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अनुपम प्रहलाद-प्रीति गह दिल सचमुच आनंदी मीर बना
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
जित मन चाहे बैठो, दिल अब नाव हो गया
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
घुटने टेके नर, कुत्ती से हीन दिख रहा
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
दिल से दिल को जोड़, प्रीति रंग गाती होली
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
बाल चुभे तो पत्नी बरसेगी बन गोला/आकर्षण से मार कांच का दिल है भामा
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
अमन हिंद की महिलाएँ हैं ,प्रेममयी मुस्कान हैं
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
जब काल आया सामने, तब समझा,सब अज्ञान था|
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है?
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
सद् गंध हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
प्रेम जीवन धन गया
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
राष्ट्र अवनतिरूपमय भ्रम पकड, पंगा हो गया
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
दिव्य प्रेम
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
ज्ञान नैनू पकड़, बन अमल दिव्य पथ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
सहजता बोलेगी कि, सज्जन सु चेतन कूक हैं
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
प्रीतिमय अंकुर न फूटा ,कहें कैसे प्रात है/ स्वयं को पहचान लो, तब दिव्यता अनुराग है
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
हिंद का दिल रो रहा है, हँस रहे हम शूर बन/ हिंद कब तक ढोएगा दुख-बेबसी की गर्द को
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
गरीबों की झोपड़ी बेमोल अब भी बिक रही / निर्धनों की झोपड़ी में सुप्त हिंदुस्तान है
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
मनुज, सद्गति बोध-प्रेमी भानु होगा
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
संवेदना घर
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
विशारद मन प्रदूषण-जमघट हुए हैं
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
कवि वही / दिव्य सत् दे भाव को दिल में उतारे
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
आतमा की सबल लौ दिल में जगा लो/तभी तो सद्ज्ञान का सम्मान होगा
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
जाग्रत सूरज सदृश अच्छाँईंया, उपहार में दीं
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
कवि
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
कवि /मुस्कुराहट लिख दे, निद्रित प्राण पर
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
भाव तज बाजार है
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
सुख की पावन चूल रही
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
राष्ट्र विकसित वह जहाँ जागी जवानी
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
प्रेम ईश है
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
वह फूल हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
हृदय वीणा हो गया
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
ज्ञान-दीपक
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
दिल को सादर करो
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
दुखता दिल
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
प्रकाश एवं तिमिर
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
ज्ञान /प्रेम
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
राष्ट्र की पीड़ा
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
जीना सीखो
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
माँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
माँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
माँ/संसार
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
माँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
बेटियाँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
बेटियाँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
माँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
माँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
माँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक