Comments (16)
15 Nov 2022 08:27 PM
Vaaahhh
20 Jun 2022 12:01 AM
Amazing
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Author
20 Jun 2022 02:13 PM
धन्यवाद पुत्री
18 Jun 2022 01:33 PM
Vaahh
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Author
18 Jun 2022 01:43 PM
धन्यवाद
17 Jun 2022 07:39 PM
Very nice
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Author
17 Jun 2022 07:50 PM
आशीर्वाद पुत्री
17 Jun 2022 07:39 PM
Adbhut
ईश्वर दयाल गोस्वामी
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17 Jun 2022 07:50 PM
धन्यवाद पुत्री
17 Jun 2022 06:06 PM
समय बढ़ा बलवान होत है,
पूजा होन लगी छोटो की।
मन सूख रये, तन सुख रये,
तौंद पचक गई, मोटो की।।
चार दिनों की है चांदनी,
गिनती तो होन दे बोटों की।
ढूढे से ने मिलहे भैया,
फिर अपनी अपनी चिंता रोटी की।।
– श्यामा
ईश्वर दयाल गोस्वामी
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17 Jun 2022 06:21 PM
आशीर्वाद
17 Jun 2022 06:25 PM
आपका आशीर्वाद।।
17 Jun 2022 03:30 PM
बिल्कुल सही सर
ईश्वर दयाल गोस्वामी
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17 Jun 2022 03:38 PM
धन्यवाद पुत्र
धन्यवाद