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27 Apr 2020 · 1 min read

बेजुबाँ

बेज़ुबाँ अल्फ़ाज़ों की आवाज़ हूँ
मैं उल्फ़त में हारा सुख़न-साज़ हूँ।
तुमसे रूठने को अब वक़्त कहाँ
मैं ख़ुद ही से बे-इंतहा नाराज़ हूँ।

Language: Hindi
5 Likes · 4 Comments · 214 Views
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