Shashi kala vyas 664 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next Shashi kala vyas 23 Nov 2021 · 1 min read *मैं तुलसी तेरे आँगन की* *मैं तुलसी तेरे आँगन की* *********************** घर आँगन की बगिया महकी , शुद्ध पवित्र हरी तुलसी मंजरी , विष्णु प्रिया संग तुलसी महारानी , शालिग्राम संग ब्याह रचाती , शुचित... Hindi · कविता 2 1 267 Share Shashi kala vyas 19 Nov 2021 · 1 min read *"प्रकाश पर्व"* प्रकाश पर्व कार्तिक मास पूर्णिमा निखरा चाँद गुरुनानक देव जंयती मनाए। जीवन नए उमंगों से भरा हुआ , जगमग दीप जलाए। गुरुनानक की दया कृपा प्राप्त कर सुख शांति खुशहाल... Hindi · कविता 1 351 Share Shashi kala vyas 19 Nov 2021 · 1 min read *"छठ पर्व"* छठ पर्व सूर्य अर्ध्य उपासना छठ पूजा अर्चना करती। सुहाग का लाल चुनरिया ओढ़े हुए सोलह श्रृंगार करती। अनादि काल से चली आ रही रीति रिवाज परम्पराओं का पालन करती।... Hindi · कविता 1 410 Share Shashi kala vyas 12 Nov 2021 · 1 min read *"आँवला नवमी"* *आँवला नवमी* कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी तिथि को आँवला नवमी पर्व मनाते। सुख समृद्धि आरोग्य दान पुण्य कर वरदान माँगते। श्री विष्णु शिवजी आंवले के वृक्ष में विराजमान हो वास... Hindi · कविता 5 1 471 Share Shashi kala vyas 26 Oct 2021 · 1 min read *"आधा अधूरा चाँद"* *"आधा अधूरा चाँद"* बादलों की ओट में छिप कर , सोलह कलाओं को दिखलाता। पूर्णमासी चंद्र का प्रतिबिंब का दर्शन , कभी घटता कभी बढ़ते ही जाता आधा अधूरा चाँद... Hindi · कविता 3 1 367 Share Shashi kala vyas 26 Oct 2021 · 1 min read *"भींगी पलकें छुपा रहे हो"* *भींगी पलकें छुपा रहे हो* नजरों से नजरें जब मिल गई , जुबां से कुछ ना बोल रहे हो। कुछ ना कहते फिर भी जाने क्यों , क्यों इतना मुस्करा... Hindi · कविता 4 2 279 Share Shashi kala vyas 21 Oct 2021 · 1 min read *"गीता"* *"गीता"* श्रीमद्भागवत गीता कर्म करने का महत्व बतलाती। घर संसार के सारे विध्न बाधाओं को दूर करने का उपाय बताती। सुख समृद्धि धन धान्य ,शुभ फल देने वाली दुःख को... Hindi · कविता 2 2 321 Share Shashi kala vyas 9 Oct 2021 · 1 min read *"चन्द्रघण्टा माँ"* *चन्द्रघन्टा माँ* शक्तिस्वरूपा , चन्द्रघन्टा माँ , तेरे शीश झुकाऊँ , आरती उतारूँ , जगतमाता। ****************** आदिशक्ति , हे जगदम्बे , सुन लो पुकार , अंतर्मन विराजो , स्तुति करते... Hindi · कविता 2 267 Share Shashi kala vyas 1 Oct 2021 · 1 min read *"पितृ देव"* *"पितृ देव"* पूर्वजों की छत्रछाया में पले , पितरों की याद में नीर बहे। विदा हो गए जो इस जीवन से, सुखद पलों के लम्हें सांझ ढले। प्रेम तपस्या संघर्ष... Hindi · कविता 3 4 642 Share Shashi kala vyas 27 Sep 2021 · 1 min read *पैगाम* *"पैगाम"* बहुत दिनों बाद एक कागा मुंडेर पे बैठे हुए , किसी के आने का *पैगाम* लेकर आया है। चिठ्ठी का जमाना बदल गया आज इंटरनेट से संदेश पहुंचाया है।... Hindi · कविता 318 Share Shashi kala vyas 13 Sep 2021 · 1 min read *"संतान सप्तमी'* *संतान सप्तमी* भाद्रपद शुक्ल सप्तमी तिथि, संतान सुख प्राप्ति व्रत करते। संतान सुख संतान रक्षा ,संतान की उन्नति मनोकामना पूर्ण करते। शिव गौरा पार्वती गणेश ,कार्तिकेय जी का पूजन करते।... Hindi · कविता 1 494 Share Shashi kala vyas 11 Sep 2021 · 1 min read *"गणपति देवा"* *"गणपति देवा"* गणपति देवा करूँ तेरी सेवा , *सेवा से सब विघ्न टरे।* माथे सिंदूर तिलक सोहे ,गले वैजयन्ती माला। ओढे पितांम्बर वक्ष जनेऊ धारण कर में भाला। *गणपति देवा... Hindi · कविता 5 3 338 Share Shashi kala vyas 2 Sep 2021 · 4 min read *"धन्यवाद"* *"धन्यवाद"* शुक्रिया या धन्यवाद एक बहुत छोटा सा शब्द है लेकिन शुक्रिया अदा करने से शरीर में अंतरआत्मा में जो प्रबल शक्ति मिलती है वह किसी चमत्कार से कम नही... Hindi · लेख 1 4 442 Share Shashi kala vyas 31 Aug 2021 · 1 min read *"चले आना तुम"* *"चले आना तुम"* छोटे से लड्डू गोपाल बनके , माथे मोर मुकुट पँख लगाए। कानों में कुंडल सोहे ,लट घुंघराले बालों वाले , गले वैजयंती माला पीतांबर सोहे , भाल... Hindi · कविता 2 2 666 Share Shashi kala vyas 26 Aug 2021 · 1 min read *ओ कान्हा क्यों रूठ गए हो* *ओ कान्हा क्यों रूठ गए* साँवली सुरतिया मोहन हमसे क्यों रूठ गए । न जाने कहाँ छिपे बैठे हो ,हमको भूल गए। नैनों से नीर बहाते हुए ,दिन रात राधा... Hindi · कविता 3 6 308 Share Shashi kala vyas 24 Aug 2021 · 1 min read *"अक्स"* *"अक्स"* मेरा ही अक्स मुझे ढूढता फिरता रहता , न जाने क्यों आगे पीछे छोड़ घूमता ही रहता। वो काली सी अक्स अक्सर लोग पूछते हैं , क्या तुम उससे... Hindi · कविता 4 352 Share Shashi kala vyas 24 Aug 2021 · 3 min read *"एक धागा विश्वास का"* *"एक धागा विश्वास का"* सुमित्रा की शादी को 30 साल हो गए हैं लेकिन भाई की कलाई पर राखी बांधने का इंतजार करती बाट जोह रही है .... ! !... Hindi · कहानी 2 579 Share Shashi kala vyas 24 Aug 2021 · 1 min read *"खुशबू "* *"खुशबू"* *खुशबू बता रही है वो रास्ते में है* मौसम परिवर्तन पत्ते झड़ते जाते , नव पल्लव फिर से उग आते , हरियाली चहुँ ओर फैल जाते , उपवन में... Hindi · कविता 1 472 Share Shashi kala vyas 12 Aug 2021 · 1 min read *"नागपंचमी"* *"नागपंचमी"* श्रावण मास की पंचमी तिथि , नागपंचमी त्यौहार मनाते । नाग देवता की पूजन अर्चना कर , दुग्ध बेलपत्र फूल चढ़ाते। *नागपंचमी त्यौहार मनाते* भोलेनाथ गले में नागों के... Hindi · कविता 2 1 445 Share Shashi kala vyas 9 Aug 2021 · 1 min read *"मौन"* *"मौन"* जब कोई बात समझ में ना आए , मुश्किल संकट की घड़ी आ जाए , बिगड़ी हुई बात सम्हल ना पाए , दिल की बात कोई समझ न पाए।... Hindi · कविता 6 7 397 Share Shashi kala vyas 8 Aug 2021 · 1 min read *निर्मल - मलिन* *निर्मल - मलिन* गंगा नदी का पवित्र *निर्मल* जल धारा , ओ मानव क्यों धूमल मन करता जाए मलिन। जिस धरा पे बहती शुद्ध *निर्मल* जल धारा, वहाँ कूड़ा करकट... Hindi · कविता 2 1 285 Share Shashi kala vyas 7 Aug 2021 · 3 min read *"शिव और शक्ति "* *"शिव और शक्ति"* *चैतन्य शाश्वतं शान्तं व्योमातीत निरजंन।* *नाद बिंदु कलातीत तस्मै श्री गुरुवे नमः।।* *"नाद बिंदु"* ;- चराचर जगत में नाद स्वरूप है *बिंदु शक्ति व नाद शिव जी*... Hindi · लेख 5 2 1k Share Shashi kala vyas 3 Aug 2021 · 1 min read *"कुछ कहा न जाए"* *"कुछ कहा न जाए"* *संघर्ष भरा जीवन है ,कृष्ण को पुकारूँ,* *संकट की इस घड़ी में ,रूठे किस्मत को सँवारुं,* *सहा भी न जाए कुछ कहा भी न जाए।* ♾️♾️♾️♾️♾️♾️♾️♾️... Hindi · गीत 7 3 551 Share Shashi kala vyas 1 Aug 2021 · 1 min read *"मित्रता"* *"मित्रता"* कृष्ण सुदामा की मित्रता , अहंकार स्वार्थ से परे तृप्त हृदय प्रेम विश्वास। कंटक पथ दूरगामी पग पखार , आत्मीय मिलन अपनेपन का सुखद एहसास। *कृष्ण सुदामा सी मित्रता*... Hindi · कविता 5 4 400 Share Shashi kala vyas 28 Jul 2021 · 1 min read *"तूफां दिल में छुपाये बैठे हैं"* *"तूफां दिल में छुपाये बैठे हैं"* कौन सुनेगा किसको सुनाये , जाने किसको क्या समझाये , राज ये गहरा दिल में छुपाये , बरसों सीने में आग सुलगाये , ख़ामोशी... Hindi · कविता 5 8 306 Share Shashi kala vyas 27 Jul 2021 · 1 min read *"रेल चली"* रेल चली छुक छुक करके आती रेल , चुन्नू मुन्नू आओ जल्दी से , हम सब मिलकर खेले खेल , उछल कूद अजब गजब खेल। छुक छुक कर सीटी बजाते... Hindi · कविता · बाल कविता 5 6 514 Share Shashi kala vyas 27 Jul 2021 · 1 min read *"बिल्ली रानी"* बिल्ली रानी बड़ी सयानी , चूहे को देखके झपटने आई। बिल से निकल जब चूहा भागा , बिल्ली ने देख तब दौड़ लगाई। पकड़म पकड़ाई खेल खेलते , चूहा बिल्ली... Hindi · कविता · बाल कविता 5 3 742 Share Shashi kala vyas 27 Jul 2021 · 1 min read *"कागज की नाव"* *"कागज की नाव"* बारिश के पानी में भींगते जाते , छप छप करते पांव थिरकते , रंग बिरंगी छतरी हाथों में लेते , इधर उधर गोल घुमाते रहते। बारिश में... Hindi · कविता · बाल कविता 5 5 915 Share Shashi kala vyas 25 Jul 2021 · 3 min read *"मोलभाव"* *"मोलभाव"* सुमन बारिश के मौसम में भींगते हुए सब्जी ले रही थी एक हाथ में छतरी दूसरे हाथ में थैला व पर्स रखी हुई थी।सब्जी लेकर लौटते समय ताजे भुट्टे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 1 644 Share Shashi kala vyas 25 Jul 2021 · 5 min read *"गुरु दीक्षा"* *"गुरु दीक्षा"* सुल्तानपुर आश्रम में हर साल गुरु महाराज जी गुरु पूर्णिमा पर्व पर आते ,तीन दिन रुकते प्रवचन सत्संग करते हुए गुरु दीक्षा देकर वापस अपने आश्रम लौट जाते... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 6 881 Share Shashi kala vyas 21 Jul 2021 · 1 min read *"जीवन पथ"* *"जीवन पथ"* जीवन पथ का पथिक हूँ मैं , हिम्मत से आगे घुटनों के बल बढ़ता रहा , आंधी आये या तूफानों में खड़ा रहा , मंजिल पे अडिग डटे... Hindi · कविता 2 4 675 Share Shashi kala vyas 20 Jul 2021 · 1 min read *"मैं खुली किताब हूँ"* *मैं खुली किताब हूँ* कोरे कागज पे काले अक्षरों में रचित , हर पन्नों में नया एहसास जगाती हूँ। अंतर्मन का द्वार खोल ज्ञान चक्षु में, जीवन को परखते आँकते... Hindi · कविता 4 2 626 Share Shashi kala vyas 19 Jul 2021 · 1 min read *"गरल"* *"गरल"* राणा जी ने मीरा को भेजा गरल का प्याला , अमृत सुधा समझ पी गई ,लेकर हरि का नाम। गरल का प्याला पीकर कृष्ण दीवानी हो गई, एकतारा लिए... Hindi · कविता 1 2 446 Share Shashi kala vyas 18 Jul 2021 · 4 min read *"वेक्सीनेशन"* कोरोना महामारी काल के संक्रमण से बचने के लिए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों ने वैक्सीन बनाई है।जिसे हर उम्र के लोगों के लिए अलग अलग... Hindi · लघु कथा 5 4 549 Share Shashi kala vyas 15 Jul 2021 · 1 min read *"मेघ आये बन ठन के"* *"मेघ आये बन ठन के"* धरा ने ओढ़ ली चुनरिया दुल्हन बनके , व्योम दूल्हा बने हैं, देखो सेहरा पहन के। उमड़ घुमड़ कर बदरा छाये , चमक दामिनी चमकत... Hindi · कविता 7 8 1k Share Shashi kala vyas 12 Jul 2021 · 1 min read *"झुरमुट"* *"झुरमुट"* बांसों के झुरमुट साये में बैठे हुए , सांझ सबेरे चिड़िया जब चहचहाती। रैन बसेरा ढूढ़ते हुए झुरमुटों में , नीड़ बना जीवन सुरक्षित कर जाती। *झुरमुट के साये... Hindi · कविता 4 4 357 Share Shashi kala vyas 10 Jul 2021 · 1 min read *"कदंब का फूल"* "कदंब का फूल"* यमुना तीरे कदंब के फूल ,स्वर्णिम आभा लिए सुगंध महकाये। विशाल वृक्ष पर झूला झूले ,राधा कृष्ण गोपियाँ मंद मंद मुस्काये। कान्हा की मधुर बाँसुरी की सुन... Hindi · कविता 5 1 583 Share Shashi kala vyas 10 Jul 2021 · 1 min read *"सावन"* *"सावन"* घनघोर घटा छाए ,सावन की रुत ये आई। रिमझिम बरसता पानी ,मौसम ने ली अंगड़ाई। खिलता हुआ चमन ये ,कलियाँ भी मुस्कराई। भँवरे भी गुनगुनाते ,तितलियां भी उड़के आई।... Hindi · कविता 7 7 656 Share Shashi kala vyas 8 Jul 2021 · 7 min read *"समर्पण"* *"समर्पण"* निर्मला अपने बेटे के प्रति हमेशा चिंतित रहती , क्योंकि वो कुछ कामकाज नही करता था दिनभर घर पर ही बैठे रहता इधर उधर घूमता रहता भूख लगने पर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 7 393 Share Shashi kala vyas 7 Jul 2021 · 4 min read *"बुढ़ापे की लाठी"* *"बुढ़ापे की लाठी"* चौरासी लाख योनियों में जन्म मरण का चक्कर चलता ही रहता है एक आत्मा से दूसरी आत्माओं में प्रवेश करने के लिए ये मानव शरीर मिलता है।... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 6 6 1k Share Shashi kala vyas 7 Jul 2021 · 2 min read *"मन का क्या , वो तो बातें करता है"* *"मन का क्या ,वो तो बातें करता है"* चेतन मन शक्तियों का पुंज ,ईश्वरीय ज्ञान में उतरता जाता है। दिव्य शक्ति का अदभुत खिंचाव ,महसूस कर सहनशील बन जाता है।... Hindi · कविता 1 667 Share Shashi kala vyas 4 Jul 2021 · 2 min read *"करेंसी डॉलर"* *"करेंसी डॉ जुलाई के महीने में लगातार बारिश होने से घर में कुछ जगहों पे छत से पानी टपक रहा था । सामान को इधर उधर सरकाते हुए छोटे से... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 8 363 Share Shashi kala vyas 3 Jul 2021 · 1 min read *"मेघ"* मेघ बरसे , बिजुरिया चमके , रुत सुहानी , पवन पुरवाई , वर्षा की अंगड़ाई । नाचे मयूर , कूके है कोयलिया , सुमन खिले , महकती बगिया , भरे... Hindi · कविता 2 3 317 Share Shashi kala vyas 2 Jul 2021 · 3 min read *"मोलभाव"* *"मोलभाव"* सुमन बारिश के मौसम में भींगते हुए सब्जी ले रही थी एक हाथ में छतरी दूसरे हाथ में थैला व पर्स रखी हुई थी।सब्जी लेकर लौटते समय ताजे भुट्टे... Hindi · कहानी 3 3 392 Share Shashi kala vyas 2 Jul 2021 · 1 min read *"फाल्गुन"* लो , आया, फागुन , मस्ताना , रंगों की होली , नाच उठे मन , मयूर बनकर । ➿➿➿➿➿➿➿➿ ये , रंग , रंगीली , वेशभूषा , होली का रंग... Hindi · कविता 3 2 713 Share Shashi kala vyas 28 Jun 2021 · 1 min read *कभी वो भी तो सुनो जो हम कह न सके* *" कभी वो भी तो सुनो जो हम कह न सके"* यूँ तो हर बात लहजे में चलते हुए कहते सुनते ही रहते हैं। फिर भी न जाने क्यों जो... Hindi · कविता 2 2 371 Share Shashi kala vyas 28 Jun 2021 · 1 min read *हे प्रभु संवारो मुझे* *"हे प्रभु संवारो मुझे"* अंतर्मन में नई चेतना जागृत कर , सुगम पथ प्रदर्शक दिखला कर , सुरभित सुमन चंदन सा महके तनमन , *हे प्रभु संवारो मुझे.....! ! !*... Hindi · कविता 2 3 413 Share Shashi kala vyas 23 Jun 2021 · 1 min read *"पिता"* *"पिता"* जीवन का अनमोल तोहफा दिया कड़ी मेहनत करते वो पिता है। गम के अंधेरे में उम्मीद का दामन थाम लिया करते वो पिता है। *वो आदर्श पिता है.....! !... Hindi · कविता 3 1 254 Share Shashi kala vyas 17 Jun 2021 · 2 min read *"विदाई"* रीति रिवाजों का दस्तूर नेग , नियति का नियम बेटी होती पराई। दुल्हन बन पिया संग ससुराल चली हो जाती है विदाई। मेहंदी चूड़ियाँ पैरों में महावर लाल लाल। मायका... Hindi · कविता 2 2 294 Share Shashi kala vyas 17 Jun 2021 · 1 min read *"जीवात्मा"* *जीवात्मा* भृकुटी में चमकता ये अजीब सितारा। जीवन का गजब खेल अनोखा ये तारा। यह देह तो आत्मा का काला चोला है। कोई न गोरा न कोई काला ये तो... Hindi · कविता 5 1 845 Share Previous Page 7 Next