Rashmi Sanjay Language: Hindi 210 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Rashmi Sanjay 12 Dec 2021 · 1 min read सुकून भरी चाय.. सुकून भरी चाय.. अब तक ..ना पी पाये! शीतल हवा.. सपनों सा झरना हंसती सी शाखो का अपना सा लगना.. माथे की सिलवट जीवन उलझाए सुकून भरी चाय... अब तक... Hindi · कविता 471 Share Rashmi Sanjay 9 Dec 2021 · 1 min read मन की बात हर दिन ऐसा होता ही है ख्वाब अधूरा सोता ही है बचता चाॅंद अधूरा चिटका.. फूट-फूट कर रोता ही है कौन कहानी अब कहता है.. शिशु परियों बिन सोता ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 302 Share Rashmi Sanjay 9 Dec 2021 · 1 min read बेमुरव्वत जि़म्मेदारियों की व्यथा तमाम उम्र भर.. भारी –भारी नामों को ... सहेजने की प्रथा है ... तुम्हे पता है ? कितनों की कितनी बेबस व्यथा है ? बहू–चाची–मामी तमगे हैं दायित्वों के.. बेमुरव्वत... Hindi · कविता 209 Share Rashmi Sanjay 9 Dec 2021 · 1 min read अजीब होती जिंदगी अटकती – सहमती जिन्दगी से लुप्त हो चुकी है सुरभित रात-रानी बढ़ चुकी है मोड़-मोड़ पर बिगड़ैल सी नागफनी जो तैयार रहती है नोंच लेने को ....शब्दों का मुख तरेरती... Hindi · कविता 1 230 Share Rashmi Sanjay 7 Dec 2021 · 1 min read मैने माँ! तुमसे सीखा है शून्य हृदय का नहीं निरर्थक, सक्रियता से जीवन सार्थक, भिन्न दुःखों में सुख पा जाना, मैने माँ! तुमसे सीखा है। जीवन तो कलकल सी नदिया बिन पतवार सँभाले नैया और... Hindi · कविता 1 318 Share Rashmi Sanjay 7 Dec 2021 · 3 min read तेरी बिंदिया रे कभी कभी बातें जीवन का हिस्सा बन जाती हैं, तो कभी कोई बात..पूरे जीवन पर हावी रहती है..प्रेरणा को बचपन से पूजा-पाठ, सजना- सॅंवरना बहुत पसंद था। एक तरफ पढ़ने... Hindi · कहानी 2 2 430 Share Rashmi Sanjay 5 Dec 2021 · 1 min read नववधू का भय तुम्हारे प्रेम में सिमटी मैं, लाज से भरी सी.. अपने सपनो के संसार में.. रम रही थी.. मेरे महावर भरे पांव, नई कल्पनाओं के साथ.. तुम्हारे जीवन में पग धर... Hindi · कविता 3 4 443 Share Rashmi Sanjay 4 Dec 2021 · 2 min read अम्मा मैं बहुत उलझन में थी..रोज-रोज की मारपीट मेरे संस्कारों को बदल रही थी.. मैं कल की घटना याद करने लगी.. इन्होंने मेरी पूरी डायरी गैस पर रख दी..एक एक पन्ना... Hindi · कहानी 661 Share Rashmi Sanjay 1 Dec 2021 · 3 min read अनोखे दोस्त गुंजन की जैसे ही नौकरी लगी घर में सब चिन्तित हो गये कि कैसे रहेगी वह दूसरे शहर में.. वो भी अकेले ? गुंजन नियम से चलने वाली बिटिया थी... Hindi · कहानी 532 Share Rashmi Sanjay 29 Nov 2021 · 1 min read 'याद पापा आ गये' हर पहर जीवन की सरगम साधते से, याद पापा आ गये मन ढाॅंपते से । बरस उनके बिन गये रीते सभी, मधुर लम्हें मन से ना बीते कभी, पल रूलाते... Hindi · कविता 3 4 387 Share Rashmi Sanjay 29 Nov 2021 · 1 min read 'किया तो था' अन्तस ने भावों का हौले से श्रंगार किया तो था। मुझे याद है आँखों ने सपनों से प्यार किया तो था।। कल्पनाओं की गठरी सी वो, सज बैठी थी आँगन... Hindi · कविता 1 242 Share Rashmi Sanjay 29 Nov 2021 · 5 min read उत्सव उत्सव सपनों की उम्र.. हर उम्र से बड़ी होती है ....कामिनी वृद्धावस्था में कदम रख चुकी थी ..पर अब तक युवा स्वप्न जीवित थे उसके ...अपनी पोती को वो हर... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 474 Share Rashmi Sanjay 29 Nov 2021 · 6 min read उत्सव चार दिन से पूजा एक अजीब से अंतर्द्वंद से गुजर रही थी..उसको ना खाने–पीने का होश था और ना ही कहीं बाहर जाने की इच्छा थी....बस पिछ्ले दिनों के घटनाक्रम... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 688 Share Rashmi Sanjay 21 Nov 2021 · 1 min read थी वो एक दुनिया वो बेरोजगारी के ख्वाबों की दुनिया लरजते सिसकते इरादों की दुनिया वो सांसे थी अंतिम ये जीवन शुरू था धुएं से भरी थी बुरादों की दुनिया ना पुछो कि किससे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 400 Share Rashmi Sanjay 9 Nov 2021 · 1 min read अकेले -अकेले' प्रकाशित किये दीप हमने अकेले सफर तय किया बस अकेले -अकेले कहाॅं कोई रिश्ता जुड़ा अब मिला था चुराई निगाहें सभी ने अकेले.. लगा रोशनी तुम तलक भी गई पर... Hindi · कविता 2 308 Share Rashmi Sanjay 25 Oct 2021 · 1 min read आलिंगन में सपने चुप.. आज सुधाकर छुअन तुम्हारी फिर विस्मित करने आई मधुरिम मोहक और प्रतीक्षित निशा में रंग भरने आई फिर मृगांक अद्भुत कलाओं से मोहित मन करने आया मलयज डोल रही प्रांगण... Hindi · कविता 1 4 230 Share Rashmi Sanjay 23 Oct 2021 · 3 min read 'करवा चौथ और आरती' कार्तिक माह का आगमन हो चुका था..आरती मन ही मन बहुत परेशान थी, दो दिन बाद ही करवा चौथ का व्रत होगा..पहली बार अकेले सबकुछ करने की सोच से ही... Hindi · कहानी 2 320 Share Rashmi Sanjay 23 Oct 2021 · 2 min read अनोखा करवा चौथ एकाएक जीवन में वो होता है.. जो कल्पनाओं से परे होता है..करवा चौथ के पावन दिवस पर कीर्ति और किशोर मंदिर दर्शन करने को निकल पड़े.. सुबह-सुबह आगरा एक्सप्रेस वे... Hindi · कहानी 2 301 Share Rashmi Sanjay 19 Oct 2021 · 3 min read 'लव यू गौरव’ गार्गी ने कनखियों से गौरव को देखा..."हूँ ......अभी भी कम हीरो नहीं लगते हैं ये" सोचकर मन ही मन मुस्करायी वो .... फिर धीरे से चिकोटी काट ली गौरव के... Hindi · कहानी 1 2 472 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read मौन का पत्र मौन ने लिख डाला! व्यक्त न हो पाने की व्यथा.. नाजायज सपनों की सज़ा.. अपनी पीढ़ी के.. कुढ़ते हुए दुःख! कुंठित अभिव्यंजना के टूटे हुए सुख.. और कुछ हालात के... Hindi · कविता 1 246 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read विचार मौन थे! विचार मौन थे! आकृतियां आकर्षित थीं आतुरताएं भेज रहीं थीं एक अनुबंध-पत्र उभरने लगे थे शब्द प्रतीक्षाएं परिचित थीं प्रेम उपज रहा था.. लालायित थीं.. व्यक्त होने को..नव-कथाएं! इंन्द्रियां चकित... Hindi · कविता 1 202 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read प्रेम तुम्हारी बातें जैसे.. एक शीतल तिलिस्म! इच्छाओं की परियों के साथ ऑंख भींच कर खिलखिलाता.. नन्हें शिशु सा चकित तुम्हारा प्रेम! घुलने लगा है पूरे व्यक्तित्व में! प्रतिबिंबित होने लगे... Hindi · कविता 1 203 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read जीने लगता है मन.. पुनः लघु स्मृतियों के अलौकिक संसार में.. जन्म ले लेती हैं.. अनेकों वर्जित कथाएं! आलिंगनबद्ध कर लेता है वर्तमान.. सहूलियत से..विलग आकृतियों को.. जीने लगता है मन पुनः अस्पृश्य भावनाओं के... Hindi · कविता 180 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read तुम्हारा प्रेम कभी नहीं चाहा था तुम्हें पकड़ना या कैद करना मैं चाहती थी .. कण-कण में समाहित हो जाओ तुम.. गुनगुनाओ.. जल की निश्छल बूॅंदों के साथ लिपट जाओ मेरे हर... Hindi · कविता 168 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read अपने लिये भी! ना गिरवी खुद को रखो तुम बचो अपने लिए भी कुछ गढ़ो अपनी अलग दुनिया जियो अपने लिये भी कुछ अगर तुम हो बिना मांझी उठा पतवार लो अपनी नैया... Hindi · कविता 310 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read नारी अनंत अश्रु-बूँदों से लेकर नेह का पूरा आसमान.. सहेजे रहती है ..अपने आँचल में! ज़िम्मेदारियों और आलोचनाओं का जबरन पहनाया गया लिबास, सहेजे रहती है संतुष्टि के साथ! जन्म लेती... Hindi · कविता 239 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read याद तुम्हारी आई है! प्रिय गलियाँ तुम बिन सूनी हैं किरणें कुछ सकुचाई हैं । मुँह ढाॅंपें बैठी है कोयल, याद तुम्हारी आई है । पाजेब की रुनझुन रुनझुन आंगन ने है सुनी नहीं... Hindi · गीत 2 209 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read अरे माँ! अरे माँ ! सुनो ना, मेरे भी तो कुछ सपने हैं.. माना वो उम्र में मुझसे दुगुने हैं! पर मेरे मन की ज़मीन पर उगने हैं.. अरे माँ ! मुझे... Hindi · कविता 302 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read हाँ महिलाएं भी.. हाँ महिलाएं भी.. बहुत कुछ समझती हैं.. तुम्हारे शब्दों के चयन का भारीपन! या.. हल्की सी.. यूं ही ..वाली भाषा! तुम्हारे विचारों में अपनी परिभाषा.. हाँ महिलाएं ही.. कठिन समय... Hindi · कविता 184 Share Rashmi Sanjay 16 Oct 2021 · 1 min read ऑंगन चहक उठे थे पंछी घर के, तुलसी संग महका था ऑंगन। हंसी - ठिठोली, मान - मनव्वल में अपनों जैसा था ऑंगन। बरहा, छटठी और होली के गीतों पर ठुमका... Hindi · कविता 299 Share Rashmi Sanjay 28 Sep 2021 · 1 min read अम्मा स्वेटर में भाव समाहित कर रिश्ते बुनना जाने थीं तब ईंटे चुनकर अपना एक घर अम्मा गढ़ना जाने थीं तब अपने रुनझुन से ऑंगन में किलकारी भरते बचपन में मनमोहक... Hindi · कविता 2 3 240 Share Rashmi Sanjay 24 Sep 2021 · 1 min read अनूठा सपना थी शीतल हवा और प्रकृति का बिछौना । थीं सुधियां अनेकों तरल मन का कोना । वो बचपन जवानी के सपनो की गठरी । तनिक कड़ुवे अनुभव की बातें भी... Hindi · कविता 1 402 Share Rashmi Sanjay 21 Sep 2021 · 1 min read ये जो बच्चा है ये जो तल्लीनता से आसमान ताकता सा बच्चा है.. ये गुब्बारे बेच कर.. उड़ा देता है अपने भाव.. टांग देता है सभी को.. नीले बादलों की अरघनी में वहाॅं नहीं... Hindi · कविता 353 Share Rashmi Sanjay 14 Sep 2021 · 1 min read हिंदी पहला-पहला था शब्द सुना । माॅं ने हिन्दी को सदा चुना । जब कलम हाथ में आई थी । तब पृष्ठ पे हिन्दी छाई थी । तुतलाकर बोला प्रथम बार..... Hindi · कविता 238 Share Rashmi Sanjay 24 Aug 2021 · 1 min read 'उफ' रहती नहीं जवानी देख नदी भी मांगे पानी देख उम्र गुजरती चुपके-चुपके रहती एक निशानी देख पुतले दो मिट्टी के मिलके गढ़ते नई कहानी देख झिड़की तल्खी तोड़ रही मरता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 442 Share Rashmi Sanjay 20 Aug 2021 · 1 min read "तुम भी ना' लघुकथा तुम भी ना.. रात से सुबह तक मैं चहलकदमी करती रही.. मेरे कानों में शिल्पम की उस दिन की चीखती आवाज़ें बार बार गूॅंज रहीं थीं.. "अभी आपकी सास... Hindi · लघु कथा 2 2 571 Share Rashmi Sanjay 20 Aug 2021 · 1 min read 'कौन पिरोये मनका को' अपलक जागे निशा अधूरी, ढूँढे खोये मनका को । बिखरे मोती यहाँ वहाँ फिर,कौन पिरोये मनका को ॥ नयन करें बरसात अधूरी, चाँद साथ कब चल पाये? ठिठक-ठिठक बिजली गरजे,... Hindi · गीत 377 Share Rashmi Sanjay 1 Aug 2021 · 1 min read पढ़-लिख निखरेगा बचपन! भोला मधुरिम रूप सत्य सा मनभावन बचपन बच्चों का जब जिम्मेदारी में खोता बालरूप बस सिसक के रोता सपने रोटी संग गुम जाते सूखे अधर नहीं हँस पाते ना बच्चे... Hindi · कविता · बाल कविता 2 381 Share Rashmi Sanjay 31 Jul 2021 · 3 min read 'अचानक' घर में ढोलक की थाप पर मंगल गान अपनी छटा बिखेरे थे..फूफा जी और मम्मी एक दूसरे की खिंचाई करते-करते डांस में खोये थे। रंग में भंग तब पड़ा जब... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 13 574 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2021 · 3 min read गुलगुले अभी परसों ही माता जी से बात हुई थी पर बहुत कम देर, मन बेचैन था । सोचा लाओ फोन करते हैं । स्वयमेव फोन मिला दिया जैसे ! "अम्मा... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 6 776 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2021 · 1 min read मुझे पता है.. तुम्हें अच्छा लगता है! मुझे पता है .. तुम्हे अच्छा लगता है.. मेरा अपलक तुम्हे निहारते रहना! कनखियों से देखना, फिर नजरें चुराना बंद आँखों से देर तक, तुम्हें दुलराते रहना.. मुझे पता है... Hindi · कविता 2 1 629 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2021 · 2 min read नियति जीवन बहुत आहिस्ता से करवट लेता है.. मुझे जैसे कल की ही बात लगती है.. हम सब एक ऑंगन में रंगोली बनाकर भाईदूज की पूजा करते थे..हर तरफ बातें और... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 654 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2021 · 2 min read दादा जी का चश्मा मैं और मेरे दादा जी...दोनो एक जैसे ...जब मन होता चुटकुले सुनाते और जोर-जोर से हँसने लगते ...कभी एकदम से भजन याद आ जाता तो ढोलक मेरे हाथ में होती...... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 7 10 860 Share Rashmi Sanjay 28 Jul 2021 · 3 min read माॅं का संघर्ष मैंने घर आते ही आवाज दी.. "माॅं..चाचाजी पहुॅंचने वाले हैं, दादी का फोन आया है" इतना कहकर मैं अपने स्टडी रूम में घुस तो गई, पर मन ही मन माँ... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 8 332 Share Rashmi Sanjay 22 Jun 2021 · 1 min read 'साड़ी' बड़ी सहजता से एक मासूम सी साड़ी.. भरी–भरी आँखों के साथ, मेरी भावनाओं की तरह मखमली, नाजुक हिदायतों के साथ, माँ ने मेरी गोद में डाली.. सीखा.. मैंने हर परत... Hindi · कविता 2 6 263 Share Rashmi Sanjay 12 Jun 2021 · 1 min read 'काश न फिर अब बारिश आए' बूँद बूँद आँगन टपका है, घर का तम अब भय भरता है । झंझावातों संग आयी है, फिर बरसात प्रलय लायी है । फिर कितना कुछ बह जायेगा, मिट्टी का... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता · बाल कविता 6 8 618 Share Rashmi Sanjay 10 Jun 2021 · 1 min read बरसात बचपन की' ' भरे नैन, आंसू छलका था.. आँगन में बस! जल ही जल था.. क्षुधा संग, उलझा बचपन था.. बाढ़ में बहता, अपना घर था। कुछ अभाव , कुछ भीगा मन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 3 308 Share Rashmi Sanjay 10 Jun 2021 · 1 min read 'नारी अबला नहीं' 'नारी अबला नहीं' अनंत अश्रु-बूँदों से लेकर नेह का पूरा आसमान.. सहेजे रहती है ..अपने आँचल में! ज़िम्मेदारियों और आलोचनाओं का जबरन पहनाया गया लिबास, सहेजे रहती है संतुष्टि के... Hindi · कविता 246 Share Rashmi Sanjay 8 Jun 2021 · 1 min read बरसात मृदा मुदित हो तृप्ति से गीत गा चली है। वसुधा की सरसों-चादर सरकी-गिरी मिली है। सज्जित वसुंधरा भी मिलती धुली-धुली है। नयनों से मेघ उलझे बरसात आ मिली है।। पूजे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 9 669 Share Rashmi Sanjay 8 Jun 2021 · 1 min read 'अपने से पूछताछ' अरे ख़ुद को भी तो महसूस करो अपने से भी थोड़ी पूछताछ करो! ऐसा ना हो कि सील जाए तुमसे तुम्हारा अपना रिश्ता! और फैल जाये दीमक पूरे अंर्तमन पर!... Hindi · कविता 322 Share Previous Page 4 Next