ईश्वर दयाल गोस्वामी Language: Hindi 250 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next ईश्वर दयाल गोस्वामी 17 Jul 2022 · 1 min read गाँव की साँझ / (नवगीत) तप्त पठरिया की नदिया से इतराती, पर सधी हुई-सी भरी खेप पनहारिन जैसी उतर रही है साँझ गाँव में । दौड़ लगाकर पूँछ उठाकर आती हैं गायें रंभातीं । भेड़-बकरियाँ... Hindi · गीत 11 6 386 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 9 Jul 2022 · 1 min read भोर का नवगीत / (नवगीत) रात ने जगकर रचा है भोर का नवगीत सुंदर । ढल चुकी जब मृदुल सँध्या और कड़ुवे याम बीते । चाँदनी की छत्रछाया में किए आराम बीते । नींद ने... Hindi · गीत 11 8 328 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 6 Jul 2022 · 1 min read वरिष्ठ गीतकार स्व.शिवकुमार अर्चन को समर्पित श्रद्धांजलि नवगीत ठंडा-ठंडा और सुहाना, उखड़ा पीपल बहुत पुराना । बहुत पुराना,बहुत पुराना । कानों में पत्तों की सर-सर अब भी गूँज रही है, पीड़ा ने ख़ुद पीड़ित होकर अपनी बात कही... Hindi · गीत 10 6 361 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 2 Jul 2022 · 1 min read लकड़ी में लड़की / (नवगीत) आदिवासी एक कन्या लिए गठरी लकड़ियों की, जा रही है । मुग्ध मन है, क्षीण तन है, जाने कैसी ? ये लगन है । कोस भर ये चल चुकी है,... Hindi · गीत 12 9 630 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 29 Jun 2022 · 2 min read टोकरी में छोकरी / (समकालीन गीत) टोकरी में छोकरी है, छोकरी में टोकरी है । छोकरी ही टोकरी है, टोकरी ही छोकरी है । चली जाती छन छना छन कारखाने । बीड़ियाँ अपनी भुनाने । बीड़ियों... Hindi · गीत 15 22 864 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 28 Jun 2022 · 1 min read हवा का हुक़्म / (नवगीत) उस हवा का हुक़्म था घर-घर समेटो । इस हवा का हुक़्म है धर-धर समेटो । गाल चींथो, कान नोंचो । पेट-सी आँतें खरोंचो । आदमी की आँख नोंचो ।... Hindi · गीत 9 8 354 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 24 Jun 2022 · 1 min read बुन रही सपने रसीले / (नवगीत) तोड़कर पत्थर हठीले । बुन रही सपने रसीले । बह रहा है स्वेद झर-झर, चल रही है हवा सर-सर, दग्ध वसुधा तप्त तन है, शीत-चंदन पुता मन है, कर लिए... Hindi · गीत 14 18 346 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 23 Jun 2022 · 1 min read परिवाद झगड़े समीक्षार्थ : नवगीत ०००००००००००० ~ परिवाद झगड़े ~ ------------------------ ० मन मुताबिक दाम लेकर मिल रही हैं कुर्सियांँ । ० उलटबाँसी फेर है सब, देर में अंँधेर है सब मर्सिया... Hindi · गीत 14 10 423 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 22 Jun 2022 · 1 min read स्वर कटुक हैं / (नवगीत) :: स्वर कटुक हैं :: --------------------- स्वर कटुक हैं आरती के औ' अजानों के । खुल गई हैं फिर दुकानें यज्ञ, हवनों औ'कथा कीं । प्रार्थना,अर- दास, पूजा औ' नमाज़ों... Hindi · गीत 13 11 385 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 21 Jun 2022 · 1 min read झुलसता पर्यावरण / (नवगीत) ० एक चिंगारी उठी है इस शहर से उस शहर तक । ० बाँस दंभी ठन गए दो , परस्पर टकरा गए जो । छा चुकीं हैं गर्द चिनगीं ,... Hindi · गीत 11 8 354 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 19 Jun 2022 · 1 min read पितृ-दिवस / (समसामायिक नवगीत) ० पितृ-दिवस पर डाल रहे हैं पुत्र,पिता की डी.पी.। ० बहुआयामी मुस्कानों से सज्जित चेहरे । झूठ-मूठ के पाँव पकड़ते होकर दुहरे । ० इंस्टाग्राम दिखाकर उनका बढ़ा रहे हैं... Hindi · गीत 12 12 383 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 18 Jun 2022 · 1 min read आज नहीं तो कल होगा / (समकालीन गीत) आँखों की जब धुंध हटेगी, नव चिंतन की कली खिलेगी, जो है आज गली का कीचड़ वही कमल का दल होगा, आज नहीं, तो कल होगा । झरना होगा ताल... Hindi · गीत 10 16 548 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 17 Jun 2022 · 1 min read समसामयिक बुंदेली ग़ज़ल / पंचों , सरपंचों , नेतों की । चरचा होन लगी बोटों की । मौ बा रय हैं छैल-छबीले, आशा जगन लगी नोटों की । रँगे-लड़ैया मुलक भरे के, नुक्की टैन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 11 16 373 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 15 Jun 2022 · 1 min read नदी की अभिलाषा / (गीत) ओ ! अषाढ़ के कारे बदरा, आस भरी आँखों के कजरा, बरस पड़ो विरहा के तट पर । कई महिनों से तपते-तपते सूखी सघन अश्रु-धारा यह । लू,लपटों का वेग... Hindi · गीत 12 12 458 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 14 Jun 2022 · 1 min read जाने क्या-क्या ? / (गीत) पूज रहे हैं लोग बहुत से जाने क्या-क्या ? चूहा, बिल्ली, हाथी, मरकट । पत्थर-वत्थर, कूडा-करकट । भोग रहे हैं भोग बहुत से जाने क्या-क्या ? सजे दिवाले, खुले शिवाले... Hindi · गीत 9 10 651 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 12 Jun 2022 · 1 min read मृगतृष्णा / (नवगीत) सिलबट्टे पर चटनी जैसा घिसता रहता आदमी । एक यहाँ की, एक वहाँ की डींग मारता । जाने किसकी कहाँ-कहाँ की हींग फाँकता ? ख़ुद जाले में मकड़ी जैसा उलझा... Hindi · गीत 9 12 559 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 10 Jun 2022 · 1 min read पीला पड़ा लाल तरबूज़ / (गर्मी का गीत) पीला पड़ा लाल तरबूज़ । रार पिघलती है ढोलक की, लपट खा गई है सारंगी । नीबू भीतर सब रस सूखा, कुम्हला गई कली-नारंगी । तार गए वीणा के सूज... Hindi · गीत 9 10 656 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 9 Jun 2022 · 1 min read गरम हुई तासीर दही की / (गर्मी का नवगीत) ग़जब दाँद है सही-सही की, गरम हुई तासीर दही की । बिजली गरम, गरम पंखा है कूलर फेंके गरम हवाएँ । पूरब-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण से आती हैं उष्ण सदाएँ । छाती... Hindi · गीत 12 12 466 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 8 Jun 2022 · 1 min read अब भी श्रम करती है वृद्धा / (नवगीत) नवदशकों को धता बताकर । मन पर यौवन लेप चढ़ाकर । अब भी श्रम करती है वृद्धा । ममता भरी नदी यह माँ की और सास है सुगर सयानी ।... Hindi · गीत 14 26 400 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 7 Jun 2022 · 1 min read मुँह इंदियारे जागे दद्दा / (नवगीत) लादे सिर पर घर की चिंता मुँह-इँदियारे जागे दद्दा । गहरी साँसें राम नाम ले गाय, बैल को चारा देते । आग जला गुरसी में थोड़ी हाथ सेंकते, पाँव सेंकते... Hindi · गीत 15 18 489 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 6 Jun 2022 · 1 min read नर्मदा के घाट पर / (नवगीत) चल रही पूजा पुरातन नर्मदा के घाट पर । नर्मदा से भी अधिक प्राचीन मंत्रों का सहारा ले,पुरोहित बह रहा है कर्म की विपरीत धारा । कथा है ये सत्य... Hindi · गीत 15 24 464 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 4 Jun 2022 · 1 min read उतरते जेठ की तपन / (गर्मी का नवगीत) जाते-जाते और ज्यादा तप रहा है जेठ अब । चिलचिलाती धूप,लिखती ताप की कविता,कहानी । तिलमिलाती आँख लेकर आई है गर्मी रिसानी । साँस लेते भाप निकले, सिकुड़ता है पेट... Hindi · गीत 8 10 756 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 3 Jun 2022 · 1 min read ठनक रहे माथे गर्मीले / (गर्मी का नवगीत) ठनक रहे माथे गर्मीले । भीतर तपता, बाहर तपता । मिट्टी तपती, पत्थर तपता । पत्ते हरे हुए सब पीले । बिछिया तपती, बिंदिया तपती । आँगन तपता, कुटिया तपती... Hindi · गीत 8 8 414 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 1 Jun 2022 · 1 min read कैसा हो सरपंच हमारा / (समसामयिक गीत) कैसा हो सरपंच हमारा ? टंच-फंच हो, सहनशील हो । कोट पहनकर नोट भरे जो, चोटिल करके चोट भरे जो । पहले मारे फिर पुचकारे, हाथ जोड़ ले फिर धुतकारे... Hindi · गीत 11 16 633 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 31 May 2022 · 1 min read किसकी पीर सुने ? (नवगीत) किससे अपना दर्द कहें हम, किसकी पीर सुनें ? जैसा मैं हूँ वैसा तू है ऐंसे ही हैं हम सब । जितना मैं हूँ उतना तू है इतने ही हैं... Hindi · गीत 12 16 598 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 28 May 2022 · 1 min read नदी की पपड़ी उखड़ी / (गर्मी का नवगीत) तपे, घाट के पाट, नदी की पपड़ी उखड़ी ।। कि उठती गरम-गरम अब पीर , नदी के तप्त हृदय से । कि रीता रस-रस मीठा नीर , रेत पर लिखे... Hindi · गीत 10 10 655 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 27 May 2022 · 1 min read गर्मी का रेखा-गणित / (समकालीन नवगीत) खींचती है उष्ण-चतुर्भुज, गर्मी अपने बिन्दु-बिन्दु से ।। खींचती है वक्र रेखाएँ लपट कीं पसीने के कोण पर यह । बनाती है वृत्त लू के बाह्य,भीतर गली,घर औ' मोड़ पर... Hindi · गीत 12 12 386 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 26 May 2022 · 1 min read तपों की बारिश (समसामयिक नवगीत) नीर बरसा, तपतपाते जेठ में भी । रोहिणी में शीतला के, मेघ बरसे घरघराते । कुरितु आई बूँद लेकर, तड़ित चमकी कड़कड़ाते । अँध उड़ती, हवा चलती, पेड़ उखड़े, तार... Hindi · गीत 10 11 318 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 22 May 2022 · 1 min read रूखा रे ! यह झाड़ / (गर्मी का नवगीत) रूखा रे ! यह झाड़, धूप में खड़ा, भरोसे ।। चट-चट करती शाख, तने से छाल उतरती । पत्ते गिरे ज़मीन, तपन से आँच उभरती ।। वर्षा की उम्मीद हृदय... Hindi · गीत 15 20 399 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 20 May 2022 · 1 min read गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत) गर्म साँसें, जल रहा मन । चढ़ रहा पारा,उपरितन । नाक ढकते, कान ढकते, नख बराबर बंद हैं, पर, दग्ध-वायु जोर देकर खोल देती देह के दर । चिपचिपाता स्वेद... Hindi · गीत 8 10 606 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 17 May 2022 · 1 min read उफ ! ये गर्मी, हाय ! गर्मी / (गर्मी का नवगीत) उफ ! ये गर्मी, हाय ! गर्मी, झर चुके सब पात, सुख के । चिटचिटाती शाख, मन की, चिपचिपाती धाक, तन की । तड़फड़ाते जीव-जन्तु, कसमसाते प्रेम-तन्तु । उफ !... Hindi · गीत 10 8 709 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 14 May 2022 · 1 min read तप रहे हैं दिन घनेरे / (तपन का नवगीत) भाप बहती है सबेरे, तप रहे हैं दिन घनेरे । आँख तपती, कान तपते, तप रही है वात बहती । साँझ तपती, याम तपते, तप रही है रात ढहती ।... Hindi · गीत 10 18 424 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 10 May 2022 · 1 min read सूरज से मनुहार (ग्रीष्म-गीत) अरे ! भाई सूरज समझ,सोच,गुन । अजब तेरी भक्ति, गजब तेरी शक्ति । मगर यार मेरी जरा टेर सुन । अजब तेरी किरणें, गजब तेज उनमें । मगर यार धरती... Hindi · गीत 8 10 312 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 8 May 2022 · 1 min read तप रहे हैं प्राण भी / (गर्मी का नवगीत) गर्मियों में तपी धरती तप रहे हैं प्राण भी । झकर उतरी जंगलों की झुलसतीं हैं पत्तियाँ सब, ठूँठ-से ठाँड़े हैं बिरछा, सिसकतीं हैं डालियाँ सब । लपट लेकर हवा... Hindi · गीत 9 16 504 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 6 May 2022 · 1 min read बूँद-बूँद को तरसा गाँव बूँद-बूँद को तरसा गाँव । बोर खुदे पाइपलाइन है, घरों-घरों में टोंटी नल है । कुएँ बहुत हैं ताल खुदे हैं, कहीं न लेकिन किंचित जल है । सूखे पत्ते... Hindi · गीत 12 12 488 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 1 May 2022 · 3 min read जीवन एक कारखाना है / जीवन एक कारख़ाना है, हम सब हैं इसके मज़दूर । छोटे, बड़े और मझले । गंदे, स्वच्छ और धुँधले । अच्छे, बुरे, बहुत अच्छे । झूठे और बहुत सच्चे ।... Hindi · कविता 15 22 628 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 16 Apr 2022 · 1 min read पिता मेरे / :: पिता मेरे :: ---------------- क्या सही है ? क्या गलत है ? जानते थे पिता मेरे । दे रही थी एक पैनी दृष्टि हम पर रोज पहरा । मुस्कुराहट... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · गीत 36 74 1k Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 16 Apr 2022 · 1 min read पवनपुत्र, हे ! अंजनि नंदन .... दिया सत्य का साथ सदा ही,किए बहुत उपकार । राम नाम के मनस - बिन्दु का विस्तारा संसार । विस्तारा संसार , बिन्दु के छींटे गली - गली में, जनमानस... Hindi · मुक्तक 9 8 622 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 13 Apr 2022 · 1 min read जलियाँवाला बाग शहादत पर श्रद्धा सुमन / कुण्डलिया भूली जा सकती नहीं , डायर की बंदूक । याद उसे कर आज भी, मन में उठती हूक ।। मन में उठती हूक , देह में सिहरन होये ।... Hindi · कुण्डलिया 9 10 296 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 11 Apr 2022 · 1 min read नैनन छाए मेघ / नैनन छाए मेघ हृदय की बारिश नहीं हुई । आना-जाना लगा बराबर माथे पर बादल का । गिरगिट जैसा लगा बदलने रूप-कोर-काजल का । कल तक तो गुलमोहर खिले थे,... Hindi · गीत 8 6 207 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 8 Apr 2022 · 1 min read बूँद-बूँद बरसी मन,पीड़ा / बूँद-बूँद बरसी मन,पीड़ा । आँख पड़ी किरकिरी दृष्टि की, कान थके पर निंदा सुन-सुन । पोर-पोर विक्षत अँगुलियाँ, आरामी खटिया को बुन-बुन । खून चूसता सुख का कीड़ा । पाँव... Hindi · गीत 6 4 196 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 7 Apr 2022 · 1 min read मुँह इंदियारे जागे दद्दा / लादे सिर पर घर की चिंता मुँह-इँदियारे जागे दद्दा । गहरी साँसें राम नाम ले गाय, बैल को चारा देते । आग जला गुरसी में थोड़ी हाथ सेंकते, पाँव सेंकते... Hindi · गीत 8 6 204 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 7 Apr 2022 · 1 min read सीमा रेखा स्वार्थ,लोभ की फसल उग रही चरनोई की अब धरती पर । गैयें भूखीं, क्षुधित बैल हैं, कुत्तों का भी भोजन छीना । पीड़ित हैं बकरियाँ,भेड़ भी, बिल्ली को आ रहा... Hindi · गीत 7 6 225 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 5 Apr 2022 · 1 min read ओ मेरे !.... ओ मेरे ! अवकाशवादी मन, ओ मेरे ! अवसादवादी मन , घुट-घुट कौन जिए ? आँसू रोक लिए हैं तूने, मुस्कानें कैसे आएँगीं ? दुविधा थाम रखी है तूने, सुविधाएँ... Hindi · गीत 8 6 348 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 5 Apr 2022 · 1 min read ढिग धर बोए गए जवारे / लीपे गए आज घर सारे, ढिग धर बोए गए जवारे । माँ के आने की उत्कंठा । बजने लगीं घंटियाँ,घंटा । जाग गई हैं सुगर नारियाँ, गाती जातीं मधुर गारियाँ... Hindi · गीत 8 6 214 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 4 Apr 2022 · 1 min read आश्वासन भरपूर / आश्वासन भरपूर जितने चाहो,उतने ले लो । सूरज ले लो, चंदा ले लो, ध्रुव-तारा भी तोड़ लाऊँगा । धूम्रकेतु औ' पुच्छल तारे, हर-घर में लटका जाऊँगा । अंतरिक्ष का नूर... Hindi · गीत 8 6 200 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 4 Apr 2022 · 2 min read देश हमारा बदल रहा है / देश हमारा बदल रहा है । राजपथों पर टहल रहा है । कंकड़, पत्थर बाली गलियाँ । बिना खिले ही सूखी कलियाँ । बगिया फिर भी अजर-अमर है । नवयुग... Hindi · गीत 8 8 223 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 2 Apr 2022 · 1 min read व्यथित आस्था ढारती है जल सबेरे एक माता मूर्तियों पर । आर्द्र तन है शुष्क मन है, वेदना में भी लगन है । पीर सबकी माँ हरेगी । धान्य से कुटिया भरेगी... Hindi · गीत 6 4 362 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 27 Mar 2022 · 1 min read दिल ये पहले से सजा रक्खा है / दिल ये पहले से सजा रक्खा है । उनको घर पै जो बुला रक्खा है । वो तो आएँगे हवा की मानिंद, इसलिए द्वार खुला रक्खा है । खिड़कियाँ साफ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 6 217 Share ईश्वर दयाल गोस्वामी 8 Feb 2022 · 1 min read सिगरेट क्या है ? सिगरेट क्या है ? आकाश छूने की आकांक्षा में जलते अधरों से उड़ता बदरंग, सर्पीला धुआँ, क्या कहा ... महत्वाकांक्षा नहीं, बिलकुल नहीं, तो फिर सिगरेट क्या है ? कागज़... Hindi · कविता 10 10 617 Share Previous Page 3 Next