Arun Prasad Language: Hindi 498 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read आग्रह बरगद से उष्ण आदित्य के तीक्ष्ण ताप में बिलबिलाते हुए समुद्र से मत कहो कि बड़ा शीतल है तुम्हारा छाँव। कर्मयोगी का योग न करो भंग। शुष्क पवन के तेज प्यास में... Hindi · कविता 1 2 169 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read शेर शराब की करामात जितनी लगाई आग लगाई शराब ने। वर्ना तो‚ हाँ ही कहा था शबाब ने। 'किताब' युद्ध से गहरी यहाँ थी शान्ति हर वक्त ही। बस घृणा की... Hindi · शेर 1 192 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read दुश्मन दुश्मन मित्र से बड़ा कौन होगा? मेरे राह में बनके रोड़ा सिवा इसके खड़ा कौन होगा? मेरे मिशन से मुझे स्खलित करने हेतु अपने आप से लड़ा कौन होगा? गुलेल... Hindi · कविता 1 189 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read गुस्सा पूछा तो निःनिमेष रहे देखते कई एक क्षण गुर्राकर बोले मेरा सिर खा। Hindi · कविता 131 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read खण्डित आस्था आस्था कैसे टूटती है‚ मैं बताऊँ – कौवे ने कहा। काला हूँ‚गोरा चाहते हैं रंग र्ककश है आवाज‚मीठा चाहते हैं स्वर। पाहुन के आगमन का पूर्वाभास चाहते हैं सब किन्तु‚... Hindi · कविता 1 324 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read छोटी कवितायें शरम बेशरम हम हो गये तो शर्म में डूबी हो तुम। शर्म तब आयी मुझे जब बेशरम बन खुल पड़ी। सौन्दर्य को डर किसी लावण्यमय्ी के कपोलों को छूकर आती... Hindi · कविता 1 260 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read चाँद के ओठ पे मुहब्बत का इतिहास चाँद के ओठ पे मुहब्बत का इतिहास हर हुस्न के आतिश को लगा दिया आतिश। आज चाँद चूमें चलो चाँदनी के पास चलें। इस चाँद के माथे पे लिखें सारे... Hindi · गीत 1 198 Share Arun Prasad 6 Oct 2021 · 1 min read जल विलुप्त ‘पानी’ जलमग्न। चेहरे पर रंग पोत गया था काला कलूटा। Hindi · कविता 212 Share Arun Prasad 5 Oct 2021 · 1 min read चिन्ता रखना सहेज कर छोटी सी गुड़िया के सपनों का घर। बाबा ने विनती की बेटी को ससुराल भेजकर। डर था दहेज का। ---------------------------- Hindi · कविता 454 Share Arun Prasad 5 Oct 2021 · 1 min read जन्म कुंडली सचमुच क्या जीवन का वर्ष वर्ष का वक्त वक्त का अंजाम अंजाम की कहानी कहानी का सच सच का सौन्दर्य सौन्दर्य का झूठ झूठ का फैलाव फैलाव की कुंडली कुंडली... Hindi · कविता 260 Share Arun Prasad 5 Oct 2021 · 1 min read पूजा पूजा क्या है? सच पूजा का पता नहीं चलता। करते रहो उम्र भर बढत.ा कुछ भी नहीं उम्र के सिवा। पर‚उम्र का बढ़ना तो घटना है। घट जाता जरूर है... Hindi · कविता 172 Share Arun Prasad 5 Oct 2021 · 1 min read प्रार्थना - भाग्यविधाता पिघलते कर्म से हिलते और डुलते हैं भाग्य बदलते हैं। प््राार्थना से नहीं। रहो मत अर्कमण्य। --------------------------------------------- Hindi · कविता 236 Share Arun Prasad 5 Oct 2021 · 1 min read विकाश के ‘वायरस’ प्रजातंत्र द्वारा नवोदित लाठीधारी लाठी द्वारा हथियाये नेतृत्व के दरबारियों में लाठी–संस्कृति के लिए अखाड़ा–सभ्यता हेतु बहुत मोह है। और आहॐ कितनी भरी है लिप्सा‚लालसा व लोभ सम्राटों की तरह... Hindi · कविता 186 Share Arun Prasad 5 Oct 2021 · 1 min read दूध का दूध पानी का पानी दूध की नदी हो गया पानी–पानी स्वार्थ के वास्ते जब उतरा मनुष्य के तन–मन से सारा पानी। हो गया था उजागर दूध का दूध पानी का पानी। ----------------------------------- Hindi · कविता 303 Share Arun Prasad 5 Oct 2021 · 1 min read आदमखोर यह आदमी है या आदमखोर गला काट व्यवहार अन्तरंग सम्बन्धों में भी लेन–देन में लेना सब माटी के मोल और देना दे रहा हो जैसे शरीर से खुरच कर सोना।... Hindi · कविता 181 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 1 min read शान उबलता हुआ गरम–गरम गर्व। बिना विनम्रता कथन और कर्म। कैसी यह शान कि करता करे अपमान। ---------------- Hindi · कविता 397 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 1 min read अभिव्यक्ति जो शब्द मैंने सीखे भाषाओं से उसी में करता हूँ भावों की अभिव्यक्ति। बड़ी है अभिव्यक्ति भाषा नहीं। संकेतों से व्यक्त करनेवाला मैं अपनी प्यास तो कर दिया है जाहिर।... Hindi · कविता 147 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 1 min read गरीबी – परिभाषित गरीबी‚ आसमान से बड़ा है अभिशाप। बिकाऊ क्योंकि सबकुछ आदमी से देवता तक। देवता दे वर दक्षिणा के बाद। पशुओं के सामाजिक संरचना में कहीं नहीं है गरीबी क्योंकि सभ्यता... Hindi · कविता 194 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 1 min read सूरज का मेरा हिस्सा सूरज यूँ ही उगते रहोगे क्या? मुझे भी दो रौशनी। मैं भी पथ पर प्रवेश करूँ। क्यों है इतना अंधेरा‚ रात की खामोशी और बियाबान का सूनापन तुम्हारे रौशनी के... Hindi · कविता 392 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 1 min read भयातुर मन मैं हँस नहीं सकता भयभीत हूँ हँसी के दैत्यपना से.। मैं रो नहीं सकता सरक्षित हूँ जबतक नहीं रोया। हँसा तो छीन लेगा दैत्य जाग्रत स्वप्न की मेरी खुशियाँ। रोया... Hindi · कविता 416 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 1 min read पहचान का चिट पहचान का चिट गरीबी पर चिपकाने को लालायित हम सामंतवादी चिट। क्यों न हो वह आतुर लगाने को मुहर करने को जाहिर सामंतवाद मेरे पीठ ही नहीं मन पर भी।... Hindi · मुक्तक 181 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 1 min read फैल गयी घाटा सावनी अधर चुप मुस्कुरा उठे। बरस गयी भरी–भरी चाँदनी। दिया है देह ने देह को नेह ने नेह को रँग ने रँग को रूप ने रूप को गंध ने गंध को... Hindi · गीत 154 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 1 min read ऋजुवर्गीय -------------------------------------- हमारे पंखों को दोस्तो‚ये क्या हो गया है। उड़ान भरने का जज्बा‚क्यों खो गया है? रगों और शिराओं में उफान है पूर्ववत्। आँखों की पुतलियों में मंजिल है समाहित।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 189 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 2 min read हिंसा कोई कह रहा यह अपराधियों का है करतूत। कुछ न कुछ तो दे ही रहा होगा सबूत। जो हो रहा है‚है बहुत ही अपमानजनक। आपत्ति भर कर देने तक सीमीत... Hindi · कविता 220 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 2 min read राजनीति भारतीय राजनीति का भविष्य लिखनेवाले लोग आज सत्तांध गये हैं हो। परम उच्छृखंल‚अराजक व युद्धोन्माद से पीड़ीत वाक्यों से सड़ांध गये हैं हो। सिद्धान्तहीन होकर कर रहे हैं संसद से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 195 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 1 min read आदमी–4_ आदमी को कोई नहीं‚ छला है आदमी के जीवन ने। आदमी–4 आदमी को कोई नहीं‚ छला है आदमी के जीवन ने। पर‚ आदमी देता रहा है इल्जाम हरदूजे आदमी को। दगा खुद को दिये जायेगा और सजा उस खुदा को।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 152 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 2 min read इस्तीफा ---------------- आज मैं खुश भीड़ का अगुआ था जलाई बसें– ताकत दिखाई। गालियाँ बकी– भाषण सीखा। देखा हाथ जोड़ मनाती पुलिस जाना विरोध की ताकत। राजधानी से फोन आया मिजाज... Hindi · कविता 233 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 1 min read क्रांति या आतंक दिन सारे रहे हैं अधूरे रात कभी हुई ही नहीं पूरी। ब््राह्माँड का कौन सा क्षेत्र है यह जहाँ हर चीज है आधी–अधूरी? कौन सा नक्षत्र गुजर रहा है‚इस आकाश... Hindi · कविता 388 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 1 min read हाईकू सामाजिक न्याय, असामाजिक तत्वों से। कैसा भरोसा। तुलसीदास। रामचरितमानस। सांस्कृतिक विज्ञान। स्तब्ध संस्कृति। खटखटा रहा है। सभ्यता का द्वार। प्रजातंत्र था प्रजा ने बना दिया ‘स्ट्राईक’तंत्र। टी0वी0 के पर्दे। कार्तिक... Hindi · हाइकु 229 Share Arun Prasad 4 Oct 2021 · 2 min read हाइकू धूप सी खिली मौसम मनचली तूफाँ में ढ,ली। स‰य की कही दुनियाँ के कानों में बम सी पड,ी। पुराना रोग शरीर के घर में मचा तूफान। शीशे सा सच आदमी... Hindi · हाइकु 265 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read आम आदमी मँहगे हुए अन्न‚वस्त्र‚मकान खास से खिसके हो गये आदमी आम। ---------------------- अरूण प्रसाद‚पडोली Hindi · कविता 362 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read आदमखोर यह आदमी है या आदमखोर गला काट व्यवहार अन्तरंग सम्बन्धों में भी लेन–देन में लेना सब माटी के मोल और देना दे रहा हो जैसे शरीर से खुरच कर सोना।... Hindi · कविता 1 357 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read भरोसा सामाजिक न्याय असामाजिक तत्वों से। कितना भरोसेमंद है हायॐ ऐसा भरोसा। --------------------------- Hindi · कविता 294 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read किसान का पुत्र किसान का पुत्र सपाट‚सरल। सीख न पाया कभी कोई छल। ग््राामीण परिवेश से आया उठकर छल करने को जहाँ है कुछ नहीं। सुबह‚शाम खेत–खलिहान रोटी की दौड़ नहीं किन्तु होड़... Hindi · कविता 1 223 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read कलम में भरा कलम में भरा रात और दिन पसीना और खून। कलम ने दिया भूख और गरीबी जिल्लत की जिन्दगी। मजदूरी को उठा ठठाने लगे व्यापार के लिए पूंजी नहीं नौकरी को... Hindi · कविता 1 378 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read रिश्ते गली बदल लेते थे मुँह मोड़ लेते थे सामना होने से जो घबराते थे अजाने रिश्ते कह ओठ बिचका लेते थे सहसा मिला धन रिश्ते निभाने बाढ़ आ गई। ऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ Hindi · कविता 1 387 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read दूध का दूध पानी का पानी दूध की नदी हो गया पानी–पानी स्वार्थ के वास्ते जब उतरा मनुष्य के तन–मन से सारा पानी। हो गया था उजागर दूध का दूध पानी का पानी। ------------------------------ Hindi · कविता 232 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read चिड़िया का सोना थकते नहीं कहते कहते हम था कल देश हमारा सोने की चिड़िया । अब आज अनुत्तरित यह प्रश्न कि क्या हुआ कि सहसा चिड़िये से खो गया स्वर्ण। पाषाण युग... Hindi · कविता 1 413 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read गाँधी महान आश्चर्य है कि हर बदलाव अनन्त सदियों से चाहता रहा है खून। चाहे वह रावण का सिर हो या कौरवों का कटे हाथों से छिटका हुआ नाखून। या फिर सम्राट... Hindi · कविता 173 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read आम आदमी महाभारत की द्रौपदी है आज का आम आदमी। किया जाता है इसलिए इन्हें बार–बार न जानें कहाँ–कहाँ से तार–तार नग्न। दौपदी होने की यही तो नियति है। ------------------------- Hindi · कविता 181 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read समर्थन कौरवों के संग–साथ भीष्म‚द्रोण हों यदि। होती क्यों नहीं रहेंगी यहाँ द्रौपदियाँ नग्न। Hindi · शेर 239 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read सोच भूख की भूख से जब बिलबिला गया तो मन में एक ख्याल आया काशॐ पौधे से न मिलता पेड़ से मिलता भोजन। हमें मिल जाती विराट की छाया भुखमरी नहीं होती। ------------------------------------- Hindi · कविता 327 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read स्त्री माएँ होती हैं पूजनीया पुरूष का बड़प्पन। बहन लज्जा का प्रतीक मरने–मारने को उतारू रक्षक पुृरूष। रक्षाबंधन की मर्यादा का अक्षरशः पालन। बेटियाँ आँखों के तारे दुलार‚प्यार की बौछार पुरूष... Hindi · कविता 333 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read क्रांति स्याही का रंग जब लाल होगा मुर्दा पड़े लोगों में तब कमाल होगा। इस कमाल को लोग कहेंगे भ्राँति। पर‚ हम तो कहेंगे क्राँति। ---------------------------------------------------- Hindi · मुक्तक 216 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read गज़ल_-वेद बदल जायगा‚तलवार टूट जायगी वेद बदल जायगा‚तलवार टूट जायगी। साहस के साथ दोस्तो पत्थर इसे दिखा। धरती दरिद्रता नहीं सम्पन्नता का नाम। आकाश को पानी के लिए आँखे जरा दिखा। मजहब के सच को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 167 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read पूजा पूजा क्या है? सच पूजा का पता नहीं चलता। करते रहो उम्र भर बढत.ा कुछ भी नहीं उम्र के सिवा। पर‚उम्र का बढ़ना तो घटना है। घट जाता जरूर है... Hindi · कविता 1 194 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read जन्म कुंडली ------------------------------------ सचमुच क्या जीवन का वर्ष वर्ष का वक्त वक्त का अंजाम अंजाम की कहानी कहानी का सच सच का सौन्दर्य सौन्दर्य का झूठ झूठ का फैलाव फैलाव की कुंडली... Hindi · कविता 1 179 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read काश वहाँ होते मेरे पिता ------------------------------------- क्रोध किया, ईश्वर पर। रोया–धोया, आकाश में भरे शुन्य को इंगित कर। ग्लानि से निहारा अन्दर के मनुष्य को। उसे समझाने की कोशिश की किन्तु‚ जब बाँध टुटता है... Hindi · कविता 1 499 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read वृक्ष का जताना अफसोस -------------------------------- वृक्ष रोता था, कटने से डरकर। हँसता है अब। हमपर। रोते हैं अब हम। पर्यावरण का खौफ, वृक्ष जताता अफसोस। --------------------------------- Hindi · कविता 1 236 Share Arun Prasad 3 Oct 2021 · 1 min read गज़ल सुरक्षित है घर फिर भी ताले लगे हैं। क्यों रक्षित की चिन्ता बढ़ाने लगे हैं। मची लूट बाजार में ऐॐ सियासत खाद्यान्न छीनने अब निवाले लगे हैं। कहीं सड़ रहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 355 Share Previous Page 8 Next