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22 Oct 2020 · 1 min read

प्रेम

जब से बीता प्रेम का फागुन बन गया देख फ़क़ीरा
रह गई ऊँगली में वो अँगूठी खो गया उसका हीरा।
प्रेम प्रेम सब कोई कहै पर प्रेम ना चिन्है कोई
लाख टके की और पते की कह गए बात कबीरा।

Johnny Ahmed ‘क़ैस’

Language: Hindi
3 Likes · 305 Views
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