Johnny Ahmed 'क़ैस' 212 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Johnny Ahmed 'क़ैस' 1 Apr 2021 · 1 min read ग़रीब सूरज ख़रीदा जा सकता तो पैसेवाले ख़रीद लेते और अपने ही आकाश में उसे चमकने को कहते एक हिदायत के साथ कि फ़क़त अमीरों के आंगन में ही रोशनी करना... Hindi · कविता 2 290 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Mar 2021 · 1 min read ज़िंदगी ज़िंदगी तेरे बे-अंत सवालात और ये जद्दोजहद दिल में आता है कि मौत को अपना पता दे दूँ Johnny Ahmed "क़ैस" Hindi · शेर 2 420 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 17 Mar 2021 · 1 min read कौन करेगा पुरानी बीमारियों की नई दवा कौन करेगा गर माँ ना हो तो बोलो दुआ कौन करेगा बच्चे तो हर एक मर्तबा ज़िद करते रहेंगे वालिद ना अगर हो तो मना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 394 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 9 Mar 2021 · 1 min read पी डूब के पी के नैनन में लगे है सागर छिछला बन गयो जोगी मन मोरा मैं भूलो अगला-पिछला -Johnny Ahmed "क़ैस" Hindi · शेर 1 693 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 29 Dec 2020 · 1 min read हुक्मनामा हुक्मनामे पर आया है हुक्म मुस्कुराने का कोई पूछे हाल तो सब है भला बताने का। हुक्म है बच्चों को नया इतिहास पढ़ाने का हुक्म है हुक़ूमत के सामने सर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 330 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 15 Dec 2020 · 1 min read मुकदमा जालसाज़ी का मुकदमा थोपना है ज़िन्दगी पे मुझे यकीन है गवाहों की क़िल्लत नही होगी। -Johnny Ahmed 'क़ैस' Hindi · शेर 2 465 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 6 Dec 2020 · 1 min read वो झोंका वो झोंका हवा का झट से आया मुझसे मिलने को और बेहद धीरे से मेरे कानों में फुसफुसाकर सुना दी जाड़े में जमी हुई रूहों की और भुलाये हुए दिलों... Hindi · कविता 2 2 553 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 27 Oct 2020 · 1 min read धंधेवाली एक होटल का कमरा दो ख़रीदार और एक नंगा जिस्म जैसे लाश को गिद्ध नोचते हैं ख़रीदार उस जिस्म को नोचते हैं। होटल का वही कमरा एक बेजान सा थका... Hindi · कविता 3 1 641 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Oct 2020 · 1 min read प्रेम जब से बीता प्रेम का फागुन बन गया देख फ़क़ीरा रह गई ऊँगली में वो अँगूठी खो गया उसका हीरा। प्रेम प्रेम सब कोई कहै पर प्रेम ना चिन्है कोई... Hindi · मुक्तक 3 338 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 17 Oct 2020 · 1 min read पत्रकार खुदकों ज़िन्दा मानने वाली कुछ लाशें ज़िंदा लोगों के शहर में हर रात बाहर निकलती है ये झूठ का ज़हर उगलती हैं। ये लाशें उँगलियाँ बहुत उठाती है चिल्लाती है... Hindi · कविता 4 4 351 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 27 Sep 2020 · 1 min read कभी वो दुआ तो कभी दवा दे गया कभी वो दुआ तो कभी दवा दे गया घुटन की हालत में मुझे हवा दे गया। दुश्मनों की भीड़ ने जब भी घेरा मुझे हिफ़ाज़त का एक नया रास्तां दे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 478 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Sep 2020 · 1 min read ख़ुशी भी ढूँढू तो ख़ुशी भी ढूँढू तो बस दर्द का सामान मिले मुझे जो लोग मिले मुझसे परेशान मिले मैं अपने शहर का मुआइना जब करने लगा मुझे तो हर जगह सोते हुए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 552 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 19 Sep 2020 · 1 min read नया वादा नया वादा आख़िर कैसे नए वादों पर ए'तिबार किया जाए पुरानी साज़िशों को कैसे दरकिनार किया जाए। क़ातिल क़त्ल की ताक़ में ज़मानों से सोया नहीं आख़िर सोए हुओं को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 455 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 11 Sep 2020 · 1 min read यूँ तो हज़ारों ख़याल थे यूँ तो हज़ारों ख़याल थे तुमको लेकर ग़म तो बस ये रह गया कि ख़याल ही बनकर दफ़्न रहे वो दिल में कहीं। हज़ारों सवाल थे पूछने तुमसे बस हिम्मत... Hindi · कविता 5 4 545 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 1 Sep 2020 · 1 min read साफ़ साफ़ लिखा था सफ़्हे के हर सफ़ में साफ़ साफ़ लिखा था वो ना-तमाम किस्सा साफ़ साफ़ लिखा था। भले उल्फ़त में हमें बदनामी के दाग धब्बे मिले हमने नाम तुम्हारा पाक साफ़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 1 427 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Aug 2020 · 1 min read ये कुत्ते हमारी कहानी हैं कहते ये आवारा बीमार राहों के कुत्ते आपस में लड़ते झगड़ते ये कुत्ते एक हड्डी की ख़ातिर हो पागल ये कुत्ते कहीं भी उठाले जो एक टांग कुत्ते ये कुत्ते हमारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 479 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Aug 2020 · 1 min read वो ग़ज़ल सबके सामने कभी गाता नहीं हूँ वो ग़ज़ल सबके सामने कभी गाता नहीं हूँ जो सुनाई थी तुम्हें सबको सुनाता नहीं हूँ। दरिया के ठीक किनारे पे बना है मेरा घर मगर मैं तेरे ख़त उसमें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 8 383 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 3 Aug 2020 · 1 min read भूल जाता हूँ फ़िक्र-ए-फ़र्दा में लुत्फ़-ए-आज भूल जाता हूँ ख़स्ता-हाली में अपना मिज़ाज भूल जाता हूँ। यूँ तो तबीब मुझसे बेहतर कोई नहीं ज़माने में बस एक अपनी अना का इलाज भूल जाता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 10 340 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 28 Jul 2020 · 1 min read मृत्यु विचार सारे स्तब्ध और शब्द सारे मूक हैं चला है वाण काल का वो वाण जो अचूक है। समीप देखो मृत्यु के ताण्डव की छाया है जो बच गई वो... Hindi · मुक्तक 9 8 427 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 19 Jul 2020 · 1 min read चलते-चलते आख़िर चलते-चलते आख़िर ठहर जाना पड़ता है बहुत जी लेने के बाद मर जाना पड़ता है। जो बिला वजह भटक रहे हैं कह दो उनसे रात होने से पहले हमें घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 7 6 285 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 17 Jun 2020 · 1 min read कितना आसान है कितना आसान है दुनिया में दिखावा करना किसी की ख़ुदकुशी पे कोई भी दावा करना। जब तलक़ ज़िन्दा थे न था कोई रिश्ता उनसे सबको यहाँ आता हैं मातम पे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 417 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 13 Jun 2020 · 1 min read उससे चाहत की चाह रखी तो उससे चाहत की चाह रखी तो आह मिली हमें दोबारा फिर इश्क़ न करना ये सलाह मिली हमें। हमने ख़ुशी की चौखट पर रात भर अश्क़ बहाए सुबह हुई तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 558 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 11 May 2020 · 1 min read पास से वो गुज़र गए पास से वो गुज़र गए देखकर हम बिखर गए हम रोते रह गए राह में वो हँसते हँसते घर गए। इस बात से गमगीन हुए छोड़कर वो किधर गए। हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 260 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 11 May 2020 · 1 min read बेहद अज़ीब उसका हर ख़याल था बे-हद अजीब उसका हर ख़याल था उसके हर जवाब में एक सवाल था। बड़ी देर तक वो साँस रोक लेता था घुटन से उसका मर जाना कमाल था। सूरज के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 271 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 10 May 2020 · 6 min read शायद लिटरेचर के स्टूडेंट्स ऐसे ही होते हैं शायद शर्ट का रँग असल में उतना अच्छा नहीं था जितना की कबीर ने सोचा था। मगर जैसे बड़ी ख़बरों के वजन तले छोटी ख़बरें दब जाती हैं, ठीक उसी... Hindi · लघु कथा 6 2 496 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 4 May 2020 · 1 min read प्रेम कहानी न छल कपट न ज़ोर झपट न विवशता की परेशानी कुछ ऐसा प्रेम करे हम कुछ ऐसी लिखे कहानी Hindi · मुक्तक 5 2 223 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 3 May 2020 · 1 min read शराबी जब पहला घूँट शराब का साथियों संग गटका जब पहली बार घर लौटने का रास्ता मैं भटका नशे का पहला बादल जब मेरे सर पे मंडराया और कड़वे से उस... Hindi · कविता 5 3 596 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 30 Apr 2020 · 1 min read फ़रवरी हज़ारों दिल अगर न ख़्वाह-मख़ाह तोड़े होते तेरे भी माह में ऐ फ़रवरी दिन तीस ही होते -जॉनी अहमद 'क़ैस' Hindi · मुक्तक 3 2 692 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 27 Apr 2020 · 1 min read बेजुबाँ बेज़ुबाँ अल्फ़ाज़ों की आवाज़ हूँ मैं उल्फ़त में हारा सुख़न-साज़ हूँ। तुमसे रूठने को अब वक़्त कहाँ मैं ख़ुद ही से बे-इंतहा नाराज़ हूँ। Hindi · मुक्तक 5 4 243 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 27 Apr 2020 · 1 min read रुबाई बे-हद गुस्सा हूँ तुमसे और नाराज़ हूँ मगर छोड़ो, ये एक अलग बात है है तुमसे मोहब्बत सिर्फ एक तुम्हीं से फ़क़त एक यहीं तो सही बात है। Hindi · मुक्तक 5 642 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 26 Apr 2020 · 1 min read चंद अशआर ऐ ज़िन्दगी तू किसी ख़राब सड़क की जुड़वाँ तो नहीं ज़रा ज़रा सी देर में गड्ढों की आज़माइश मिलती है ….. ऐ पतंग तेरा भी कोई जवाब नहीं एक डोर... Hindi · मुक्तक 5 4 337 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read पतझड़ भरी दोपहर में मुझ पर अँधेरा छा गया जैसे मौसम-ए-बहार में ही पतझड़ आ गया जैसे। ज़िन्दग़ी की शाख़ पर दो पत्ते थे बाकी एक बे-रहम झोंका शाख़ हिला गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 4 492 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read ऐसा क्या हुआ ऐसा क्या हुआ कि आख़िर दुनिया इतनी बदल गई अच्छाईयाँ हारी बुरी तरह बुराईयाँ आगे निकल गई। झूठ के फ़लक़-बोस इमारतों में हर कोई रहने लगा देखो मकाँ-ए-सच को वक़्त... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 409 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read ज़िन्दगी एहतियात से हमने गुज़ारी है ज़िन्दगी जैसे हम पर किसी की उधारी है ज़िन्दगी। बारहा क़िस्मत ने ऐसे सवाल हम पर दागे खिलती धुप में जैसे बर्फ़-बारी है ज़िन्दगी। कैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 403 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read उड़ने दो उड़ने दो मुझको माँ उड़ने दो आसमाँ से ऊँची मेरी लंबी उड़ाने, पंखों पे मेरे वजन ना रखो भरने दो मुझको लंबी उड़ाने। जब मुझकों माँ डर लग जाए चिंता... Hindi · कविता · बाल कविता 3 2 449 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read सनोबर के तले सनोबर के तले बैठा मुसाफ़िर सोचता रहता था सफ़र की दूरी कम न हो दुआएँ माँगता रहता था। रतजगी उसकी आँखों की नींदे नींद माँगती थी दिन को भी लेकिन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 233 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read वो लोग कहाँ खो गए मकानों का ऐसा जंगल बना लोग अपनों से बिछड़ गए वो लोग नजाने कहाँ खो गए जो जुगनुओं की रौशनी ढूँढा करते थे जो तितलियों के पंखों में रंग भरते... Hindi · कविता 2 2 357 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read यह बात कह गया था वो महान शहीद अमर यह बात कह गया था वो महान शहीद अमर है देश की स्वच्छता स्वाधीनता से भी बढ़कर। गंगा जी की डुबकियाँ किसे स्वर्ग ले जाती हैं स्वच्छता ही धरती को... Hindi · कविता 2 2 222 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 25 Apr 2020 · 1 min read उसके चले जाने से उसके चले जाने से कुछ ज़्यादा फ़र्क़ तो नहीं पड़ा ना मेरी रातों की तन्हाईयाँ बदली ना दिन का भीड़भाड़ बदला साँस भी उतनी ही लिया करता हूँ अब भी... Hindi · कविता 2 2 427 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 24 Apr 2020 · 1 min read तुम मेरे ख़्वाबों में न और अब से आया करो तुम मेरे ख़्वाबों में न और अब से आया करो अपनी रातों को अपने महल में बिताया करो। मेरे कमरे की छत से आसमान दिखता है मेरे बदहाल घर में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 296 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 24 Apr 2020 · 1 min read हम न कह पाए बात इतनी सी थी पर बात हम न कह पाए उससे मिलने को मुलाक़ात हम न कह पाए। खुदकों इतना था भिगोया अश्क़ों से हमने तेज़ बारिश को भी बरसात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 594 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 24 Apr 2020 · 1 min read प्रिये क्षितिज के आगे चलने का यदि साहस है तो चलो प्रिये जीवन की तरह मेरा प्रेम कोई अस्थायी नहीं है खेल प्रिये। मन में तुम्हारें किसी त्रासदी का यदि भय... Hindi · कविता 5 6 433 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 24 Apr 2020 · 3 min read मेरे बचपन की कहानी मेरे बचपन के वक़्त तो मुर्गों की बांग नींद से जगाती थी कभी बाबा के तानें , तो कभी मम्मी का प्यार , बिस्तर छुड़वाती थी । सूरज के जगने... Hindi · कविता · बाल कविता 4 4 691 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 1 min read तू तिलिस्म गहरा रुख़ तेरा मह-पारा मैं लापता बंजारा तू तिलिस्म गहरा मैं अभिमन्यु बेचारा मोम से दो हाथ मेरे जिस्म तेरा अंगारा एक बार देख लूं तुझे ख़ुशी से मरूं आवारा देखता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 457 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 1 min read ये बता पाना मुमकिन नहीं होगा मुझे कितनी मुहब्बत है तुमसे ये बता पाना मुमकिन नहीं होगा क्यों है कैसे है कब से है ये सब भी बता पाना मुमकिन नहीं होगा। हाँ,मगर ये बता सकता... Hindi · कविता 2 2 206 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 1 min read इन्सान सरल सी बात को इतना कठिन तुम क्यों बनाते हो किसी मुफ़लिस को डाट में अंग्रेज़ी क्यों सुनाते हो। तुम्हारी है ज़मीं और ये आसमाँ भी तुम्हारा है हमें मालूम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 484 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 1 min read जनमानस की भाषा हिन्दी जनमानस की भाषा हिन्दी मित्रता की परिभाषा हिन्दी अनेकता में एकता की मनमोहक अभिलाषा हिन्दी ।। गीत में हिन्दी गान में हिन्दी प्रगति के मैदान में हिन्दी अग्रसरता की गभस्ति... Hindi · कविता 2 2 634 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 2 min read मैं शक्तिशाली नारी हूँ समय की सीमा से परे जीवन गागर में भरे, अजेय अमर प्रशस्त हूँ स्वयं धरा समस्त हूँ। मैं सत्त्व का सार हूँ मैं सत्य का आधार हूँ, अडिग अनंत अचल... Hindi · कविता 3 490 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 1 min read हिन्दी - माँ भारती का अभिमान है सहज-सरल पर बड़ी अनोखी हिन्दी ऐसी भाषा है जनगण की प्रत्याशा है यह, भारतवर्ष की आशा है। कभी 'निराला' के शब्दों में कभी 'धूमिल' की क्रांति में लहर उठती हैं... Hindi · कविता 2 558 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 23 Apr 2020 · 1 min read वो घुंघराले बालों वाली लड़की वो घुंघराले बालों वाली लड़की जिसकी आँखें हल्की सी कत्थई थी, वो अल्हड़ सी लड़की जिसके लबों का रंग गुलाबी था, जो देर रात तक आसमाँ के तारे गिनती रहती... Hindi · कविता 2 416 Share Previous Page 4 Next