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1 May 2020 · 1 min read

न पूछ मुझसे मेरी ख्वाइश-ए-ज़िन्दगी

न पूछ मुझसे मेरी ख्वाइश-ए-ज़िन्दगी
हर एक ख्वाइश आज मोहताज है
ज़ी तो रहे है,फ़क़त तेरी खुशी के लिए
जिस्त-ओ-जिस्म में कहां बची अब सांस है

भूपेंद्र रावत
1।05।2020

Language: Hindi
3 Likes · 230 Views
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