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Comments (6)

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18 Oct 2021 02:32 PM

Great job Sir.?

18 Oct 2021 04:00 PM

Thank you Sir

18 Oct 2021 10:18 AM

बेहतरीन..sir

क्षितिज से आगे चलने का साहस,
इस अस्थायी जीवन जीने का साहस,
आप साथ हो, पग – पग हाथ हो
तो ये ‘प्रिये’ क्यूँ घबराए,,
सह तो लूँ इस ज़माने भर की दुश्वारियों को
जो आपका साथ हो तो ता-उम्र बात हो..

18 Oct 2021 10:22 AM

बेहतरीन महोदय।

जिस्म़ का बोझ उठाए नहीं उठता तुमसे ज़िंदगानी का कड़ा बोल सहोगी कैसे ?
तुम जो हल्की सी हवाओं में लचक जाती हो ज़िंदगानी के तेज़ थपेड़ों में रहोगी कैसे ?

श़ुक्रिया !

24 Apr 2020 09:58 AM

वाह

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