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31 Mar 2024 · 1 min read

“धीरे-धीरे”

“धीरे-धीरे”
धीरे-धीरे ही
मरता है आदमी।
धीरे-धीरे ही
दिल से ख्वाहिशें
आँखों से सपने
सपनों से रंग
रंगों से दुनिया
खत्म होती जाती है,
फिर मौत आ जाती है।

2 Likes · 1 Comment · 39 Views
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