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29 Dec 2020 · 1 min read

जीभ/जिह्वा

जिह्वा पर माँ शारदे, लब पर बसें गणेश ।
हर-पल शुभ-शुभ बोलिये,मिलता शुभ संदेश ।। १

मृदुल वचन रसना सरस,जीवन का श्रृंगार।
जीत जीभ को लीजिए, हो उत्तम व्यवहार।। २

फसें स्वाद के जाल में, खाते छप्पन भोग ।
रखें नियंत्रण जीभ पर, रहना अगर निरोग।। ३

जीभ जन्म से ही मिले, दाँत जन्म के बाद।
दाँत टूट जाते मगर, जिह्वा देती स्वाद।। ४

दाँत चबाते हैं मगर, जिह्वा पाती स्वाद।
पता चला है स्वाद का, चख लेने के बाद।। ५

बेलगाम जो जीभ है, वो विषधर तलवार।
घाव बहुत गहरा करे, जब भी करती वार।। ६

नर्म लचीली जीभ है, होते दाँत कठोर।
जीभ उमर भर साथ दे, गये दाँत सब छोड़।। ७

जिससे हो सबका भला, सदा करो वो कर्म।
कभी न कटुता धोलना,रखना जिह्वा नर्म ।। ८
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 870 Views
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