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26 Apr 2020 · 1 min read

जिन आंखों ने इंतज़ार में गुज़ार दी रात सारी

जिन आंखों ने इंतज़ार में गुज़ार दी रात सारी
उन आंखों में अब रोशनी बहुत चुभती है

रोशन जहां करने निकले थे जुगनू सारे
रोशनी में चमकना कहां उनके बस की है

गुज़र ही जायेंगे चार दिन इंतेज़ार में
इंतज़ार की घड़ी में, नींद कहां सज़ती है

सजी तो है, डोली भी ख्वाबों की
नींद ही कहां अपनी हमसफ़र है

भूपेंद्र रावत
23।04।2020

Language: Hindi
1 Like · 214 Views
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