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5 Oct 2021 · 1 min read

मुक्तक

ख़ार नज़र आते हैं भावों के इस उपवन में,
मुरझाते फूलों को देख देख कर गुलशन में,
हृदय व्यथित होता अपनों के छल जाने से
मन मेरा जाना चाहे नादां से उस बचपन में,,

Language: Hindi
1 Like · 4 Comments · 247 Views
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