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19 Mar 2024 · 1 min read

अब ना होली रंगीन होती है…

अब ना होली रंगीन होती है…
ना दिवाली पे उजाला होता है
शाम ढलते ही मेरे हाथों में ..
जाम़ का प्याला होता है…..

— केशव

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