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24 Feb 2017 · 1 min read

मनुज, सद्गति बोध-प्रेमी भानु होगा

चेत गह ,तब हिंद ऊँचा बन सकेगा|
ज्ञान लौ पर ही, सुपोषक फल पकेगा|
मिले पोषण, तभी तो तन-मन हमारा |
सुबुधिमय उत्थान पाकर के हँसेगा |

तब सयश सद्बुद्धि का सम्मान होगा |
जागरण की उर्धवगति का मान होगा |
आत्मा की उच्चता का ज्ञान पाकर |
मनुज,सद्गति बोध-प्रेमी भानु होगा|

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता

Language: Hindi
574 Views
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