Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2021 · 1 min read

मुक्तक

राधा सी जो प्रीत मिले मन वृन्दावन सा हो जाए
बरसे नेह की बरखा पतझड़ भी सावन हो जाए
बसा हुआ हो हृदय में, यदि कृष्ण-सा पावन प्रेम
चहके फूलों की क्यारी,उपवन सा आँगन हो जाए

Language: Hindi
203 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* मन कही *
* मन कही *
surenderpal vaidya
श्री गणेश स्तुति (भक्ति गीत)
श्री गणेश स्तुति (भक्ति गीत)
Ravi Prakash
"लोभ"
Dr. Kishan tandon kranti
देशभक्ति का राग सुनो
देशभक्ति का राग सुनो
Sandeep Pande
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
इस सियासत का ज्ञान कैसा है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दिल धड़क उठा
दिल धड़क उठा
Surinder blackpen
आइसक्रीम के बहाने
आइसक्रीम के बहाने
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नई नसल की फसल
नई नसल की फसल
विजय कुमार अग्रवाल
ଧରା ଜଳେ ନିଦାଘରେ
ଧରା ଜଳେ ନିଦାଘରେ
Bidyadhar Mantry
हुनर मौहब्बत के जिंदगी को सीखा गया कोई।
हुनर मौहब्बत के जिंदगी को सीखा गया कोई।
Phool gufran
अपने आलोचकों को कभी भी नजरंदाज नहीं करें। वही तो है जो आपकी
अपने आलोचकों को कभी भी नजरंदाज नहीं करें। वही तो है जो आपकी
Paras Nath Jha
टीस
टीस
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐसे न देख पगली प्यार हो जायेगा ..
ऐसे न देख पगली प्यार हो जायेगा ..
Yash mehra
शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ्य
शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ्य
Dr.Rashmi Mishra
ख़ूबसूरत लम्हें
ख़ूबसूरत लम्हें
Davina Amar Thakral
ईश्वर
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
संवेदना
संवेदना
नेताम आर सी
बोझ लफ़्ज़ों के दिल पे होते हैं
बोझ लफ़्ज़ों के दिल पे होते हैं
Dr fauzia Naseem shad
बदल गए तुम
बदल गए तुम
Kumar Anu Ojha
भीख
भीख
Mukesh Kumar Sonkar
बदल लिया ऐसे में, अपना विचार मैंने
बदल लिया ऐसे में, अपना विचार मैंने
gurudeenverma198
सेवा कार्य
सेवा कार्य
Mukesh Kumar Rishi Verma
A heart-broken Soul.
A heart-broken Soul.
Manisha Manjari
की है निगाहे - नाज़ ने दिल पे हया की चोट
की है निगाहे - नाज़ ने दिल पे हया की चोट
Sarfaraz Ahmed Aasee
#अभी_अभी
#अभी_अभी
*प्रणय प्रभात*
गुलाम
गुलाम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
बगुले ही बगुले बैठे हैं, भैया हंसों के वेश में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मईया कि महिमा
मईया कि महिमा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तुम्हें संसार में लाने के लिए एक नारी को,
तुम्हें संसार में लाने के लिए एक नारी को,
शेखर सिंह
कब बोला था / मुसाफ़िर बैठा
कब बोला था / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Loading...