Johnny Ahmed 'क़ैस' 212 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Apr 2020 · 1 min read चल रहा एक दंगा है लड़ मरेंगे आपस में सब, चल रहा एक दंगा है, बहेगा खूूून पानी की तरह , चल रहा एक दंगा है। न दोस्त यार, न आस पड़ोसी, किसीसे मोह रखना... Hindi · कविता 3 1 410 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Apr 2020 · 1 min read एक सूखा सहरा है अब वहाँ एक सूखा सहरा है अब वहाँ एक घना दश्त था कभी जहाँ। क्यों हो गया बंजर ये शहर और खो गई हर छत-ए-मकाँ। अब छोड़कर ये मुर्दार ज़मीं हम जाए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 246 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Apr 2020 · 1 min read कमज़ोरियाँ भरी दोपहर में मुझ पर अँधेरा छा गया जैसे मौसम-ए-बहार में ही पतझड़ आ गया जैसे। ज़िन्दग़ी की शाख़ पर दो पत्ते थे बाकी एक बे-रहम झोंका शाख़ हिला गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 368 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Apr 2020 · 1 min read कोरोना (COVID-19) बड़ा मुश्किल है मगर वक़्त ये कट जाएगा ये डर का बादल भी जल्दी ही छट जाएगा। इस बीमारी से बचने के तरीके जानने होंगे जो भी नियम है सफ़ाई... Hindi · कविता 2 225 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 22 Apr 2020 · 1 min read हो जाए बदनाम चलो ऐसा काम करते हैं हो जाए बदनाम चलो ऐसा काम करते है उसूलों को बेचकर खुदकों नीलाम करते है। ख़बर झूठी हो मगर सबको बड़ी सच्ची लगे चलो अफ़वाह फ़ैलाने का इंतिज़ाम करते है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 505 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read याद नहीं आता शायद उनको अब अपना ठिकाना याद नहीं आता वो तमाम पँछी जिन्हें चहचहाना याद नहीं आता। किससे उम्मीद-ए-वफ़ा तूने लगा रखी है मेरे दोस्त जिसे महफ़िल में भी छाती छुपाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 296 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read मैं हक़ीक़त में था उसके मैं हक़ीक़त में था उसके या था उसके ख़्वाब में आग़ाज़ से ही कमज़ोर था मैं दिल के हिसाब में। यूँ तो हर बात में उसकी कोई एक बात होती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 221 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read मीरा के मन बसे कन्हैया मीरा के मन बसे कन्हैया बसे गोपाल के मन राधे, प्रेम अनूठा रोग है जिसमें पी बिन लागे सब आधे। कोई सुँदर तन देखे कोई धन के पीछे दौड़ लगाए,... Hindi · कविता 2 309 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read हम न कह पाए हम न कह पाए बात इतनी सी थी पर बात हम न कह पाए उससे मिलने को मुलाक़ात हम न कह पाए। खुदकों इतना था भिगोया अश्क़ों से हमने तेज़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 225 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read उजाले की हिमायत में बरसों से उजाले की हिमायत में खड़े हैं मेरे सारे बुज़ुर्ग मेरी हिदायत में खड़े हैं। मैं जब तलक़ चुप था सब को सुकूँ था ज़ुबान खोली सब शिकायत में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 431 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read आज भी आज भी बट्वे में तेरी एक तस्वीर है तू नहीं सचमें मेरे संग ये मेरी ताज़ीर है राह-ए-उन्स की हर सम्त पहचानता था हिज़्र का असर देखो हम खोए रहगीर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 403 Share Johnny Ahmed 'क़ैस' 21 Apr 2020 · 1 min read पास से वो गुज़र गए पास से वो गुज़र गए देखकर हम बिखर गए हम रोते रह गए राह में वो हँसते हँसते घर गए। इस बात से गमगीन हुए छोड़कर वो किधर गए हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 436 Share Previous Page 5