मनोज कर्ण Tag: कविता 269 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मनोज कर्ण 18 Mar 2024 · 1 min read सत्य मंथन सत्यमंथन झूठ की तारीफ और सत्य का उपहास, प्रचलन बना,.. क्यूँ दोस्तों..? झूठ का सामना यदि,सत्य से होता यहाँ पर , सत्य का दामन नहीं फिर कोई थामता .. क्यूँ... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · सत्य मंथन 6 64 Share मनोज कर्ण 18 Mar 2024 · 2 min read सत्य,”मीठा या कड़वा” सत्य,”मीठा या कड़वा” (छन्दमुक्त काव्य) सत्य बहुत मीठा होता है, यदि खुद महसूस करें तो, अन्यथा दूसरों को इसका एहसास कराना, या दूसरे से इसका एहसास पाना दोनों ही, बहुत... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · छंदमुक्त काव्य · सत्य की खोज 5 63 Share मनोज कर्ण 7 Mar 2024 · 1 min read सूखी नहर सुखी नहर_ वो नहर यादों का गुलदस्ता लिए : अविचल आज भी खड़ी है_ मगर सूखी पड़ी, टकटकी लगाए मौन पीड़ा लिए कह रही हो, कहाँ गए मेरे नयन प्रिय... Hindi · कविता · छन्दमुक्त काव्य · सूखी नहर 4 253 Share मनोज कर्ण 19 Feb 2024 · 1 min read यशस्वी भव यशस्वी भव ~~°~~°~~° तिमिर घनेरा चीर पथिक तू , निकला लक्ष्य अडिग था पथ पर। मर्म तेरा अब वो क्या जाने, जख्म जिसे नहीं लगता दिल पर। रातें काटी गिन-गिन... Hindi · कविता · क्रिकेटर · यशस्वी जायसवाल · यशस्वी भव 3 2 256 Share मनोज कर्ण 18 Feb 2024 · 1 min read किसान आंदोलन किसान आंदोलन ~~°~~°~~° किसान बिल था अति सुखदाई, खुला बाजार मिलता भरपाई। स्थिर रहता बाजार मूल्य भी, नियंत्रित होता सदा महंगाई... समर्थन मूल्य तेईस फसलों का, भाता नहीं तुझको हरजाई।... Hindi · कविता · किसान आंदोलन 1 607 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read चरम सुख चरम सुख (छंदमुक्त काव्य) दैहिक चरम सुख और ब्रह्मस्वरूप परमानन्द, चिरत्व किसमें है... वही बता सकेगा न भला जिसने बारी बारी से दोनों का अनुभव किया है । तुलना तो... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 838 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read हार फिर होती नहीं… हार फिर होती नहीं… ~~°~~°~~° मन ठान ले यदि जीत है , तो हार फिर होती नहीं… सोचता है मन यदि , पर्वत शिखर की ऊचाईयाँ। यदि देखता समुन्दर निकट... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 85 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read वासना और करुणा वासना और करुणा ~~°~~°~~° साथ-साथ रहती दो बहना, एक वासना दूजा करुणा। वासना तन को दग्ध करती , विक्षिप्त मन कर कामाग्नि सुलगाती। मधुप मृदुल आघात करके, विकल मन में... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 75 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 2 min read हिन्दुत्व, एक सिंहावलोकन हिन्दुत्व_एक सिंहावलोकन ~~°~~°~~° अतीत की स्मृतियों से , अश्कों के अल्फाज पुछते हैं। खता तो दुश्मनों ने की थी , पर मेरे क्यूँ जख्म गहरे हैं। बटी थी हिन्द की... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 96 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read कलकल बहती माँ नर्मदा कलकल बहती माँ नर्मदा ! कलकल बहती माँ नर्मदा , निश्चल छलछल अविरल धारा । अमरकंटक शिखर से वो निकलती , पूरब दिशा से पश्चिम को बहती । धरा पर... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 88 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read बारिश बारिश ~~°~~°~~° उम्मीद का बादल अधर में, पर बारिश कहाँ है, कहाँ चैन दिल में। मैल मन का धुलता यदि न , होता है फिर सुर्ख़ नैन तन में। नीर... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 75 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read कला कला कला बिना जग सूना लागे , मानव,पूंछहीन पशु के है समान , ज्ञान यदि पहचान दिलाता , कला ही है जो देता सम्मान। कला से विकृति को ढक लो... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 67 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read आरंभ आरंभ आरंभ यदि मन से करे तो , सभी कारज पूर्ण हो जाएंगे। संकल्प यदि दृढ़ साथ लगा ले , असफलता कभी न आयेंगे। विश्वास हो,मन में आस का सदिखन... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 57 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 2 min read अनहद नाद अनहद नाद अनहद नाद की प्यासी है श्रुतिपुट… अनन्त शून्य की ऊचाईयों से, समुन्दर की गहराईयों तक । अनंत शब्दों का नाद सुना मैंने, पर मन को न भाया कोई... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 77 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 2 min read वेदों की जननी…नमन तुझे! वेदों की जननी…नमन तुझे! वेदों की जननी…नमन तुझे! नमन तुझे, माँ नमन तुझे!! जीवन के संतापो को करे नाश, क्षुधा,पिपासा सब करे शांत, वो कल्पवृक्ष गायत्री तुम हो। मिटाकर अज्ञान... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 61 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read कर्मफल कर्मफल “” “” “” कर्मफल में आसक्त मनुज, इंसाफ नहीं कर पाता है। अपने ही अंतर्मन से वो, बार-बार घबराता है । कहता है मन, उस नर का, मुझे खुली... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 90 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read शाकाहार बनाम धर्म शाकाहार बनाम धर्म ~~°~~°~~° शाकाहार ही है, धर्म का पहला आधार चाहे कोई भी धर्म हो,शुध्द होवे आहार हिंसा है यदि निर्दोष के प्रति,तो धर्म कैसा दया करूणा से ही... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 79 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read मृगतृष्णा मृगतृष्णा ~~~~~ मृगतृष्णा की चादर ओढ़, भटक रहा मानव इस जग में। मातृगर्भ से वर्तमान तक, खुद को समझ न पाया जग में । जन्म लिया निर्मल काया थी, शैशव... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 93 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read त्याग त्याग कर्म तो कभी तज सकते नहीं, कर्मफल का त्याग करो बंदे । अंतकाल राम मुख आवत नाहिं , पहले से राम जपो बंदे… इच्छाएँ अनंत,तेरे वश में नहीं ,... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 120 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read निर्गुण सगुण भेद निर्गुण सगुण भेद ~°~°~°~°~ जब चक्षु विकल हो सकल प्रेम को… तब निर्गुण सगुण भेद मिट जाता है। निराकार जब साकार ब्रह्म, बनकर प्रियतम छा जाता है। ऊर्जा का संचार... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 113 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read गुलामी के पदचिन्ह गुलामी के पदचिन्ह ~~^~^~~~~~~~ गुलामी के पदचिन्हों पर चलना , क्यों जरूरी है… ? जन्मदिन पर मोमबत्ती जलाना , फूंक मार फिर इसे बुझाना , क्यों जरूरी है… ? झूठी... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 77 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read सनातन संस्कृति सनातन संस्कृति ~~°~~°~~° गांठ बांध सुन लो इंसानो, सत्य समृद्ध स्वरूप को जानो। सनातन संस्कृति सर्वश्रेष्ठ धरा पर, दिल से तुम मानो न मानो। दया प्रेम का भाव जो रहता,... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 89 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read नास्तिक सदा ही रहना… नास्तिक सदा ही रहना… ~~°~~°~~° मन से अहं निकाल लो,फिर नास्तिक सदा ही रहना… खुद को यदि तुम जान लो,फिर धर्मविमुख ही रहना। माता-पिता गुरु हरि रूप है,उन्हें श्रद्धा के... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 101 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read वीर साहिबजादे वीर साहिबजादे ~~°~~°~~° नहीं छोड़ेंगे कभी धर्म अपना , चाहे दीवार में चिनवा दो , धरा से व्योम तक की ये गूंज , अब सबको सुनवा दो। अन्याय का सदा... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 71 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read स्वामी विवेकानंद सजी थी उम्मीदें धरा पर , व्योम तक हुंकार भरना था । चला वो युवा सन्यासी निकल कर , विश्व में वेदांत का आह्वान करना था । राम कृष्ण के... Poetry Writing Challenge-2 · 25 कविताएं · कविता 1 77 Share मनोज कर्ण 11 Feb 2024 · 1 min read होली का रंग होली का रंग ~~°~~°~~° होली का रंग वीभत्स नहीं , ये अश्लील नहीं रंग जीवन है। ये राग-रंग का है पर्व सदा , निर्मलता सौहार्द संजीवन है। हिरण्यकशिपु पिशाच था... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 61 Share मनोज कर्ण 23 Jan 2024 · 1 min read धर्म की खूंटी धर्म की खूंटी पकड़ लो, अधर्म पास नहीं आयेगा। सोच ले तू नेक बंदे, क्या साथ तेरे जायेगा। पंचेन्द्रियों के जाल में फंसकर, दर-दर भटकता तेरा अस्तित्व है। छोड़ दे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 57 Share मनोज कर्ण 7 Jan 2024 · 1 min read धर्म की खूंटी धर्म की खूंटी ~~°~~°~~° धर्म की खूंटी पकड़ लो, अधर्म पास नहीं आयेगा। सोच ले तू नेक बंदे, क्या साथ तेरे जायेगा। पंचेन्द्रियों के जाल में फंसकर, दर-दर भटकता तेरा... Hindi · कविता · गीत · भजन 3 5 396 Share मनोज कर्ण 13 Aug 2023 · 1 min read *अपना भारत* _अपना भारत_ ~~°~~°~~° शूरवीरों का यह देश है भारत , हर रगों में लहू हिन्दुस्तानी है । इस माटी की सौंधी खुशबू में , शहीदों की अमर कहानी है। आर्यावर्त... Hindi · अपना भारत · आज़ादी का अमृत महोत्सव · कविता 4 2 243 Share मनोज कर्ण 16 Jul 2023 · 1 min read साँप का जहर साँप का जहर ~~°~~°~~° साँप का जहर उतारना जरूरी था, गया वो शहर के आलीशान अस्पताल में। सर्पदंश से पीड़ित था वो दीनहीन मनुष्य, लेटा था इमर्जेंसी वार्ड में फटेहाल... Hindi · कविता · सांप का जहर · हिन्दी काव्य 3 800 Share मनोज कर्ण 9 Jul 2023 · 2 min read हिन्दू जागरण गीत हिन्दू जागरण गीत ~~°~~°~~° उठो हिन्दू ,जगो हिन्दू , नहीं तो फिर मिटो हिन्दू। कर्म अपना तुम भूलो मत, पढो़ गीता कहो हिन्दू। रामायण की वो मर्यादा, जनजीवन में रहे... Hindi · कविता · गीत 4 906 Share मनोज कर्ण 2 Jul 2023 · 1 min read फितरत फितरत ~~°~~°~~° दरीचे-ए-रूह से देखा जो, उसकी मासूमियत को, गिरते अश्क की हर बूंद में, बेगुनाही के सबूत दिखते हैं। पर इंसान की ये फितरत जो है, वो तो बेगुनाहों... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · ग़ज़ल · फितरत 10 4 742 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 2 min read बेजुबान और कसाई बेजुबान और कसाई ~~~~~~~~~~~~~ (एक याचना) बीच सड़क पर डटे,बेज़ुबान बकरे और कसाई, हो रही थी मौनभाव में, अस्तित्व की लड़ाई । कसाई डोर खींच रहा, पर बकरे ने भी... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 1 149 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 2 min read अर्धनारीश्वर की अवधारणा ” अर्धनारीश्वर की अवधारणा ” (छंदमुक्त काव्य) ~~°~~°~~° इस कशमकश-ए-जिन्दगी में, इंतजार करते ही रह जाते हैं लोग… एक दूसरे को समझ पाने में, इंतजार की घड़ियाँ समाप्त ही नहीं... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 1 142 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read मृगतृष्णा मृगतृष्णा ~~~~~ मृगतृष्णा की चादर ओढ़, भटक रहा मानव इस जग में। मातृगर्भ से वर्तमान तक, खुद को समझ न पाया जग में । जन्म लिया निर्मल काया थी, शैशव... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 2 115 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 5 min read श्रीराम गाथा, श्रीराम गाथा (रिश्ता प्रभु से) ~~~~~~~~~ कई युग आए और चले गए , श्रीराम प्रभु सा,कोई हुआ नहीं । होते हैं वीर महान पुरुष , पर अन्तर्मन कोई छुआ नहीं... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 1 134 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read बोलती आँखे…एक अंजान रिश्ता बोलती आँखे… ~~°~~°~~° गर प्यार दिल में बसा हो , तो है, बोलती आंखे… जुबां बंद हो, शर्म से क्यूँ न , फिर भी दिलों का राज तो है,खोलती आँखे…... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 2 329 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read बचपन बचपन ~~°~~°~~° महलों में कहीं पल रहा बचपन, किलकारियों से गूंज रहा है। भूखा तन कहीं जूठे पत्तल पर, बाल सुलभ मन तड़प रहा हैं। सड़कों पर बीत रहा जो... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 174 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read श्रद्धा,एक झूठा रिश्ता श्रद्धा ~~°~~°~~° श्रद्धा नहीं जब अपनेपन से , श्रद्धा फिर क्यूँ ,अंजान डगर से । बनती नित एक, नई कहानी , फिर क्यों श्रद्धा, अश्रद्धेय दीवानी। बनती नित एक नई... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 209 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read सेमल के वृक्ष…! सेमल के वृक्ष…! ~~°~~°~~° वो सेमल के वृक्ष पुराने …! अब नहीं दिखते… चौड़े सड़क से निकलने वाली , पगडंडी के मुहाने पर खड़ा । विशालकाय वो वृक्ष अब नहीं... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 143 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 2 min read दिल,एक छोटी माँ..! दिल,एक छोटी माँ..! ( छंद मुक्त काव्य ) ~~°~~°~~° ये दिल क्या है..? एक मुठ्ठी भर मांसपेशियों का उछल कूद, या कोई जीवंत रिश्ता । गौर से सोचो यदि, तो... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 110 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read सब तो अपने हैं , सब तो अपने हैं , °°°°°°°°°°°°° कभी-कभार मन ये सोचता, सब तो अपने हैं । चाहे दूर के हो या, नजदीक के रिश्तेदार। सभी तो हैं बस , अपना ही... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 158 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read पिता की छाँव पिता की छाँव ~~~~~~~ अँखियों में अरमाँ संजोए,निर्बल थी काया, पिता की छाँव कहूँ या बरगद की छाया… खो गया जब आज मैं , अतीत की यादों में । बचपन... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 218 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 2 min read यादों के झरोखों से… यादों के झरोखों से… °~°~°~°~° यादों के झरोखों से , कुछ सुनहरी यादें है, बीते हुए लम्हों की अनकही ज़ज्बातें है। फूस की झोपड़ियों में,गुजरा था बचपन का कोना, गांवों... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 1 163 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read अंतर्द्वंद्व अंतर्द्वंद्व ~~°~~°~~° पीहर की यादों मे,जो खोई मैं आज, नादान हंसी और वो चहकता अंदाज । जी रही थी भला जो अपनी मर्जी, पीहर को क्यूँ ,कर दिया नजरअंदाज। विचारों... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 147 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 2 min read ओ माँ… ओ माँ… ~~°~~°~~° ओ माँ… आज गोबर थापती तेरी तस्वीर, पुरानी याद आ गयी। आँख भर आयी,वो पुराने पल यादकर, मेरे तकदीर की तदबीर थी तू। अब वो तेरी रूहानी,... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 188 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 2 min read हे तात ! कहा तुम चले गए… हे तात ! कहा तुम चले गए… ~~°~~°~~° हे तात ! कहा तुम चले गए… दर्शन न कोई मुलाकात, जहांँ तुम चले गए..। संग तेरे जो बीता था बचपन ,... Poetry Writing Challenge · कविता 300 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read जीवन-रथ के सारथि_पिता जीवन-रथ के सारथि_पिता ~~°~~°~~° सारथि जीवन-रथ के , देवता तुल्य पिता हैं जग में। अन्नदाता भयत्राता पिता ही हैं , सृजनकर्ता भी वही जग में। माता को यदि तुम,सारे तीर्थ... Poetry Writing Challenge · कविता 53 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read पितु संग बचपन पितु संग बचपन ~~°~~°~~° अमीरी अभिशाप बने ना, वात्सल्य प्रेम और बचपन का, धन-दौलत दुश्मन न बन जाए,बालपन और पितृधन का। पितु संग बीते जो बचपन,तो होता परिवर्धन संस्कारों का... Poetry Writing Challenge · कविता 78 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read पिता की अभिलाषा पिता की अभिलाषा ~~°~~°~~° शिकायत नहीं जग से मुझको , बस तेरे खुशी को ही तो जीता हूँ । तुझे स्नेह भरा अमिय सागर देकर मैं , युगों-युगों से हलाहल... Poetry Writing Challenge · कविता 105 Share Page 1 Next