Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 75 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 8 Feb 2025 · 1 min read रोज खोज मत रोज को, रोज खोज मत रोज को, रोज खोज लो ज्ञान। रोजगार 'कौशल' मिले, रोज रहेगी शान।।1 Quote Writer 1 68 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 26 Jan 2025 · 1 min read मिला क्या खूब चाहता खूब चाहता उच्च हो, नाम, लिबास, मकान। जीवन भर भटके फिरे, इधर-उधर इंसान।। इधर-उधर इंसान, करे अति मारा-मारी। रखे चाह वह खूब, लूटने दुनिया सारी।। 'कौशल' कफन लिबास, नाम स्वर्गीय... Hindi · कविता 3 55 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 14 Jan 2025 · 1 min read काक कोकिला काँव कूक काला काना कौआ करे, कर्णकटु काँव-काँव। कामिनी कलूटी काली। कह कैसी कोकिला।। कटुक कुटिल काग, काम करता कुचाल, काली कलूटी कहा क्यों? कूकी काली कोकिला।। काक कहा काली को क्यों,... Hindi · कविता 2 98 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 10 Jan 2025 · 1 min read आज 10 जनवरी विश्व हिंदी दिवस पर प्रस्तुत है एक घनाक्षरी- आज 10 जनवरी विश्व हिंदी दिवस पर प्रस्तुत है एक घनाक्षरी- दस जनवरी आज, दिल से बधाई खूब। विश्व हिंदी दिवस है, आइये मनाइये।। जैसा लिखें वैसा पढ़ें, लेख कविता... Hindi 3 53 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 20 Sep 2024 · 1 min read गलती सदा न दाल गलती कभी न कीजिए, जान बूझ कर यार। गलती से गलती हुई, गलती कर स्वीकार।। गलती कर स्वीकार, अरे मत सत्य छुपाओ। स्वयं दिखाने स्वच्छ, न गलती को दुहराओ।। कौशल... Hindi 1 145 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 28 Jul 2024 · 1 min read नफ़रतों का दौर कैसा चल गया नफ़रतों का दौर कैसा चल गया। आदमी इक आदमी से जल गया।। 2122, 2122, 212 आदमीयत भूल कर ये आदमी। आदमी को हर समय पे छल गया।। खा रहा है... Hindi · ग़ज़ल 1 139 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 24 Jul 2024 · 1 min read दुनिया बड़ी, बेदर्द है, यह लिख गई, कलम।। डूबे सभी मगन नशे देखो सुनो करम। दूजों में देखते कमी व्योहार सम विषम।।1 221, 2121, 1221, 212 कुछ लोग कह रहे अरे बेकार ही गये। कुछ भी न ठीक-ठाक... Hindi · ग़ज़ल 2 127 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 23 Jul 2024 · 2 min read आँखें (गजल) *कभी आँखों में घर करते, कभी आंखें बिछाते हैं।* *कभी आँखों जगह देकर, कभी खुद को छुपाते हैं।।1* (आँखों में घर करना : आँखों में बसना, आँखों में समाना आँखें... Hindi · ग़ज़ल 2 163 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 25 May 2024 · 1 min read जिसके लिये वो अंधा हुआ है डर लगता है । किसी को कुछ कहने को। कुछ समझाने को। किसे समझाऊँ। किसे क्या बोलूं। सोचता ही रह गया आज तक। डरता रह गया। कोई नाराज न हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 181 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 1 May 2024 · 2 min read संवाद मिली ये जिंदगी है तो हरदम खुश दिल रहो। सबसे हिलमिल रहो। सबकी सुनो और अपनी भी कहो।। खुश रहोगे तो खुशियाँ बढ़ेंगी। गमजदा रहोगे तो बढ़ेंगे और भी गम।... Poetry Writing Challenge-3 2 142 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 13 Apr 2024 · 1 min read जीवन सुंदर गात साधन से कब आदमी, बनता बड़ा महान। करके सच्ची साधना, सचमुच श्रेष्ठ सुजान।।1 भवन बना कर के बड़ा, करिये मत अभिमान। प्रेम भावना हो अगर, मिले मान-सम्मान।।2 उच्चारण आता नहीं,... Hindi 1 241 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 26 Mar 2024 · 1 min read आँखों देखा हाल 'कौशल' लिख रहा था रोड पर एक बूढ़ा साइकिल से बढ़ रहा था रोड पर। घर पहुंचने धीरे-धीरे चल रहा था रोड पर।। एक मैडम खूब सज-धज बैठ बाइक आ रही। खूबसूरत पल नजारा लग रहा... Hindi 200 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 9 Feb 2024 · 1 min read गजल सी जिन्दगी *गजल सी जिन्दगी* एक दूजे को पियारे हो गए। हम तुम्हारे तुम हमारे हो गए।।1 2122, 2122, 212 जिंदगी मे आ गई जब से बहर। सामने सुंदर नजारे हो गए।।2... Hindi 143 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 21 Jan 2024 · 1 min read कभी ताना कभी तारीफ मिलती है कभी ताना कभी तारीफ मिलती है। सही है जिन्दगी अक्सर मचलती है।। 1222, 1222, 1222 न घबराओ कभी संकट अगर आते। कभी फूलों कभी काटों टहलती है।। दुखों के दिन... Hindi 223 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 6 Jan 2024 · 1 min read कौशल पढ़ते लिखते रहते जलने वाले जलते रहते। बढ़ने वाले बढ़ते रहते।। कुत्ते भौक रहे हो पग-पग। हाथी आगे चलते रहते।। बाधाएं हैं आती-जाती। उठने वाले उठते रहते।। समझदार लोगों के चिंतन। कार्य रूप... Hindi 185 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 5 Nov 2021 · 1 min read दीप जले अन्तर्तम को करे प्रकाशित, मन मन्दिर में दीप जले। अपना-पराया भेद मिटा दे, जन-जन के हित दीप जले। दिया नहीं है जिनके घर में, उनके घर में दीप जले। नही... Hindi · कविता 1 429 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 16 Oct 2021 · 1 min read कुण्डलियां कैसे लिखें कुण्डलियां कैसे लिखें, सुनो ध्यान से तात। पहले दोहा एक लिख, करें नीति की बात।। करें नीति की बात, यहीं से रोला कहिए। दोहा का जो अंत, चरण रोला का... Hindi · कुण्डलिया 3 2 470 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 15 Oct 2021 · 3 min read उत्सव अपना-अपना उस दिन नरेश बाबू के घर मे उत्सव का जबर्दस्त कार्यक्रम था। सभी मित्र रिश्तेदार घर आये हुए थे। नरेश बाबू के बेटे राज का जन्मोत्सव जो था। घर के... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 3 425 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 9 Oct 2021 · 3 min read हिन्दी वर्णमाला पच्चासा *हिन्दी वर्णमाला पच्चासा* दोहा:- *अ आ इ ई* सीखिये, स्वर व्यंजन पहचान। अक्षर भाषा मूल है, शब्द वाक्य फिर जान।। चौपाई:- 【अ】*अ आ इ ई ऊ ऊ* सीखें। जैसे बोलें... Hindi · कविता 4 2 580 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 11 Nov 2020 · 1 min read अनेकार्थी शब्द सारंग सारंग अनेकार्थी शब्द है मैने सारंग के विविध अर्थों को कुण्डलियां छन्द में समेटने की कोशिश की है-? जलज सरस शिव शंख कुच, सुंदर स्त्री स्वर्ण। सर्प मोर गज सिंह... Hindi · कुण्डलिया 2 2 737 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 16 Sep 2020 · 2 min read अ से ज्ञ तक पढ़ लिख जाओ *अ* अरे आदमी तुझे क्या हुआ, *आ* आज बता क्यों है चकराया। *इ* इतना पागलपन क्यों छाया। *ई* ईटों के आवास बनाया।। *उ* उर में क्यों तू बस न पाया।।... Hindi · कविता 6 3 795 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 22 May 2020 · 3 min read प्रवासी मजदूरों की मजबूरी असमंजस की स्थिति। कोरोना महामारी की परिस्थिति।। लॉक डाउन अचानक। जी घबराया धक धक।। काम धंधा सब बंद। रोजी रोटी का चल पड़ा मन मे अंतर्द्वंद्व। मेहनत कर खाने वाले।... Hindi · कविता 4 1 477 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 10 May 2020 · 2 min read मधुशाला-नया अवतार-2 मधुशाला -नया अवतार -1 तब लिखा गया था जब लोग शराब ठेका की लाइन में लगे हुए थे। अब मधुशाला-नया अवतार -2 परीक्षण उपरांत लिखा गया है। पीने के बाद... Hindi · गीत 4 4 456 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 5 May 2020 · 1 min read मधुशाला -नया अवतार मधुशाला - नया अवतार नहीं जरूरत अस्पताल की, बंद रखो भी पठशाला। दवा खिला कर के क्या होगा, होंठ लगा दारू प्याला।। देखो क्या देंगे विद्यालय, कॉलेज के क्या लाभ... Hindi · गीत 6 1 520 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 2 May 2020 · 1 min read कोरोना से बचें बचाएं --कोरोना से बचें बचाएं-- लॉकडाउन में घर में रहकर, तोड़ें कोरोना चैन। सड़क बाजार बाहर न निकलें, न बाइक न ट्रैन।। बीमारी से बचना है तो, सात्विक जीवन अपनाएं; मदिरा-मांस... Hindi · कविता 5 2 357 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 14 Apr 2020 · 1 min read कोरोना से बचें -घनाक्षरी- कोरोना से बचें (1) अधिकारी कर्मचारी, आर.आई. पटवारी, सभी सहकर्मी साथी, जागें व जगाइए।। जागें सब जन-जन, धनी व गरीब गण, धर्म मजहबी सब, पास नहीं आइए।। दूरियाँ हों... Hindi · घनाक्षरी 1 336 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 8 Apr 2020 · 1 min read मानवता की दुश्मन देश द्रोही तब्लीगी जमात कोरोना का देखिये, बढ़ा हुआ है ग्राफ। तब्लीगी अपराध यह, कैसे होगा माफ।। कोरोना से पॉजिटिव, जम के हुई जमात। मौलाना यूं दे रहे, कोरोना खैरात।। मुस्लिम-हिन्दू कर रहे, मौलाना... Hindi · दोहा 2 345 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 4 Apr 2020 · 1 min read अब भी टाइम बचा बहुत है मानवता को मानो भाई मजहब में तो खचा बहुत है। सारी दुनिया मे अब देखो कोरोना का गचा बहुत है।। घृणा-द्वेष वश था गुर्राता देखो दुश्मन नचा बहुत है। किया... Hindi · ग़ज़ल 1 464 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 19 Mar 2020 · 1 min read कोरोना के प्रति जागरुकता कोरोना के प्रति जागरुकता कुछ देश परेशान हैं, कुछ देश हलाकान दुनिया को बचाना है, सावधान रहें।। कोरोना Covid-19, मेड इन चाईना। घोषित है महामारी, सावधान रहें।। बचाव ही है... Hindi · कविता 1 533 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 14 Feb 2020 · 2 min read जीवन सफल बना डालें प्यार-मोहब्बत इश्क-विश्क ये दिल की बातें बहुत हुई जिससे मिलती रोजी-रोटी अपनी ड्यूटी कर पा लें। जीवन सफल बना डालें।। असफलता से डरें नहीं हम बारम्बार प्रयास करें । मिले... Hindi · कविता 3 559 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 21 Nov 2019 · 1 min read बेटा लन्दन नौकरी बेटा लन्दन नौकरी, बहू जॉब जापान। बेटी सेंट लुईस में, कितनी सुन्दर शान।। कितनी सुन्दर शान, टोरंटो बसे जमाई। नाती बर्लिन शिफ्ट, शिकागो पौत्र पढाई।। कहि 'कौशल' कविराज, समाज हुआ... Hindi · कुण्डलिया 1 487 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 17 Nov 2019 · 1 min read जल स्थल वन जानवर जल, स्थल, वन, जानवर, रहे सुरक्षित वायु। तन-मन सुन्दर स्वच्छ हो, बढ़े स्वास्थ्य तब आयु।। बढ़े स्वास्थ्य तब आयु, विश्व में खुशी शान्ति हो। मानव का हो मान, मनुज में... Hindi · कुण्डलिया 1 383 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 8 Nov 2019 · 1 min read श्रेष्ठ सुन्दर चिन्तन मन वॉट्सएप्प हो या फ़ेसबुक, या हो टेलीग्राम। धरती या आकाश हो, स्वच्छ सभी हो धाम।। स्वच्छ सभी हों धाम, श्रेष्ठ सुन्दर मन चिन्तन। आपस में सद्भाव, विश्व में हो हर... Hindi · कुण्डलिया 2 1 729 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 3 Nov 2019 · 1 min read एक साल में एक साल में कट गए, देख हजारों साल।१,२ बेजुबान को साल मत, साल करे बेहाल।।३,४ साल करे बेहाल, साल मछली भी होती।५ बिगड़े पेरुवा साल, खाट की पाटी रोती।।६ देखें... Hindi · कुण्डलिया 2 399 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 2 Nov 2019 · 1 min read खेल-खेल में खेल-खेल मे कीजिए, तन-मन से सब काम। हँसी-खुशी से जीतिए, जीवन का संग्राम।। जीवन का संग्राम, कभी मत हार मानिये। कट्टरता को छोड़, प्रेम का धर्म जानिए।। कह 'कौशल' समझाय,... Hindi · कुण्डलिया 2 1 360 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 27 Oct 2019 · 1 min read दीपावली जन-जन को जग-मग करे, ज्ञान से ये दीवाली। मेहनतकश उन्नति करे, बेहतर बने हालात माली।। स्वस्थ रहें, मस्त रहें, स्वच्छ रहें सब 'कौशल'; सुख समृद्धि का खजाना, कभी न रहे... Hindi · मुक्तक 1 420 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 14 Oct 2019 · 1 min read दशरथ माझी दशरथ माझी हौसला, दशरथ माझी चाह। जो पहाड़ को साध कर, बना सके भी राह।। बना सके भी राह, भले वह चले अकेला । जहाँ चाह तह राह, साथ लग... Hindi · कुण्डलिया 2 400 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 12 Oct 2019 · 1 min read तुझ मे डूब जाऊँ ऐसा ठान न ले ऐ दिल की रानी मेरी जान न ले। जल मे उतरने मुझे तान न ले।। तैरना तो जल में मैं जानता हूँ; तुझ पे डूब जाऊं ऐसा ठान न ले।। Hindi · मुक्तक 2 654 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 11 Oct 2019 · 1 min read खाता खाता रहता बैंक में, खाता घर मे जाय। खाता बी-वन में रहे , खाता नही अघाय।। खाता नहीं अघाय, है खाता चक्कर भारी। खाता है ई-मेल, व खाता रखे उधारी।।... Hindi · कुण्डलिया 2 1 686 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 22 Sep 2019 · 1 min read मिटती न खार हैं बार बार मार खाये, फिर भी न शरमाये, पाक बेशरम बना, बड़ा लतमार है । लड़ता है बेवकूफ, ईर्ष्या में जल रहा, टुकड़ों मे पल रहा, बहे मुँह लार है... Hindi · घनाक्षरी 2 354 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 22 Sep 2019 · 1 min read रोटी दो भूख लगी है रोटी दो। (खाना दो) अधिक नहीं बस रोटी दो।। (2 रोटियां) खुद के हाथों ही खा पाऊं; मुझको रोजी रोटी दो।। (जीविका) रोटी बेली पोई दो। {हथपोई... Hindi · मुक्तक 2 1 396 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 21 Sep 2019 · 1 min read सोना सोना बहुत जरूरी है पर ज्यादा सोना ठीक नहीं। सोना मूल्यवान है लेकिन ज्यादा सोना ठीक नहीं।। सोना के पीछे मत भागो सोना सोना संग नहीं। अन्त समय जब ऊपर... Hindi · कविता 4 2 400 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 21 Sep 2019 · 1 min read जान तुम जान ही लो गी। या जान ही लो गी।। सच बता मेरी जान ; क्या जान ही लोगी।। ©'कौशल' ______________ जान = जानना, जान लेना जान = प्राण ले... Hindi · मुक्तक 2 2 687 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 21 Sep 2019 · 1 min read सजना आता नही है उसको सजना। लेकिन भाता उसको सजना।। मैं तो कहता हूँ तू सज ना । सजना ही तो तेरा सजना।। कहती सजना के हित सजना। तन-मन से है... Hindi · कविता 3 2 336 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 20 Feb 2019 · 1 min read जय जवान जयकार हो पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद जवानों को शत शत नमन करते हुए अश्रुपूरित श्रद्धांजलि सहित कुछ अंतर्मन के शब्द – आतंकी शैतानों की अब, घर-घर घुस कर मार करो। कायर... Hindi · मुक्तक 1 1 398 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 23 Jan 2019 · 1 min read कुंडलिया दोहा की दो पंक्तियां, फिर रोला की चार। कुंडलियाँ यह छंद है, थोड़ा करो विचार।। थोड़ा करो विचार, चरण अंतिम दोहा का। पुनः चरण बन जाय, प्रथम जानो रोला का।।... Hindi · कुण्डलिया 363 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 23 Jan 2019 · 1 min read कुंडलिया दोहा की दो पंक्तियां, फिर रोला की चार। कुंडलियाँ यह छंद है, थोड़ा करो विचार।। थोड़ा करो विचार, चरण अंतिम दोहा का। पुनः चरण बन जाय, प्रथम जानो रोला का।।... Hindi · कुण्डलिया 1 1 354 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 13 Jan 2019 · 1 min read रस ज्ञान (घनाक्षरी) प्रेमी-प्रेमिका के बीच, योग या वियोग हो तो, वहां श्रृंगार रस की, अनुभूति होती है। हो हँसी-विनोद और, हास-परिहास दिखे, हास्य रस जानो जहां, हँसी-ख़ुशी होती है। चिर विरह या... Hindi · घनाक्षरी 1 898 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 12 Jan 2019 · 1 min read राष्ट्रीय युवा दिवस राष्ट्रीय युवा दिवस, बारह जनवरी आज, जागो सब युवा आओ, मनाओ आनंद जी। जन्म हुआ इस दिन, देश के सपूत का जो, जिन्हें जानते हैं सब, श्री विवेकानंद जी। स्वामी... Hindi · घनाक्षरी 558 Share Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal (कौशलेंद्र सिंह) 10 Jan 2019 · 1 min read विश्व हिन्दी दिवस की, खुशियाँ मनाइये 1.दस जनवरी आज, हमे हिन्दी पे है नाज, विश्व हिन्दी दिवस की, खुशियाँ मनाइए। 2.हिन्दी बोलें हिन्दी लिखें, हिन्दुस्तानी हिन्दी दिखें, हिंन्दी भाषा मीठी बोली, विश्व को सुनाइए। 3.रस छंद... Hindi · घनाक्षरी 1 363 Share Page 1 Next