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26 Sep 2021 · 1 min read

मुक्तक

कई दिल के एहसासों को तहज़ीब कुचल देती है,
कुछ ख्वाहिशें ज़ेहन में ही तक़दीर कुचल देती है,
लफ्ज़ हमदर्दियों के शोलों से हैं ऐसे चलन में भी
उनकी रिवायतें खुशियों की तदबीर कुचल देती है,,

Language: Hindi
1 Like · 219 Views
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