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31 May 2022 · 1 min read

किसकी पीर सुने ? (नवगीत)

किससे
अपना दर्द
कहें हम,
किसकी पीर सुनें ?

जैसा मैं हूँ
वैसा तू है
ऐंसे ही हैं
हम सब ।
जितना मैं हूँ
उतना तू है
इतने ही हैं
हम सब ।

एक है
डफली
एक राग है
एक-सी रामधुनें ।

मेरे घर में
चाय नहीं है
तेरे घर में
शक्कर ।
उसके घर में
तेल नहीं है
दर्द यही है
घर-घर ।

किल्लत
क्या है
क्या है दिक्कत
कैसे इसे चुनें ?

पंचर है
मेरा स्कूटर
तेरी कार
रिसानी ।
उसकी वाइक
का रिंग टेढ़ा
सबको है
हैरानी ।

जिल्लत की
खटिया
पर लेटी,
इज़्ज़त स्वप्न बुने ।

किससे
अपना दर्द
कहें हम
किसकी पीर सुनें ?

— ईश्वर दयाल गोस्वामी
छिरारी (रहली),सागर
मध्यप्रदेश ।

Language: Hindi
Tag: गीत
12 Likes · 16 Comments · 511 Views
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