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30 Sep 2021 · 1 min read

मुक्तक

ज़िंदा हैं जब तलक इज्जत बनी रहे,
बेघर न हों कोई सर पे छत बनी रहे,
शोहरत की चाह में बस ध्यान ये रखें
पुरखों की कमाई हुई दौलत बनी रहे,,

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 345 Views
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