" वाई फाई में बसी सबकी जान "
स्वयं को तुम सम्मान दो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
परिवार, प्यार, पढ़ाई का इतना टेंशन छाया है,
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
जिंदगी को रोशन करने के लिए
तेरी वापसी के सवाल पर, ख़ामोशी भी खामोश हो जाती है।
धन्य हैं वो बेटे जिसे माँ-बाप का भरपूर प्यार मिलता है । कुछ
आगे बढ़ना है जिन्हें, सीखें चमचा-ज्ञान (कुंडलिया )
♥️♥️ Dr. Arun Kumar shastri
मिलेगा हमको क्या तुमसे, प्यार अगर हम करें