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उनकी आंखों में उमड़ता सैलाब मैंने देखा था , उनकी आंखों में जन्नत का एहसास मैंने देखा था, लफ्ज़ों का इजहार ग़ुम था, मगर बोलती निगाहों को मैंने देखा था , दूरियां बहुत थीं मगर रूहानी नज़दीकियों को मैंने देखा था। श़ुक्रिया !🌹
श़ुक्रिया आपका, सादर अभिवादन 💐 🙏
सुभान अल्लाह
शुक्रिया आपका 🙏
उनकी आंखों में उमड़ता सैलाब मैंने देखा था ,
उनकी आंखों में जन्नत का एहसास मैंने देखा था,
लफ्ज़ों का इजहार ग़ुम था, मगर बोलती निगाहों को मैंने देखा था ,
दूरियां बहुत थीं मगर रूहानी नज़दीकियों को मैंने देखा था।
श़ुक्रिया !🌹
श़ुक्रिया आपका,
सादर अभिवादन 💐 🙏