Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2024 · 2 min read

वेदों की जननी…नमन तुझे!

वेदों की जननी…नमन तुझे!

वेदों की जननी…नमन तुझे!
नमन तुझे, माँ नमन तुझे!!
जीवन के संतापो को करे नाश,
क्षुधा,पिपासा सब करे शांत,
वो कल्पवृक्ष गायत्री तुम हो।
मिटाकर अज्ञान तिमिर,ज्ञान की ज्योति जगा दे,
वो ब्रह्मस्वरूपा गायत्री तुम हो।
शिव,शक्ति,नाद और बिंदु,
तेरे ही उद्भवपथ साधन है।
सबदुःखहरनी वेदों की जननी नमन तुझे ,
नमन तुझे, माँ नमन तुझे!
वेदों की जननी… नमन तुझे!

सत्य,सनातन,सुन्दर सपना,
जीवन में साकार हुआ है,
राग- द्वेष से ऊपर उठकर,
जिसने तेरा आधार लिया है।
समय नहीं जिसे वेदमंथन का,
केवल तेरा जाप किया है।
सौभाग्यप्रदायणी, वेदों की जननी, नमन तुझे..
नमन तुझे, माँ नमन तुझे!!
वेदों की जननी… नमन तुझे!

तेज,प्रकाश,बल और पराक्रम,
तेरे ही प्रसाद है जननी,
आदि,अनादि,सूक्ष्म सम्प्रेषण,
तेरे ही विज्ञान है जननी।
आसान नहीं होता है सबका,
अपने प्रारब्ध से लड़ पाना।
झुठलाया इस तथ्य को मानव,
जिसने वेदमंत्र को पहचाना।
अमृतप्रदायिनी वेदों की जननी नमन तुझे..
नमन तुझे, माँ नमन तुझे!!
वेदों की जननी… नमन तुझे!

गौ,गीता,गंगा,गायत्री
वेदों का आधार है माता।
वेद से ही विज्ञान होता,
वेद चेतन ज्ञान है देता ।
अद्वैत का दर्शन कराकर,
करुणा अपरंपार पाता।
घटघटवासिनी वेदों की जननी नमन तुझे..
नमन तुझे, माँ नमन तुझे!
वेदों की जननी… नमन तुझे!

पल में मोहित,पल में भ्रमित,
पल में व्यथित,माया का जंजाल घना है।
आकुल मन क्यों समझ न पाया,
अलौकिक दिव्य ऋचा ज्ञान यहाँ है।
धवलचंद्र मुख सा तेरा दर्शन,
श्रद्धा विश्वास का अलख जगा दे।
सत्यस्वरुपिणी वेदों की जननी नमन तुझे..
नमन तुझे, माँ नमन तुझे!
वेदों की जननी… नमन तुझे!

मौलिक एवं स्वरचित
मनोज कुमार कर्ण

54 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all
You may also like:
उनको घरों में भी सीलन आती है,
उनको घरों में भी सीलन आती है,
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
जुते की पुकार
जुते की पुकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
श्याम सिंह बिष्ट
साहब का कुत्ता (हास्य-व्यंग्य कहानी)
साहब का कुत्ता (हास्य-व्यंग्य कहानी)
दुष्यन्त 'बाबा'
मन खामोश है
मन खामोश है
Surinder blackpen
जाने बचपन
जाने बचपन
Punam Pande
2253.
2253.
Dr.Khedu Bharti
हर प्रेम कहानी का यही अंत होता है,
हर प्रेम कहानी का यही अंत होता है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
उधार ....
उधार ....
sushil sarna
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
manjula chauhan
आंखें मूंदे हैं
आंखें मूंदे हैं
Er. Sanjay Shrivastava
मौहब्बत को ख़ाक समझकर ओढ़ने आयी है ।
मौहब्बत को ख़ाक समझकर ओढ़ने आयी है ।
Phool gufran
सीख
सीख
Sanjay ' शून्य'
के श्रेष्ठ छथि ,के समतुल्य छथि आ के आहाँ सँ कनिष्ठ छथि अनुमा
के श्रेष्ठ छथि ,के समतुल्य छथि आ के आहाँ सँ कनिष्ठ छथि अनुमा
DrLakshman Jha Parimal
वह फूल हूँ
वह फूल हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मौन शब्द
मौन शब्द
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
किसने क्या खूबसूरत लिखा है
किसने क्या खूबसूरत लिखा है
शेखर सिंह
तन्हाई
तन्हाई
Rajni kapoor
अब किसी की याद नहीं आती
अब किसी की याद नहीं आती
Harminder Kaur
*फल- राजा कहलाता आम (बाल कविता/हिंदी गजल)*
*फल- राजा कहलाता आम (बाल कविता/हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-489💐
💐प्रेम कौतुक-489💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इश्क़ में कोई
इश्क़ में कोई
लक्ष्मी सिंह
सेवा जोहार
सेवा जोहार
नेताम आर सी
*देकर ज्ञान गुरुजी हमको जीवन में तुम तार दो*
*देकर ज्ञान गुरुजी हमको जीवन में तुम तार दो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
परमपिता तेरी जय हो !
परमपिता तेरी जय हो !
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
ईश्वर किसी को भीषण गर्मी में
ईश्वर किसी को भीषण गर्मी में
*Author प्रणय प्रभात*
(मुक्तक) जऱ-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
(मुक्तक) जऱ-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
SPK Sachin Lodhi
Loading...