प्रीतम श्रावस्तवी Language: Hindi 456 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रीतम श्रावस्तवी 15 May 2024 · 1 min read मुक्तक लगी होती है क्या दिल की इसे दिलबर ही समझेगा ये तन्हाई का आलम मील का पत्थर ही समझेगा ज़माना ये कहाँ समझेगा ये बेताबियाँ दिल की नदी बेचैन है... Hindi · ग़ज़ल · मुक्तक 35 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Mar 2024 · 1 min read मुक्तक मुक्तक बिछड़े दिलों को पास बुलाता ये पर्व है हर भेदभाव मन के मिटाता ये पर्व है ये होली सिर्फ़ रंग का त्योहार ही नहीं आपस में प्रेमभाव बढ़ाता ये... Hindi · मुक्तक 42 Share प्रीतम श्रावस्तवी 17 Mar 2024 · 1 min read गीत गीत हृदय के स्पंदन में एक तान सुनाई देती है एक सुनहरी छवि आँखों में, दिन रात दिखाई देती है वो तुम ही हो या फिर मेरे मन का ये... Hindi · गीत 61 Share प्रीतम श्रावस्तवी 9 Mar 2024 · 1 min read ग़ज़ल आज की हासिल ग़ज़ल मैं तुम्हें लब पर सजाना चाहता हूँ बाँसुरी तुमको बनाना चाहता हूँ छोड़कर मैं ये जहां सँग में तुम्हारे इक अलग दुनिया बसाना चाहता हूँ शाम-ए-गम... Hindi · ग़ज़ल 87 Share प्रीतम श्रावस्तवी 9 Mar 2024 · 1 min read मुक्तक 🌻🌻🌻 #पिता मेरी बेटी दुल्हन बनकर तू जब ससुराल जाएगी नए माहौल में ख़ुद को तू कैसे ढाल पाएगी वहाँ पति के अलावा और भी कुछ फ़र्ज़ हैं तेरे वो... Hindi · मुक्तक 63 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल एक मुद्दत से नहीं सोया हूँ घर में यारो ज़िन्दगी बीत गई सिर्फ़ सफ़र में यारो सारी दुनिया को इनायत से नवाज़ा है मगर एक बस मैं ही नहीं उसकी... Hindi · ग़ज़ल 76 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Feb 2024 · 1 min read मुक्तक शहरों के पार्क में न तो जुल्फों की छाँव में मिलता अज़ब सुक़ून है आकर के गाँव में लगता है कोई राग सुनाती हैं कोयलें पाजेब जब छमकते हैं गोरी... Hindi · मुक्तक 85 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल गर बड़े हो जाओ तो तुम ख़ुद को अक्सर देखना झाँकते रहना बराबर दिल के अंदर देखना ज़िन्दगी से सारी ख़ुशियाँ कैसे होतीं लापता दिल किसी इक महज़बीं से तुम... Hindi · ग़ज़ल 64 Share प्रीतम श्रावस्तवी 16 Jan 2024 · 1 min read ग़ज़ल एक मुद्दत से नहीं सोया हूँ घर में यारों ज़िन्दगी बीत गई सिर्फ़ सफ़र में यारों सारी दुनिया को इनायत से नवाज़ा है मगर एक बस मैं ही नहीं उसकी... Hindi · ग़ज़ल 76 Share प्रीतम श्रावस्तवी 9 Jan 2024 · 1 min read गाँव का दृश्य (गीत) शहरों को छोड़ आप जो सँग मेरे आयेंगे मंज़र सुहाना गाँव का हर दिन दिखायेंगे कारों बसों का शोर न कोई धुँआ यहाँ सरगम का राग छेड़ती बैलों की घण्टियाँ... Hindi · गीत 159 Share प्रीतम श्रावस्तवी 9 Jan 2024 · 1 min read चूल्हे की रोटी दिनाँक- 09-01-2024 🥀🥀🌻🌻🌻 चूल्हे पे मेरी माँ जो बनाती हैं रोटियाँ सोंधी महक से मन को लुभाती हैं रोटियाँ आँटे की लोई लेके बढ़ाती हैं प्यार से फिर सेंकती हैं... Hindi · गीत 106 Share प्रीतम श्रावस्तवी 7 Jan 2024 · 1 min read अवधी गीत सिमवा पे जैसे$$$$$ डटे हैं जवनवा सिवनवा में डटा रहैं किसनवा सिवनवा में०------ 1️⃣ गोला न बन्दूक से डर इनका लागै डर इनका लागै न डर इनका लागै देखैं जौ... Hindi · गीत 132 Share प्रीतम श्रावस्तवी 2 Jan 2024 · 1 min read कँहरवा सीत लहरी चलै सीत लहरी काँपै हाँड़ अउ बदनवा।। सीत लहरी नाव धरे हैं नवा साल कै भैया नौकी पीढ़ी कौनी ओर से माह जनवरी उन्नति कै है सीढ़ी यहिमा... Hindi · गीत 1 133 Share प्रीतम श्रावस्तवी 1 Jan 2024 · 1 min read हास्य व्यंग्य क्यों एक जनवरी को नव वर्ष ना मनाऊँ। क्या चाहते हो सबमें अपनी हँसी कराऊँ।। क्यों एक०------ 1️⃣ एस पी डी एम कलेक्टर मज़दूर शाह नौकर हैं केक काटते सब... Hindi · हास्य-व्यंग्य 159 Share प्रीतम श्रावस्तवी 30 Dec 2023 · 1 min read पिता का बेटी को पत्र हर बात अपने दिल की बताता हूं लाडली सुनाता हूं लाडली याद तेरी आए बहुत 1️⃣ जब से तू गयी लाडली, सूना जहान है सूनी है धरा सूना सूना आसमान... Hindi · गीत 981 Share प्रीतम श्रावस्तवी 22 Dec 2023 · 1 min read अवधी स्वागत गीत महकाई दा घर अँगनवा हो सखी आये पहुनवा आए पहुनवा हो आए पहुनुवा बनिकै ई हीरा नगिनवा हो सखी०--- महका दा०--- ① मीठे-मीठे बोलियन के फुलवा सजावो स्वागत में मखमल... Hindi · गीत 1 167 Share प्रीतम श्रावस्तवी 20 Aug 2023 · 1 min read अवधी मुक्तक ना धोती ना कुरता ना गमछा कै अब चलन रहा पच्छूँ के ख़्वाहिस मा समाज ई आपन मगन रहा काव कही जब से ई डेनिम कै फैसन आय गवा नौका... Hindi · मुक्तक 170 Share प्रीतम श्रावस्तवी 29 Jul 2023 · 1 min read बचपन की यादें गिल्ली डंडा खो खो और वो गांवन की यादें बहुत सताती हैं वो हमको बचपन की यादें गिल्ली डंडा ०-- १--सुबह सुबह लेकर उठते थे हाथ में कंचा गोली दिन... Hindi · गीत 162 Share प्रीतम श्रावस्तवी 29 Jul 2023 · 1 min read दारू की महिमा अवधी गीत तोहरे अंदर बड़ी कला है, हे दारू महरानी तुहका जे अपनाय लिहिस ऊ अउर न केहुक जानी तोहरे अंदर०------- १- बड़का गुन ई तोहरे भीतर, बुद्धी का चकरावत हिव फेर... Hindi · गीत 169 Share प्रीतम श्रावस्तवी 15 Jul 2023 · 1 min read कजरी कजरी पियवा चलौ चली वोसरवा रिमझिम पड़े फुहरवा नाय नभ में श्याम घटा घन छाए बिजुरी चमक चमक डरवाए धूमिल होत कजरवा नाय रामा धूमिल होत कजरवा नाय पियवा चलौ... Hindi · गीत 331 Share प्रीतम श्रावस्तवी 30 Jun 2023 · 1 min read अवधी गीत अवधी बहार पत्नी ने पति से कहा #छोड़ि के हमका यहर-वहर तू, काहे जिव भरमावत हौ। तनिक बताऔ हमसे काहे, नैना नाहि लड़ावत हौ।। हम हैं सुंदर सुघर सलोनी, बारी... Hindi · गीतिका 168 Share प्रीतम श्रावस्तवी 30 Jun 2023 · 1 min read अब कहाँ मौत से मैं डरता हूँ तेरी यादों से जब गुज़रता हूँ मैं न जीता हूँ और न मरता हूँ तेरे ग़म ने वो हाल कर डाला रात-दिन सिर्फ़ आह भरता हूँ ज़िन्दगी तू ये चाहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 153 Share प्रीतम श्रावस्तवी 31 May 2023 · 1 min read अवधी लोकगीत कउनौ सौतिन से नाही बतियाव बलमा दिलवा हमहिन से खाली लगाव बलमा कउनौ०----- जाड़े म कांपी जौ थर थर बदनवा साँच मानौ बलमा ई मोरा कहनवा हमका गर्म रजैया बनाव... Hindi · गीत 345 Share प्रीतम श्रावस्तवी 16 May 2023 · 1 min read ऐ मेरे हुस्न के सरकार जुदा मत होना दिल तुम्हारा है तलबगार जुदा मत होना चाहे जितनी भीहो तक़रार जुदा मत होना मेरे इस दिल की सदा सुन के चले आना तुम चाहे दुनिया की हो दीवार जुदा... Hindi · ग़ज़ल 240 Share प्रीतम श्रावस्तवी 10 Apr 2023 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल बेशक़ दुनियादारी रख लेकिन सीरत प्यारी रख दुनिया कब जीने देगी थोड़ी सी मक्कारी रख जाने कब काम आ जाएं चोरों से भी यारी रख भूखा ना लौटे दर... Hindi · ग़ज़ल 2 218 Share प्रीतम श्रावस्तवी 9 Apr 2023 · 1 min read मुक्तक 221 1221 1221 122 पीना है तो फिर शाम को घर आ के पिया कर है तुझको कसम ठेके पे मत जा के पिया कर मैं भी तो तेरे साथ... Hindi · मुक्तक 211 Share प्रीतम श्रावस्तवी 9 Apr 2023 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल वही है हर जगह खाली कोई कमरा नहीं रहता ख़ुदा वो शै है जिससे कोई भी पर्दा नहीं रहता कभी दिल, जाँ, ख़ुशी तो ज़िंदगी भी छीन लेती है... Hindi · ग़ज़ल 218 Share प्रीतम श्रावस्तवी 25 Mar 2023 · 1 min read दोहा पीर हिया में उस घड़ी, करे बड़ा ही शोर। मात-पिता से जब तनय, बोले वचन कठोर।। सत्य आचरण खो गया, आया कलियुग घोर। सास ससुर से अब बहू, लेती काम... Hindi · दोहा 274 Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Mar 2023 · 1 min read मुक्तक ज़िंदगी तब महान लगती है जब तुम्हारी दुकान लगती है पान खाने जो आऊँ तो तेरी आँख ये मेज़बान लगती है प्रीतम श्रावस्तवी Hindi · मुक्तक 176 Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Mar 2023 · 1 min read मुक्तक नफ़रतें दिल की मुहब्बत को जला देती है ये तो रिश्तों की सदाक़त को जला देती है चोरियाँ करते जो देखो न हिकारत से उन्हें पेट की आग शराफत को... Hindi · मुक्तक 182 Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Mar 2023 · 1 min read मुक्तक बाहों में आसमान भर लेना हौसलों से उड़ान भर लेना चोरी करके पड़ोसियों के यहाँ अपनी सारी दुकान भर लेना प्रीतम श्रावस्तवी Hindi · मुक्तक 204 Share प्रीतम श्रावस्तवी 15 Mar 2023 · 1 min read दोहा मन की बातें ख़ूब हुईं, घूम लिए संसार। अब तो कुछ यूँ कीजिये, हो सबका उपकार।। प्रीतम श्रावस्तवी Hindi · दोहा 150 Share प्रीतम श्रावस्तवी 15 Mar 2023 · 1 min read अवधी दोहा दिल मा सभे सजाय लो, प्रेम भरा चौपाल। मोहन होली खेलिहैं, लइकै रंग गुलाल।। प्रीतम श्रावस्तवी Hindi · दोहा 275 Share प्रीतम श्रावस्तवी 14 Mar 2023 · 1 min read -------ग़ज़ल----- -------ग़ज़ल----- कैसे बताऊँ उसको नहीं बेवफ़ा हूँ मैं ख़ुद ग़म हज़ार सहता हूँ और जी रहा हूँ मैं क्या क्या सितम उठाये बताऊँ मैं किस तरह फुरक़त की आग में... Hindi · ग़ज़ल 158 Share प्रीतम श्रावस्तवी 3 Dec 2022 · 1 min read बेटी की विदाई दूर देश के संबंधों से, बचपन की सखियाँ बिछड़ गईं। जैसे हिमगिर के आंगन से, बहती नदियाँ बिछड़ गईं।। माँ की ममता बिछड़ गई है, भाई से बंधन टूट गया।... Hindi · मुक्तक 150 Share प्रीतम श्रावस्तवी 1 Dec 2022 · 1 min read ग़ज़ल ------ग़ज़ल------ रूठ जाएगा यूँ प्यार सोचा न था जीस्त हो जाएगी खार सोचा न था वो चला जाएगा राह में छोड़कर बेवफ़ा होगा दिलदार सोचा न था क्या ख़बर थी... Hindi · ग़ज़ल 2 136 Share प्रीतम श्रावस्तवी 24 Nov 2022 · 1 min read ग़ज़ल मुफ़लिसी/ग़रीबी/ ग़ज़ल मुफ़लिसी दिन भी क्या दिखाती है दूर अपनों से ले के जाती है रूठ जाते हैं सब सगे अपने दोस्ती भी तो आजमाती है दिल का टुकड़ा हो... Hindi · ग़ज़ल 81 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Nov 2022 · 1 min read ग़ज़ल ज़िन्दगी जीस्त ग़म की मकीन लगती है अब कहाँ ये हसीन लगती है रुकने देती नहीं ये एक पल को चलती फिरती मशीन लगती है मानती है नहीं किसी की... Hindi · ग़ज़ल 103 Share प्रीतम श्रावस्तवी 22 Nov 2022 · 1 min read ग़ज़ल ज़ख़्म खाकर भी मुस्कुराना है और हँस हँस के ग़म उठाना है ये जो दुनिया है एक स्टेशन चन्द लम्हों का ये ठिकाना है छीन सकता है कौन किस्मत से... Hindi · ग़ज़ल 101 Share प्रीतम श्रावस्तवी 22 Nov 2022 · 1 min read ग़ज़ल उनके दिल से उतरना बाकी है यानी ग़म को निखरना बाक़ी है दिल तो कब का वो तोड़ बैठे हैं सिर्फ़ टुकड़े बिखरना बाक़ी है रुक जा इक पल तू... Hindi · ग़ज़ल 93 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 Nov 2022 · 1 min read मुक्तक ढूँढता हूँ जिसे यादों के बियाबानों में बस गया जाके वो गैरों के गुलिस्तानों में मिल न पाया है सिला कोई दोस्ती का मुझे बेवज़ह नाम मेरा लिख गया दीवानों... Hindi · मुक्तक 166 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 Nov 2022 · 1 min read मुक्तक दुनिया से भला किसलिए फरियाद करें हम आ जाओ नई दुनिया को ईजाद करें हम ग़म का न तनफ़्फ़ुर का का बसेरा हो जहाँ पर उल्फ़त की वहीं बस्ती को... Hindi · मुक्तक 140 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 Nov 2022 · 1 min read मुक्तक हाथों में अपने मेंहदी लगाए नहीं हो तुम ताली बजाओ ऐसे ही आये नहीं हो तुम खुजली सी उठ रही है तुम्हारे बदन में जो लगता है मुद्दतों से नहाये... Hindi · मुक्तक 1 170 Share प्रीतम श्रावस्तवी 21 Nov 2022 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल उनके दिल से उतरना बाकी है यानी ग़म को निखरना बाक़ी है दिल तो कब का वो तोड़ बैठे हैं सिर्फ़ टुकड़े बिखरना बाक़ी है रुक जा इक पल... Hindi 164 Share प्रीतम श्रावस्तवी 25 Oct 2022 · 1 min read कुंडलियाँ मँहगाई की मार से, उधड़ गई है खाल। फिर बतलाओ किस तरह, मने पर्व इस साल।। मने पर्व इस साल, दीवाली दीवाला। कर्ज़ माँगता रोज, न माने रौशन लाला।। कह... Hindi · अनिल कुमार राही 1 2 178 Share प्रीतम श्रावस्तवी 12 Jan 2022 · 1 min read मुक्तक यही पैग़ाम है दिल में, रखो जज़्बा मोहब्बत का मिटाओ जड़ से नफ़रत यूँ,जलाओ दीप उल्फ़त का दुआ दिल से यही मेरी, निकलती है सदा प्रीतम। विवेकानंद के जैसा, हरिक... Hindi · मुक्तक 238 Share प्रीतम श्रावस्तवी 23 Oct 2021 · 1 min read आदमी का कैसा ये किरदार है -------ग़ज़ल------ आदमी का कैसा ये किरदार है क्यों नहीं अपनों से करता प्यार है दिल से अब घटने लगीं नज़दीकियाँ नफ़रतों की उठ रही दीवार है भाइयों में देखकर यूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 204 Share प्रीतम श्रावस्तवी 13 May 2021 · 1 min read मेरे बुढ़ापे का तू सहारा, मेरी नज़र में एवन है -------ग़ज़ल------- मम्मा बोली इक दिन मुझसे, मून तू मेरा तू ही सन है मेरे बुढ़ापे का तू सहारा, मेरी नज़र में एवन है जीन्स फ़टी है फ़टी कमीज़ें, जिसको देखो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 639 Share प्रीतम श्रावस्तवी 8 May 2021 · 1 min read कितनों को राख कर गई भड़की हुई हवा आज के पसमंज़र पर ---------ग़ज़ल------- कैसी लगी है आग ये कैसी चली हवा जलती है जीस्त जिसमें ये किसने है की हवा क्यों साँस लेना हो गया दुश्वार आजकल शायद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 300 Share प्रीतम श्रावस्तवी 8 May 2021 · 1 min read आतिशे फुरक़त में जलता मैं कि तू --------ग़ज़ल--------- छोड़कर तन्हा गया था मैं कि तू प्यार को यूँ करके रुसवा मैं कि तू ले रहा है कौन बदला मैं कि तू किसने खाया ज़ख़्म गहरा मैं कि... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 261 Share Page 1 Next