Suryakant Dwivedi 339 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Suryakant Dwivedi 21 Dec 2022 · 1 min read क्या करूँगा उड़ कर क्या करूंगा उड़कर मुझे जमीं पर रहने दो उड़ते परिंदों को मैंने धरती पर उतरते देखा नीला था यह गगन पर दाने दाने भटकते देखा भूख प्यास सब है यहीं... Hindi · कविता 141 Share Suryakant Dwivedi 21 Dec 2022 · 2 min read बोध कथा। अनुशासन एक धार्मिक बोध कथा जीवन में कई बार कठोर फैसले लेने पड़ते हैं। घर हो तो फैसले न हों तो घर नहीं चलता। संतान के आगे समर्पण कर दो तो... Hindi · लघु कथा 268 Share Suryakant Dwivedi 13 Dec 2022 · 1 min read मेरे भी अध्याय होंगे मेरे भी अध्याय होंगे जीवन के इस कथा शेष में मेरे भी अध्याय होंगे माना यह पूजा न होगी फिर भी कुछ उपाय तो होंगे। थोड़ा सा संघर्ष होगा थोड़ा... Hindi · कविता 182 Share Suryakant Dwivedi 11 Dec 2022 · 1 min read बंधन बंधन से बंधन के धागे बात बात पर रूठे टूटे बंधन है तो बस पालना सुन लोरी माँ, सो जाते।। ** बंधन से बंधन की बातें बंधन से अंतस की... Hindi · कविता 189 Share Suryakant Dwivedi 10 Dec 2022 · 1 min read क्या लिखूं गीत कह दिया है सभी कुछ तो क्या लिखूं मैं अब व्यथा हर व्यथा के सामने है अनकही मेरी कथा हाथ में मौली बंधी है आंख है अपनी ठगी भाल... Hindi · गीत 1 238 Share Suryakant Dwivedi 5 Dec 2022 · 1 min read सच मानो गीत जब से सीखी इन हाथों ने, करनी याचना सच मानो, तभी से कायर हो गईं भावना। दरवाज़े दस्तक को भूले, अतिथि मौन खड़े हम न जावें कोई न आवे... Hindi · गीत 170 Share Suryakant Dwivedi 4 Dec 2022 · 1 min read नाम में क्या रखा है *नाम में क्या रक्खा है*! क्या जाता है नाम कुछ भी रख लो राम, कृष्ण, सीता, राधा मीरा, बुद्ध, कबीर, तुलसी नाम में क्या रक्खा है....? हां.....!!! नाम ही तो... Hindi · कविता 2 326 Share Suryakant Dwivedi 29 Nov 2022 · 1 min read यहाँ सब बहर में हैं यहां सब बहर में हैं मैं बे-बहर ही सही तोल तोल कर कब भला यह जीवन चला करता है टपके जब आंख से आँसू क्या कोई मापा करता है अपने... Hindi · कविता 2 1 175 Share Suryakant Dwivedi 26 Nov 2022 · 1 min read थकते नहीं हो क्या थकते नहीं हो क्या उतर आते हो रोज बिन बुलाए,छत पर... निहारता हूं तुम्हे जब लगती हो इक परी सी दुल्हन सी, ओढ़ चुनरी बिन बुलाए, रथ पर... सांझ भी... Hindi · कविता 1 194 Share Suryakant Dwivedi 24 Nov 2022 · 1 min read तीर तुक्के तीर तुक्के ******** चल वैजयंती **** अब अकेला दौड़ रहा हूँ कल तक मेरे साथ बहुत से लोग दौड़ते थे कुछ हांफ गये कुछ कांप गये।। चल वैजयंती....! नई सोच... Hindi · हास्य-व्यंग्य 220 Share Suryakant Dwivedi 23 Nov 2022 · 1 min read रथ रुक गया रथ स्वर्णिम रुक गया खींच ली किसने डोर आह! हस्ताक्षर भूला वो, थी अरुणिम भोर हुई मुद्दत, देखा नहीं मन का हमने क्षितिज यूँ लिखे गीत अनगिन भावना के कटु... Hindi · कविता 2 177 Share Suryakant Dwivedi 22 Nov 2022 · 1 min read क्या हार जीत समझूँ क्या हार जीत समझूँ क्या प्राण प्रीत समझूँ स्वप्न तो हैं , स्वप्न यहाँ क्या तान गीत समझूँ।। आशाओं का आशियाना ऋण सज्जित यह तराना ठहरो, अभी गाऊंगा फिर सांसों... Hindi · गीत 226 Share Suryakant Dwivedi 19 Nov 2022 · 1 min read शब्दों के अर्थ शब्द और अर्थ शब्द हैं अर्थ हैं व्यर्थ हैं एक समय शब्द होते थे अर्थ होते थे व्यर्थ कुछ नहीं आज हर शब्द के शब्द हैं हर शब्द के अर्थ... Hindi · कविता 3 245 Share Suryakant Dwivedi 18 Nov 2022 · 1 min read लैपटॉप सी ज़िंदगी उम्मीदों के लैपटॉप पर जब उंगलियां नाचती हैं सामने होती है तहरीर और आँखों में तस्वीर। कौन कहता है, हम नहीं नाचते छोटा सा शब्द हमको भी नचा देता है... Hindi · कविता 178 Share Suryakant Dwivedi 18 Nov 2022 · 1 min read उजालों के घर ऐसा क्यों होता है जब अपने रूठ जाते हैं आँखें रोती हैं और दिल टूट जाते हैं। इतराते हैं शूल यहाँ फूल टूट जाते हैं अपरिमित प्रेम के अग्र स्वार्थ... Hindi · कविता 2 282 Share Suryakant Dwivedi 16 Nov 2022 · 1 min read इतना मत चाहो इतना मत चाहो के प्यार जंजीर बन जाए इतना मत चाहो के प्यार लकीर बन जाए जंजीर बना प्यार तो जकड़ जायेगा लकीर बना प्यार तो अकड़ जायेगा दोनों ही... Hindi · कविता 388 Share Suryakant Dwivedi 16 Nov 2022 · 1 min read इतना मत लिखा करो इतना मत लिखा करो कि आसमान फट जाये.. माना शब्द ब्रह्मांड में रहते हैं मगर तुम्हें क्या..? तुम तो.. राजनीति में हो..! कौन सा तुम्हें तोलते हैं..? जितना स्पेस था... Hindi · कविता 1 274 Share Suryakant Dwivedi 5 Nov 2022 · 1 min read मेरे सपने गीत मेरे सपने, तेरे सपने घर पर ही कुर्बान हुए संतानों ने चढ ली सीढी, सपने तब संधान हुए सोचा क्या, पाया फिर हमने इतनी फुरसत मिली कहां अंगारों पर... Hindi · गीत 3 235 Share Suryakant Dwivedi 30 Oct 2022 · 1 min read गीत गीत टूटी सड़कें, पसरे गड्ढे, अपना सफर तो जारी है आसमान में छेद किया है, दिल अपना त्योहारी है। सुबह सवेरे निकले घर से क्या पूरब कहाँ पश्चिम है दगा... Hindi · गीत 3 4 228 Share Suryakant Dwivedi 22 Sep 2022 · 1 min read षडयंत्रों की कमी नहीं है मन का केवल भेद चाहिए षड्यंत्रों की कमी नहीं है चौसर पर हैं हम सब यारों शकुनि पासा फेंक रहा है कह द्रोपदी लाज की मारी कलियुग आंखें सेंक रहा... Hindi · कविता 188 Share Suryakant Dwivedi 16 Sep 2022 · 1 min read बुढापा उंगली पकड़कर चलना बुढ़ापे की लाठी है संस्कारों के हाथों में ही समय की बैसाखी है।। कोलाहल के कंठ में ऋचाएं संचित हैं यह यज्ञ की वेदियां मंडित-खंडित हैं।। अक्षय... Hindi · कविता 1 1 220 Share Suryakant Dwivedi 13 Sep 2022 · 1 min read एक घर था... एक घर था... एक घर था ईंट, मिट्टी गारे का मकान चूल्हा था, लकड़ी थी फूंकनी थी... मां फूंक मारकर लकड़ी जलाती आंसू टपकाती खांसी उठती...धौं धौं करती फिर जुट... Hindi · कविता 1 204 Share Suryakant Dwivedi 10 Sep 2022 · 3 min read पितृ पक्ष की शुभकामनाएं व्यंग्य पितृ पक्ष की शुभकामनाएं..!! बड़े अच्छे थे भाईसाहब। चले गए। अच्छा हुआ। यहां रहते तो क्या करते। कल तक क्या किया जो अब कर लेते। हम भी क्या करते... Hindi · हास्य-व्यंग्य 452 Share Suryakant Dwivedi 7 Sep 2022 · 1 min read पिता की दुनिया *पिता की दुनिया* नंगे सूखे पेड़ से हरियाली की बातें अच्छी नहीं लगतीं मुझे इस दौर की बातें अच्छी नहीं लगतीं। इस छोटी दुनिया में कई अपनी दुनिया हैं सोता... Hindi · कविता 124 Share Suryakant Dwivedi 2 Sep 2022 · 1 min read परिवार के दोहे बेटी बेटी हमारी पूजा, कुमकुम, रोली, रंग। फिर भी उसके हाथ में, रेखाओं की जंग।। बेटा बेटा तो संकल्प है, सबका उन्नत भाल। कलावा, पान, सुपारी, कुछ बनने का थाल।।... Hindi · दोहा 279 Share Suryakant Dwivedi 25 Aug 2022 · 1 min read मैं बड़ा या..? मैं बड़ा या....? कितना बड़ा है, यह कथानक और यह जिंदगी, कितनी छोटी... अभी किरदार गढ़े कहां हैं अभी सरकार, सुने कहां हैं अभी तो तलाश अमृत की अभी करतार... Hindi · कविता 1 194 Share Suryakant Dwivedi 25 Aug 2022 · 1 min read श्याम घनाक्षरी-2 *श्याम घनाक्षरी* झूम झूम नाचे नाचे, मेघ सम बरखा सी काली-काली कजराली, अलकाएं बावरी राधा सी ठिठोली करे, हंसे मुस्कराए सम ग्राम-ग्राम नाचे फिरे, छेड़े तान बांसुरी धक-धक दिल करे,... Hindi · कविता 1 197 Share Suryakant Dwivedi 25 Aug 2022 · 1 min read राधा राधा मन की बाँसुरी, मोहन अपना नूर। जो डूबा इस प्रेम में, चूर चूर बस चूर।। सूर्यकांत Hindi · दोहा 1 194 Share Suryakant Dwivedi 24 Aug 2022 · 1 min read श्याम घनाक्षरी *श्याम घनाक्षरी* झूम झूम नाचे नाचे, मेघ सम बरखा सी काली-काली कजराली, अलकाएं बावरी राधा सी ठिठोली करे, हंसे मुस्कराए सम ग्राम-ग्राम नाचे फिरे, छेड़े तान बांसुरी धक-धक दिल करे,... Hindi · कविता 2 172 Share Suryakant Dwivedi 23 Aug 2022 · 1 min read मैं बड़ा या..? मैं बड़ा या....? कितना बड़ा है, यह कथानक और यह जिंदगी, कितनी छोटी... अभी किरदार गढ़े कहां हैं अभी सरकार, सुने कहां हैं अभी तो तलाश अमृत की अभी करतार... Hindi · कविता 1 225 Share Suryakant Dwivedi 16 Aug 2022 · 1 min read क्यों दोष देते हो क्यों.इन हवाओं को दोष देते हो... उदधि के सीने पर तो तुम ही तूफान लाये थे ज्वार भाटे के संग भी तुमको रोमांच भाये थे अब कहते हो हमसे तुम... Hindi · Poem 153 Share Suryakant Dwivedi 9 Aug 2022 · 1 min read बिखरा जल है गीत कैसे कहें घनघोर तम है सुनें व्यंजना मन है पल है कौंध रहीं जो बिजली सारी गरजा, बरसा, बिखरा जल है। प्रतिध्वनि में ये गूंज किसकी देख,भर रहा है... Hindi · गीत 133 Share Suryakant Dwivedi 26 Jul 2022 · 1 min read कैसे कह दूं प्यारा प्यारा है यह पंछी, और पिंजड़ा धाम है कैसे कह दूं मैं जग से, परतंत्रता परिणाम है जागे जागे रातभर जो, जुगनुओं की आस में कह रहा चंदा अकेला,... Hindi · गीत 110 Share Suryakant Dwivedi 19 Jul 2022 · 1 min read पिता की पीड़ा पर गीत पिता की पीड़ा पर गीत मत पूछो किस तरह जिया हूं । कदम-कदम पर गरल पिया हूं इस दीपक के दस दीवाने सबकी चाहत ओ’ उलाहने जर्जर काया, पास न... Hindi · गीत 1 1 336 Share Suryakant Dwivedi 15 Jul 2022 · 1 min read गीत नहीं भाते गीत स्वर लपेटे व्यंजना के, गीत नहीं भाते चंदन वन में सर्प कभी, प्रीत नहीं गाते लेकर नागफनियां हमने, पीर बहुत गाई गए जहां भी हम बंजारे, नीर बहुत पाई... Hindi · गीत 113 Share Suryakant Dwivedi 14 Jul 2022 · 1 min read अपने घर से हार गया जीता जग सारा मैंने अपने घर से हार गया रोकर एक पिता यूं बोला चंदा से सूरज हार गया।। शब्द, शब्द से शब्द बड़े शब्द, शांत नि:शब्द खड़े नेह-प्यार के... Hindi · कविता 2 2 261 Share Suryakant Dwivedi 12 Jul 2022 · 1 min read फट गया लो मेघ सावन गीत फट गया लो मेघ सावन आ गया लो मेघ आंगन कह रही चारों दिशाएं यह कभी टिकता नहीं है रूपसी तो रूप की है यह कली तो धूप सी... Hindi · गीत 212 Share Suryakant Dwivedi 12 Jul 2022 · 1 min read नग़में अपने गाया कर नग़मे अपने गाया कर (गीत) कभी कभी तो आया कर कभी कभी तो जाया कर कहती विपदा, रात गई नग़मे अपने गाया कर।। अपने में ही मस्त रहा सपने में... Hindi · गीत 124 Share Suryakant Dwivedi 9 Jul 2022 · 1 min read बदरी बदरी...! तुम वही तो हो जो कल भी आई थीं मिटा दिया था तुमने खुद को प्रेम में.. उफ़न पड़ी थीं नदियाँ बह गये थे टापू/ शहर एक कपास से... Hindi · कविता 2 196 Share Suryakant Dwivedi 8 Jul 2022 · 1 min read पंख कटे पांखी पंख कटे पांखी लेकर हमने स्वप्न सजाये हैं इस शून्य आकाश में हमने भी घर बनाये हैं।। पंछी होते तो उड़ लेते या कर लेते हम आखेट हर डाल पर... Hindi · कविता 2 205 Share Suryakant Dwivedi 7 Jul 2022 · 1 min read रवि और कवि रवि और कवि में एक समानता है दोनों जलते हैं सृजन के लिये।। असमानता भी है बस एक रवि लब्ध है लेकिन उसके पास शब्द नहीं कवि पर शब्द हैं... Hindi · कविता 275 Share Suryakant Dwivedi 28 Jun 2022 · 1 min read रिटायमेंट रिटायमेंट ******** मन रमता नहीं तन टिकता नहीं दूर है मंजिल जग मिलता नहीं सामने उस वृक्ष को देखो कल तक हरा भरा था तने मजबूत थे सबको छाया देता... Hindi · कविता 166 Share Suryakant Dwivedi 24 Jun 2022 · 1 min read एक दीप गीत जब मन्दिर में दीप कोई, आशा का भरता है तेल, बाती, घी नहीं जी, भावों से डरता है।। थाल लेकर चले आस्था, वर्जित तन अभिमान मैं बन जाऊं दीप... Hindi · गीत 1 210 Share Suryakant Dwivedi 23 Jun 2022 · 1 min read मैं नहीं बदला अब न रूप रहा न रंग धन न दौलत रिश्ते न नाते प्यार न यार शोहरत न नाम कितना बदल गया हूँ न मैं... खूँटी पर टँगे कपड़े कब से... Hindi · कविता 2 135 Share Suryakant Dwivedi 21 Jun 2022 · 1 min read ओज के योग सर्व दर्शन- एक पिता, , योग रुक गया रथ थम गये अश्व रश्मियां लुप्त ओह! पालनहार ओह! पालनहार सूर्य और पिता में निहित अंतर देख लीजिये.. वो ग्रहण में घबराता... Hindi · कविता 155 Share Suryakant Dwivedi 17 Jun 2022 · 4 min read कारण के आगे कारण व्यंग्य कारण के आगे कारण कारण के पीछे कारण कारण के आगे भी कारण होते हैं। कारण के पीछे भी कारण होते हैं। कारण कभी कारण नहीं होता। कारण कभी... Hindi · हास्य-व्यंग्य 1 324 Share Suryakant Dwivedi 16 Jun 2022 · 1 min read दीये की बाती ..दीये की बाती सूरज सा तपता है चंदा सा जगता है बच्चों की खातिर हर पल मरता है ।। मौन अभिव्यक्ति आंखें पढ़ लेती है फिसले जो रेत तो मुट्ठी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 6 382 Share Suryakant Dwivedi 15 Jun 2022 · 1 min read शोहरत और बंदर शोहरत एक तमाशा है एक बंदर है जो दूल्हा बनकर नाचता है.. शीशे को देख इठलाता है.. मदारी डमरू बजाता है बच्चे पैसा फेंकते है.. तमाशा खत्म, खेल खत्म बंदर... Hindi · कविता 1 1 376 Share Suryakant Dwivedi 14 Jun 2022 · 1 min read नेता और मुहावरा नाच न जाने आँगन टेढा नेता जी ने इस मुहावरे को सिद्ध किया आँगन में नाच नाच कर अपना पेट फिट किया।। कोयले की खदान में गन्ना उगाया... सूती कपड़े... Hindi · कविता 620 Share Suryakant Dwivedi 9 Jun 2022 · 1 min read मेंढक और ऊँट दिन और रात में यही फर्क है मेंढक की सवारी है ऊँट की लाचारी है आप भी कहोगे क्या मज़ाक है...? कोई मेंढक की सवारी करता है क्या? फिर क्या... Hindi · कविता 1 1 535 Share Previous Page 5 Next