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9 Apr 2020 · 1 min read

मैं लिखता हूँ जो कुछ भी

मैं लिखता हूँ जो कुछ भी
कभी पढ़ कर भी देखो तुम
मेरे लिखे हर्फ़ों में बस
तुम्हें अपनी सूरत नज़र आएगी

सोचता हूँ तुम्हें जब भी
खुद ब खुद कलम यूँ ही
कोरे पन्नो पर चलती जाएगी

झूठे वादे कर मैं
रिश्ता निभा नही सकता
आसमाँ से चाँद तारे
तोड़ ला नही सकता
लेकिन ये भी सच है कि
मैं तुझे भूला नही सकता

भूपेंद्र रावत
27।03।2020

Language: Hindi
2 Likes · 227 Views
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