Comments (5)
26 Sep 2021 08:58 PM
बहुत सुंदर,
jyoti jwala
Author
27 Sep 2021 06:58 AM
धन्यवाद ?
jyoti jwala
Author
28 Sep 2021 11:02 AM
धन्यवाद श्रीमान ?
टूटे तार के साज़ की कोई आवाज़ नहीं होती ,
गिरे ज़मीर की कोई औकात नहीं होती ,
राज़ जो दिल में ना छुपे नजरों से बयाँ हो जाए ,
उस राज़े हक़ीक़त की कोई अहमियत नहीं होती ,
श़ुक्रिया !
धन्यवाद श्रीमान ?