jyoti jwala Language: Hindi 635 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next jyoti jwala 12 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक राधा सी जो प्रीत मिले मन वृन्दावन सा हो जाए बरसे नेह की बरखा पतझड़ भी सावन हो जाए बसा हुआ हो हृदय में, यदि कृष्ण-सा पावन प्रेम चहके फूलों... Hindi · मुक्तक 238 Share jyoti jwala 12 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक "तख्तों ताज़ पे नाज़ तुम्हें वो ताज़ यही रह जाएगा, बना रेत से महल तुम्हारा लहरों के संग बह जाएगा, तुम बोलो मीठे बोल सदा ही एक दूजे का मान... Hindi · मुक्तक 1 374 Share jyoti jwala 10 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक मानवता की कब्र पर नैतिकता के मुर्दे जलाते हैं फूहड़ चुटकुले सुनाकर कुछ तालियाँ भी पाते हैं हमने, हमारी कलम ने कभी ये शौक नहीं पाला हमें गर्व है माँ... Hindi · मुक्तक 1 377 Share jyoti jwala 9 Oct 2021 · 1 min read झाँसी वाली रानी कभी डरी ना जो दुश्मन से ना ज़ां की कुर्बानी से, जीवन जीना सीख रही हूँ झांसी वाली रानी से, हिम्मत को तलवार बनाईं अंग्रेजों को मार भगाईं, भारत का... Hindi · कविता 1 612 Share jyoti jwala 7 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक सिंह सवारी करने वाली रण चंडी माँ दुर्गा हैं, दुखहरनी,जगजननी, कृपादायीनि माँ दुर्गा हैं, इस दुनिया में कोई है नहीं माँ से बड़ा कृपालु संतानों के संग खड़ी हर पल... Hindi · मुक्तक 557 Share jyoti jwala 7 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक होती है क्या मोहब्बत एक बार करके देखो, है बेचैनियाँ बढ़ानी तो फिर प्यार करके देखो, किस्से बहुत से मिल जाते हैं लैला मझनू जैसे प्रेम बावरी मीरा सा तुम... Hindi · मुक्तक 387 Share jyoti jwala 6 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक जिनकी दहाड़ से दुश्मन भय से भूतल में गड़ जाते हैं, कुर्सी की जिन्हें परवाह नहीं देशद्रोहियों से लड़ जाते हैं, वो शेर पुत्र है भारत माँ के नित भारत... Hindi · मुक्तक 2 265 Share jyoti jwala 6 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक सच जो भी हम देख रहे हैं, दुनिया को दिखलायेंगे निज धर्म-कर्म पर दृढ़ होना दुनिया को सिखलायेंगे कंपित होगी यह धरती भी ये आसमान हिल जाएगा, वज्र की भांति... Hindi · मुक्तक 415 Share jyoti jwala 5 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक आज़ाद परिन्दों को चहकने की ज़रूरत है, फूल को गुलशन में महकने की ज़रूरत है , कुछ लोग जो ख़ुद की निगाहों में गिरे गए उन्हें अपने ख़यालात बदलने की... Hindi · मुक्तक 328 Share jyoti jwala 5 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक ख़ार नज़र आते हैं भावों के इस उपवन में, मुरझाते फूलों को देख देख कर गुलशन में, हृदय व्यथित होता अपनों के छल जाने से मन मेरा जाना चाहे नादां... Hindi · मुक्तक 1 4 279 Share jyoti jwala 5 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक ना मोहब्बत रही ना फ़साने रहे, ना रिश्तों के अब वो खज़ाने रहे, सूरज से नज़रे मिलाने की ज़ुर्रत ज़िद्द वाले कहाँ अब ज़माने रहे,, Hindi · मुक्तक 2 253 Share jyoti jwala 4 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक नफ़रत की आग फिर से लगाने में लगे हैं, ये नक़ाबपोश शहर मेरा जलाने में लगे हैं , सारे बेईमान,बेलिबास हैं तहज़ीब के बग़ैर हज़ारो झूठ गढ़ पहचान छुपाने में... Hindi · मुक्तक 212 Share jyoti jwala 4 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक आईने की तरह सच दिखाता नहीं कोई, सूरज के सिवा हमको जगाता नहीं कोई, कमियाँ गिनानी थी तो फुर्सत में सब मिले मुश्क़िल में हाथ अपना बढ़ाता नहीं कोई,, Hindi · मुक्तक 1 2 238 Share jyoti jwala 4 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक कुछ लोग भी बहुत अज़ीब होते हैं, समंदर में खुद ही कश्तियाँ डुबोते हैं, दिखता है कि ख़ूँ बहा एक इंसान का मगर कई किरदारों के क़त्ल होते हैं,, Hindi · मुक्तक 446 Share jyoti jwala 4 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक पुरानी यादों ने तमाम ज़ेहन में काँटे चुभाए हैं, हज़ारों ग़म दफ़न करके कहीं हम मुस्कुराए हैं, आपने देखा बस लबों पे सजी मुस्कराहट को इन आँखों ने आँखों में... Hindi · मुक्तक 526 Share jyoti jwala 3 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक सुबह अधूरी, शाम अधूरी, रात अधूरी छोड़ गए मेरे दिल में अपनी धड़कन,बात अधूरी छोड़ गए, अब भी तुमको ढूंढती रहती हूँ घर के हर कोने में घर से निकले,... Hindi · मुक्तक 1 233 Share jyoti jwala 3 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक तपकर और निखर जाने की हमने तो अब ठानी है, हृदय मरुस्थल बना हुआ है, और नयनों में पानी है, कठिन तपस्या है यह जीवन रिश्ते नातों के है बंधन... Hindi · मुक्तक 226 Share jyoti jwala 3 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक सजाकर शब्द की रोली से गीत का चंदन, निभाए गोद में बैठे धरा से नेह का बंधन, सृजन को सात रंगों में,सजाने चेतना आई हृदय के तार झंकृत हो मन... Hindi · मुक्तक 398 Share jyoti jwala 2 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक बेजुबां शब्द हैं लेकिन बहुत कुछ बोल जाते हैं , छिपे दिल की गिरह के राज़ गहरे खोल जाते हैं, कभी अंगार बन जाते, कभी तलवार बन जाते कभी पुष्पों... Hindi · मुक्तक 256 Share jyoti jwala 2 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक कुछ कर्म से तक़दीर के पासे बदलते हैं, चट्टानों सी हो मुश्किलें फिर भी लड़ते हैं पहुँचेंगे ही क़दम कभी अपने मक़ाम पर जो मंज़िल बदलते हैं ना रस्ते बदलते... Hindi · मुक्तक 251 Share jyoti jwala 2 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक दूषित हुआ वातावरण इसके ज़िम्मेदार है कौन, क्षरित पर्यावरण के आखिर ज़िम्मेदार है कौन हमने भूमि वायु जल सब कुछ विषैला कर दिया रोज़ बदलते आवरण के शायद ज़िम्मेदार है... Hindi · मुक्तक 415 Share jyoti jwala 2 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक ख़ुशनुमा- सा ख़्वाब सजाने नहीं दिए, शास्त्री जी को जीवित आने नहीं दिए, रच दी गहरी साज़िशे सपूत के ख़िलाफ़ जिंदगी का पूरा साथ निभाने नहीं दिए,, Hindi · मुक्तक 497 Share jyoti jwala 2 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक नमन तुम्हें शत बार करूँ हे भारत माँ के सच्चे लाल, चीर निद्रा में तुम्हें सुलाने को चली गई थी शातिर चाल, सच तो सच है जानते हैं सब लेकिन... Hindi · मुक्तक 1 364 Share jyoti jwala 1 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक आँखों के रंगो से भी तो भावों का इज़हार हुआ, शब्दों की तलवारों से भी युद्ध यहाँ कई बार हुआ, मौन सह रहा था हिंदू तब तो हिन्दू ही बेहतर... Hindi · मुक्तक 234 Share jyoti jwala 1 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक एक ओर राष्ट्रभक्त और दूसरा गद्दार होगा यह जंग है प्रहार होगा युद्ध आर पार होगा, प्यार है जिसे धरा से वो मनुज नहीं डिगेगा देशद्रोही झुण्ड में तो लोभ... Hindi · मुक्तक 218 Share jyoti jwala 1 Oct 2021 · 1 min read मुक्तक कभी आप ग़म में भी मुस्कुराना सीखिए, ख़्वाब बुनके पलकों पर सजाना सीखिए, बस दिखावे के लिए हाथ मिलाना है क्या दिल से अपना दिल भी मिलाना सीखिए,, Hindi · मुक्तक 207 Share jyoti jwala 30 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक ज़िंदा हैं जब तलक इज्जत बनी रहे, बेघर न हों कोई सर पे छत बनी रहे, शोहरत की चाह में बस ध्यान ये रखें पुरखों की कमाई हुई दौलत बनी... Hindi · मुक्तक 1 2 376 Share jyoti jwala 29 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक खुशामद के लिए होंठो पे अफसाना नहीं आता, मुझे सच को कभी भी झूठ बतलाना नहीं आता नहीं गिरवी है मेरी आबरू शोहरत के शर्तों पर कभी डर से इन... Hindi · मुक्तक 305 Share jyoti jwala 28 Sep 2021 · 1 min read एक निवेदन मित्रों कृपया मुझे फॉलों करें ? कुछ लोग हैं जो इश्क़ में बीमार पड़े हैं, कुछ लोग आदतों से ही लाचार बड़े हैं, जिम्मेदारियों के बोझ ने तोड़ा इन्हें मगर... Hindi · मुक्तक 1 4 248 Share jyoti jwala 28 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक वेद, शास्त्र, धर्म हो या बात गीता ज्ञान की, राह हमको ये दिखाते सत्य और ईमान की, आचरण व्यवहार उत्तम कीजिये श्रीमानजी कीजिये ना फ़िक्र केवल रेशमी परिधान की,, Hindi · मुक्तक 1 4 234 Share jyoti jwala 28 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक हौसलों के हौंसले भी आजमा कर देख लें, बांध लें पत्थर परों को फिर उड़ाकर देख ले, खुशियों में तो मुस्कराने का हुनर सब जानते आँखों में आँसू लिए हम... Hindi · मुक्तक 2 2 245 Share jyoti jwala 27 Sep 2021 · 1 min read कविता कभी मुश्किलों से हँसकर के मिलिए, कुछ तो तज़ुर्बा नया कीजिए, जो चाहते हैं बुरा आपका हो उनका भला हो दुआ कीजिए, बुजुर्गों के कदमों में सिर को झुका के... Hindi · कविता 3 5 531 Share jyoti jwala 27 Sep 2021 · 1 min read मेरा हिन्दुस्तान गाँव की गलियां उड़ती धूलें, बाग़ महकते लगे हो झूलें, धरती का श्रृंगार करें जहाँ हरे खेत खलियान वो मेरा हिन्दुस्तान,वो मेरा हिंदुस्तान राम,कृष्ण हैं सुबह जहाँ और आरती गंगा... Hindi · गीत 2 5 289 Share jyoti jwala 27 Sep 2021 · 1 min read भगत सिंह हे वीर भगत सिंह धरा ऋणी है आपके हर बलिदानों की पथ प्रदर्शक, प्रेरणा आप हो आज़ादी के हर दीवानों की, ????????????? Hindi · दोहा 242 Share jyoti jwala 27 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक हर - हर महादेव ? ठंडी राख समझना ना हम अंगारों के गोले हैं, जल जाओगे लपटों में हम वो बारूदी शोले हैं, खौंफ नहीं तनिक हमें विध्वंसक हथियारों का... Hindi · मुक्तक 221 Share jyoti jwala 26 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक टूट जाए तार तो वो साज़ कोई साज़ नही, जो ज़मीर बेच मिला ताज़ कोई ताज़ नहीं, दिल छिपा ले मगर आँखों से छलक जाए छिपा सकी न नज़र वो... Hindi · मुक्तक 2 5 217 Share jyoti jwala 26 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक कई दिल के एहसासों को तहज़ीब कुचल देती है, कुछ ख्वाहिशें ज़ेहन में ही तक़दीर कुचल देती है, लफ्ज़ हमदर्दियों के शोलों से हैं ऐसे चलन में भी उनकी रिवायतें... Hindi · मुक्तक 1 250 Share jyoti jwala 26 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक शेरो के हम वंशज हैं सुनो आज यह बात बताते हैं, हम मार झपट्टे खाल बदन से खींच ज़मीं पे लाते हैं, भय से हमको भय कैसा भय भी हमसे... Hindi · मुक्तक 206 Share jyoti jwala 25 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक हमारे हर रीति रिवाजों पर वो अपना तो ज्ञान ना दें, कन्यादान का अर्थ समझे बिन नाम कन्यामान ना दें, निक़ाह अपनी ही बेटी से करने के इच्छुक बैठे थे... Hindi · मुक्तक 184 Share jyoti jwala 25 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक खुद नदी की धार बनकर खुद ही बहना सीखिए, मुस्कुरा कर ग़म में भी हर ग़म को सहना सीखिए, अब इतनी फ़ुर्सत में कहाँ, कोई जो सुन ले दास्तां ख्वाहिशें... Hindi · मुक्तक 204 Share jyoti jwala 25 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक लेखनी ज्वाला की खंज़र की रवानी सी लगे, लोग कहते हैं व्यथाओं की कहानी सी लगे, क्रोध में अंगार सी लिखती कलम तलवार सी शब्दों में डाले भावनाओं को ज़ुबानी... Hindi · मुक्तक 186 Share jyoti jwala 25 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक सीना चीर दे दुश्मन की वो जांबाज़ सूरत है, बुलंद हौसलें इनके डटी फौलादी हिम्मत है, ये हँसकर वतन पे जान भी क़ुर्बान कर देते जंग में पीठ दिखलाना ना... Hindi · मुक्तक 192 Share jyoti jwala 24 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक मुश्किल की लौ में तपकर कुंदन बनकर दमकेंगे, स्नेह कलश बन धरा गगन में हर हृदय से छलकेंगे, अंधियारे को दूर भगाने,रोशन करने को यह धरती आसमान के सूरज -... Hindi · मुक्तक 257 Share jyoti jwala 24 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक वो ख़्वाब दिखलाया नदी का तिश्नगी देकर गया, ख़्वाहिश उजालों की जगाकर तीरगी देकर गया, जो कहता था गुमां होगा ऐसी जिंदगी दूँगा तुम्हें झूठे ख़्वाब,हक़ीक़त में बेबस जिंदगी देकर... Hindi · मुक्तक 383 Share jyoti jwala 24 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक उजले से दिन लिख देती कभी अंधेरी रात लिखे, कभी तुम्हारे, कभी हमारे अंतर्मन की बात लिखे, दर्पण सी है कलम हमारी बिन बोले ही ये समझे अधरों की मुस्कान... Hindi · मुक्तक 334 Share jyoti jwala 24 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक मुश्किलों से जूझने का शौक़ पाल के निकले, राहे बगावत पत्थर सा जिग़र ढाल के निकले, ना साजिशों का खौंफ है ना जंगे हश्र का उन्हें जो घर से निकलते... Hindi · मुक्तक 197 Share jyoti jwala 24 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक वर्षों पिंजरे में क़ैद पंक्षी उड़ान क्या जाने, भला धरणी के दर्द को आसमान क्या जाने, है आसां नहीं समझना मूक प्राणी के दर्द को वो किस दर्द से गुज़रते... Hindi · मुक्तक 188 Share jyoti jwala 24 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक कुछ लोग नई शक्ल रोज़ ढ़ाल रहे हैं, खुद से ख़ुद की आबरू उछाल रहे हैं, जिनको फ़िक्र है अपने शिनाख्त की वो लोग ही पोशाकें अब संभाल रहे हैं,, Hindi · मुक्तक 364 Share jyoti jwala 24 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक मिल के सूखे पत्तों को टहनियों से छाँट दें, रिश्तों में बढ़ रही इन गहराइयों को पाट दें, अपनों से दूर होकर हासिल भी क्या करेंगे ऐसा ना हो कि... Hindi · मुक्तक 202 Share jyoti jwala 23 Sep 2021 · 1 min read मुक्तक ज़रूरत से ज़्यादा क़द ये अपना नाप लेते हैं, बना इंजन हमें हमसे ही यह तो भाप लेते हैं ज़रा बचकर रहें बहरूपियों से रंग बदलते हैं ये हमारी आपकी... Hindi · मुक्तक 232 Share Previous Page 2 Next