जो सामाजिक कुरूतियों मान्यताओं की मज़बूत सलाखों में टकरा कर उसी पिंजरे में त्याग देता है,प्राण और आखिर जीत होती... Hindi · कविता 2 477 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read मेरे ख्वाबों की दुनिया में मेरे ख्वाबों की दुनिया में तेरा रोज़ आना जाना है तू ही बता तेरा और कहां ठिकाना है न जाने क्यों तेरी यादें पीछा करती है साए की तरह हर... Hindi · कविता 2 201 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read ज़िन्दगी तुम ही इनाम लेकर आए थे ज़िन्दगी तुम ही इनाम लेकर आए थे मौत का पैग़ाम भी तुम ही लेकर आए थे ज़िन्दगी गुज़र रही थी इसी जदोजहद में विष सरेआम तुम ही पिलाने आए थे... Hindi · कविता 1 417 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read गुज़ारने के लिए शेष रह जाएगा वक़्त गुज़ारने के लिए शेष रह जाएगा वक़्त याद करने के लिए भयावह बातें बन जायेगा इतिहास जिसको आप ओर हम पढ़ते है,और आने वाले वक्त में पढ़ेंगी आने वाली पीढियां... Hindi · कविता 1 270 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read भूल कर सारी दुनिया को फासला यूं ही मिटा देते है लिखते है नाम कागज़ पर तुझे समक्ष अपने पा लेते है भूल कर सारी दुनिया को तुझे सीने से लगा लेते है । भूपेंद्र... Hindi · कविता 1 389 Share Bhupendra Rawat 17 Apr 2020 · 1 min read पहले ऐसी नफ़रतें कभी न थी पहले ऐसी नफ़रतें कभी न थी इंसानो की ऐसी जरूरते कभी न थी इंसान ही इंसान के काम आता था एक दूजे से शिकायत कभी न थी मज़हब बनाया हमनें... Hindi · कविता 1 317 Share Bhupendra Rawat 9 Apr 2020 · 1 min read कह दो ख्वाबों से कह दो ख्वाबों से दरवाज़े खटखटाया न कर नींद ही नही है ज़नाब आंखों में अब यूं और सताया न कर भूपेंद्र रावत 6।04।2020 Hindi · कविता 2 2 259 Share Bhupendra Rawat 9 Apr 2020 · 1 min read जिस क्षण तुम मेरे आने की राह देख रहे थे जिस क्षण तुम मेरे आने की राह देख रहे थे मैं तुम्हारे ख्वाबों में दस्तक दे चुकी थी बात इतनी सी थी की तुम उस रात सो ही कहां पाए... Hindi · कविता 2 523 Share Bhupendra Rawat 9 Apr 2020 · 1 min read मैं लिखता हूँ जो कुछ भी मैं लिखता हूँ जो कुछ भी कभी पढ़ कर भी देखो तुम मेरे लिखे हर्फ़ों में बस तुम्हें अपनी सूरत नज़र आएगी सोचता हूँ तुम्हें जब भी खुद ब खुद... Hindi · कविता 2 277 Share Bhupendra Rawat 9 Apr 2020 · 1 min read पूछा जाएगा हर एक से पूछा जाएगा हर एक से जो लड़ रहे थे लड़ाई इंसानो बचाने की वो ही आज इतने बेबस क्यों है ? पूछा जाएगा उनसे क्या कर रहे थे वो, तैयारी... Hindi · कविता 2 403 Share Page 1 Next