Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 200 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 13 Mar 2017 · 1 min read अनुपम प्रहलाद-प्रीति गह दिल सचमुच आनंदी मीर बना जब सात रंग मिल एक हुए, जल गई फाँस, मन धीर बना | उड़ता गुलाल भी थिरक-थिरक ऋतुनाथ-नेह गह हीर बना| रोमांच, रोंगटे खड़े हुए ,तन सुहृद-रंगमय चमन हुआ |... Hindi · मुक्तक 660 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 13 Mar 2017 · 1 min read जित मन चाहे बैठो, दिल अब नाव हो गया (मुक्त छंद) कपड़े की सिकुड़न बनी, भूषाचार-सु लोक | नहीं पता यह लड़कियाँ या लड़कों की भौंक|| या लड़कों की भौंक, मात्र पतलून हिल रही | नृत्यमयी भोली सूरत की... Hindi · कविता 1 1 553 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 12 Mar 2017 · 1 min read घुटने टेके नर, कुत्ती से हीन दिख रहा (मुक्त छंद) चर्म रोग में चाटता, कुत्ता अपनी खाल। मानव निज तन कर रहा, खुजा खुजा कर लाल।। खुजा खुजा कर लाल, हारकर वैद्य बुलाता। कुक्कुर बिना दवा के चंगा,... Hindi · कविता 957 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 11 Mar 2017 · 1 min read दिल से दिल को जोड़, प्रीति रंग गाती होली होली की हुड़दंग में, भूल न जाना प्रेम । विनती निज कर जोड़कर, करती कलम सप्रेम।। करती कलम सप्रेम, होलिका बुआ न बनना। अमर रंग प्रहलाद ,नेह को उर से... Hindi · कुण्डलिया 812 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 11 Mar 2017 · 1 min read बाल चुभे तो पत्नी बरसेगी बन गोला/आकर्षण से मार कांच का दिल है भामा ( मुक्त छंद) नायक" दाढ़ी मुडा कर, मूँछ घोटना आप। निश्चय ही बड़ जाएगी, इज्जत रूपी माप।। इज्जत रूपी माप बढ़ायी श्रीराम ने। मूँछ कबहुँ न रखी,दिव्य शिव-हनूमान ने।। कह... Hindi · कविता 1 1k Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 10 Mar 2017 · 1 min read अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन मर न जगमय मौत,हँस गह अमऱता का ज्ञान कन। जूझ मत, यह जिंदगी, सचमुच सजग आनंद पन। मुसकराना सीखकर भय मुक्त बन, लेकिन कभी, अहं का अंकुर न फूटे ,... Hindi · नायक जी के मुक्तक 538 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 8 Mar 2017 · 1 min read अमन हिंद की महिलाएँ हैं ,प्रेममयी मुस्कान हैं अमन, हिंद की महिलाएँ हैं, प्रेममयी मुस्कान है| बेटी, माता, पत्नीरूपी सुंदर अमल वितान हैं | पावन मंदिर अपनापन का, तथा भाव आकाश बन नेह लुटातीं, सदा सुपावन जीवन का... Hindi · मुक्तक 993 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 7 Mar 2017 · 1 min read जब काल आया सामने, तब समझा,सब अज्ञान था| संसार में भटके बहुत,आनंदधन नाहीं मिला | आया बुढ़ापा, ढल चला, मजबूत काया का किला| रोते हो क्यों, पहले जगत् -मन ,ज्यादा शैतान था? जब काल आया सामने, तब समझा,... Hindi · शेर 501 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 5 Mar 2017 · 1 min read तुम-सम बड़ा फिर कौन जब, तुमको लगे जग खाक है? संत औ महंत वह है,चित् जिसका हर दम पाक है। अर्चन सु चोला, बुधि जगत् में, यही दुख का आँक है । निष्काम कर स्व कर्म को, सद् प्रेम बन... Hindi · नायक जी के मुक्तक 859 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 4 Mar 2017 · 1 min read सद् गंध हूँ चमन में, सद्प्रेममय पुरवाई गह, मिलकर बहूँ| सद् गंध हूँ, तज ईर्ष्या को प्रीतिमय हरदम रहूँ| क्यों जल रहे हो, नेह-महक फैलने दो,गुणी सह आनंद दिल बन, फूल-सदृश मुस्कराओ यह... Hindi · मुक्तक 686 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 3 Mar 2017 · 1 min read प्रेम जीवन धन गया बुढ़ापा अनुभव से सीखा, हँसा ज्ञानी बन गया | नहीं समझा, भ्रमित हो, माया में निश्चय सन गया | सीख लेते वही जन ,नायक बनें "नायक बृजेश"| जो न सँभले,दुख... Hindi · मुक्तक 548 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 2 Mar 2017 · 1 min read राष्ट्र अवनतिरूपमय भ्रम पकड, पंगा हो गया प्रेम-पथ पर चला उस का ज्ञान गंगा हो गया| बहा उल्टा जगत-तम का पूत चंगा हो गया| ज्ञानी बन, यदि शांत तुम, नितांत फूटे ढोल-सम| राष्ट्र अवनतिरूपमय भ्रम पकड, पंगा... Hindi · मुक्तक 652 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 1 Mar 2017 · 1 min read दिव्य प्रेम आकर्षणमय प्यार कभी न रुकता, अतिशय शिथिल- दीन है। सुविधाओं व संसर्गों से प्रकट नेह रोमांच हीन है। प्रभु के प्रति अनुराग में, जितने निकट ,लगाव उतना उच्च। "दिव्य प्रेम"... Hindi · मुक्तक 1 1 993 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 27 Feb 2017 · 1 min read ज्ञान नैनू पकड़, बन अमल दिव्य पथ प्रेम शुभ दिव्य सत् ,स्व विचारों को मथ| ज्ञान नैैनू पकड़, बन अमल दिव्य पथ | यामिनी के प्रहर- सम तुम्हारी पलक| प्रीति मन संग खेले, दे रतिमय झलक| किंतु... Hindi · गीत 451 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 26 Feb 2017 · 1 min read सहजता बोलेगी कि, सज्जन सु चेतन कूक हैं प्रेम उनके निकट पर वह तो तनी बंदूक हैं | इसलिए ही आज तक बजता हुआ संदूक हैं | नेक जन बनकर, स्वयं निज को, अहं से मुक्त कर| सहजता... Hindi · मुक्तक 596 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 26 Feb 2017 · 1 min read प्रीतिमय अंकुर न फूटा ,कहें कैसे प्रात है/ स्वयं को पहचान लो, तब दिव्यता अनुराग है भाव तज, वह ज्ञान कौआ बन गए,क्या बात है ? प्रीतिमय अंकुर न फूटा, कहें कैसे प्रात है| वहाँ रोता है सुजन भी, जहाँ भ्रम की आग है | स्वयं... Hindi · शेर 402 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 26 Feb 2017 · 1 min read हिंद का दिल रो रहा है, हँस रहे हम शूर बन/ हिंद कब तक ढोएगा दुख-बेबसी की गर्द को बालश्रम करते दिखे हैं, कई तन मजबूर बन| हिंद का दिल रो रहा है, हँस रहे हम शूर बन| नग्न-भूखी बाल काया ,कह रही है दर्द को| हिंद कब तक... Hindi · शेर 1 560 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 25 Feb 2017 · 1 min read गरीबों की झोपड़ी बेमोल अब भी बिक रही / निर्धनों की झोपड़ी में सुप्त हिंदुस्तान है गरीबों की झोपड़ी बेमोल अब भी बिक रही। कहूंँ कैसे हिंद चोटी गगनचुंबी दिख रही। देखकर दिल्ली न बोलो विश्व का हम मान हैं। निर्धनों की झोपड़ी में सुप्त हिंदुस्तान... Hindi · शेर 1 803 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 24 Feb 2017 · 1 min read मनुज, सद्गति बोध-प्रेमी भानु होगा चेत गह ,तब हिंद ऊँचा बन सकेगा| ज्ञान लौ पर ही, सुपोषक फल पकेगा| मिले पोषण, तभी तो तन-मन हमारा | सुबुधिमय उत्थान पाकर के हँसेगा | तब सयश सद्बुद्धि... Hindi · मुक्तक 702 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 23 Feb 2017 · 1 min read संवेदना घर सत्य, नायक वही जो नव चेतना भर | राष्ट्र को उत्थान दे, जन-वेदना हर| छिपा है आनंद, निज की आतमा में| मन स्वयं ही जाग बन,संवेदना-घर| बृजेश कुमार नायक "जागा... Hindi · मुक्तक 393 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 23 Feb 2017 · 1 min read विशारद मन प्रदूषण-जमघट हुए हैं सुकवि भी अब समूहों में बँट गए हैं| ज्ञान सूरज,जग धुआँ-सम भट हुए हैं | कौन सोए राष्ट्र को नव जागरण दे ? विशारद मन प्रदूषण-जमघट हुए हैं| बृजेश कुमार... Hindi · मुक्तक 401 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 22 Feb 2017 · 1 min read कवि वही / दिव्य सत् दे भाव को दिल में उतारे कवि वही,जो राष्ट्रहित हरदम पुकारे| ज्ञान ऊँँचाई को गह, न थके-हारे| स्वयं द्वारा ही,जो अपनी आत्मा को दिव्य सत् दे,भाव को दिल में उतारे | बृजेश कुमार नायक "जागा हिंदुस्तान... Hindi · मुक्तक 680 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 22 Feb 2017 · 1 min read आतमा की सबल लौ दिल में जगा लो/तभी तो सद्ज्ञान का सम्मान होगा सहजता के आवरण को अब सँभालो| अहंकारी मैल को धोकर निकालो | दिव्यता की कसौटी पर कसो निज को | आतमा की सबल लौ दिल में जगा लो| तभी तो... Hindi · मुक्तक 592 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 21 Feb 2017 · 1 min read जाग्रत सूरज सदृश अच्छाँईंया, उपहार में दीं डगर की अड़चनों ने मजबूतियाँ, उपकार में दींं | आत्मबल की वृद्धि की पुरबाईंयाँ, मृदु प्यार में दीं| जब लिखूँ , धक-धक करे दिल, निशारूपी कोह काँपे| जाग्रत सूरज -सदृश... Hindi · मुक्तक 1 1 451 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 21 Feb 2017 · 1 min read ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना जनम लेकर, खेल सह सद्भावना| युवावस्था प्यार की संभावना | बुढ़ापे में ज्ञान आया, तन झुका | ढल गया सूरज बिना प्रस्तावना | बृजेश कुमार नायक "जागा हिंदुस्तान चाहिए" एवं... Hindi · मुक्तक 377 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 21 Feb 2017 · 1 min read कवि सूर्य भी निस्तेज-सा यदि तुम सुकवि, बन बढो, हिंसा छटे सद् प्रेम छवि। लोग कहते, चेत गह, निज राष्ट्र का। प्राण धन सह सत्य का संदेश कवि। बृजेश कुमार नायक... Hindi · मुक्तक 520 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2017 · 1 min read कवि /मुस्कुराहट लिख दे, निद्रित प्राण पर कवि वही जो चलता सत् किरपान पर | प्रेम वन छा जाए द्वंदी बाण पर | जागरण दे राष्ट्र को 'नायक बृजेश '| मुस्कुराहट लिख दे, निद्रित प्राण पर |... Hindi · मुक्तक 2 1 520 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 20 Feb 2017 · 1 min read भाव तज बाजार है कौन कहता प्रीति- मग गुलजार है? हृदय अब भी चेतना बिन क्षार है| हिंद में शोषण -अशिक्षा की कसक दिख रही, जन , भाव तज बाजार है| बृजेश कुमार नायक... Hindi · मुक्तक 1 403 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 19 Feb 2017 · 1 min read सुख की पावन चूल रही (विधा-बाल गीतिका) नाना -नानी आनंद मगन, घररूपी बगिया फूल रही | सब हँसते -गाते प्रीत रंग के सुख की पावन चूल रही | आजाद हिंद की हर उमंग दिल धक-धक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 701 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 18 Feb 2017 · 1 min read राष्ट्र विकसित वह जहाँ जागी जवानी जोश को यदि होश की दें दिशा ज्ञानी | फैल जाए रोशनी, तम की कहानी खतम हो, अब तक न हमने टेक ठानी| राष्ट्र विकसित वह जहाँ जागी जवानी| बृजेश... Hindi · मुक्तक 388 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 18 Feb 2017 · 1 min read प्रेम ईश है ढाईआखर प्रीति का पढ़लो बन जाओ तुम पंडित ज्ञानी| बिना चाह के उतरेगी मन में उमंग बनकर शैतानी | व्यापक रूप मुहब्बत का, जो समझ गए तो प्रेम ईश हैं|... Hindi · मुक्तक 573 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 18 Feb 2017 · 1 min read वह फूल हूँ देश वीरों के चरण की शुभ-सुपावन धूल हूँ। मातृ-क्षित के अति सुहावन सुपथ हित की भूल हूँ। मुझे रौंदो,मैं मरूँ, जन्मूँ अनंतों बार भी। फिर मरूँँ, पद-घाव मरहम बन हँसू,... Hindi · नायक जी के मुक्तक 409 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 17 Feb 2017 · 1 min read जीवनी स्थूल है/सूखा फूल है जीवनी स्थूल है ़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़ ईश्वर पत्थर में पर पाते सदा वह फूल है। आचरण का बल तथा जित ज्ञान-प्रेमी तूल है। उसी दर पर लोग आएंगे सदा सद्बोधहित। चले जो... Hindi · नायक जी के मुक्तक 614 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 17 Feb 2017 · 1 min read हृदय वीणा हो गया जल उठे साथी हमारा चौड़ा सीना हो गया । ज्ञानगुरु-चौखट तथा श्रम का पसीना हो गया है। बोध की चाहत में जागृत भाव से आगे बढा। समय ने पुनि-पुनि सँवारा,... Hindi · मुक्तक 699 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 17 Feb 2017 · 1 min read ज्ञान-दीपक सूर्य डरता ना कभी भी बदलियों के राज से। कुछ समय तक छिपे पर वह पुनि उगेगा नाज से। मग के पत्थर रोक सकते न कभी आलोक-डग। ज्ञान-दीपक जगमगाते हर्ष... Hindi · मुक्तक 1 825 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 15 Feb 2017 · 1 min read दिल को सादर करो प्रीतिमय व्योम बन दिल को सादर करो| वह सहम जाएगा, ना अनादर करो | उर सुलह जीत औ नेह-आधार है | वह जवानी-सुआकर्ष की धार है | हिय नहीं तो... Hindi · गीत 824 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 14 Feb 2017 · 1 min read दुखता दिल कूड़ा जी औ बुधि-सागर में थोड़ा यौवन के आँचल में बढ रही व्याधियाँ-काम-दोष शोषण सद्आत्मा के घर में पौरुष बोलूँ या पागलपन आँगन में चीख सुनी मैंने छल-ईर्ष्या-दंभ दोपहर की... Hindi · कविता 940 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 14 Feb 2017 · 1 min read प्रकाश एवं तिमिर राष्ट्रहित के ज्ञान का आकाश बन| नेहरूपी प्रबलता की प्यास बन | लिखे,तेरी जीवनी इतिहास नव | जागरण गीतों को गा, प्रकाश बन | तिमिर में अनचेतना का भूप है... Hindi · मुक्तक 894 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 13 Feb 2017 · 1 min read ज्ञान /प्रेम बाँँटे ज्ञान "बृजेश" नित, बन अशोक जयमाल | कमियों पर चिंतन करे दिव्य पुरुष की चाल || आत्मा ही परब्रह्म है गूढ-सु ज्ञान बृजेश | करम-भोज खा देव बन या... Hindi · दोहा 499 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 13 Feb 2017 · 1 min read राष्ट्र की पीड़ा दुःख-दरद के संग में, दिखी भूख की पीर| कैसे बोले राष्ट्र का, पीड़ित नहीं शरीर|| देख हाल निज राष्ट्र का, रोता हृदय बृजेश| दीन हीन लाचार को, क्यों देते हो... Hindi · दोहा 585 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 12 Feb 2017 · 1 min read जीना सीखो अमन -चैनमय वीणा सीखो| नेह- शांतिरस पीना सीखो| ज्ञान-भाव का अनुपम संगम, पाकर,जीवन-जीना सीखो| उज्जवलता जीवन-प्रकाश है| फिर क्यों मनुआ अति उदास है| कर्म करो, पग एक बढाओ, बिना चाल... Hindi · कविता 1 1 733 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 11 Feb 2017 · 1 min read माँ मातु , उर की चेतना आनंद का आकाश है | शिशु-सुजीवन अति सुहावन बनाने का रास है| प्रीतिमय मूरत सुपावन और सुख-सद्भावमय भाव-जग की अमिट गरिमा,बाल-जीवन श्वास है | लड़कपन... Hindi · मुक्तक 650 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 11 Feb 2017 · 1 min read माँ मातु प्रियताभाष में सद्भाव का संगीत है | आत्मसत की निकटता से भरा स्वर औ गीत है | उर-सु धड़कन से बना शुभ पालना, सद्प्रेम का | मात तुझसे उच्च... Hindi · मुक्तक 687 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 11 Feb 2017 · 1 min read माँ/संसार स्वार्थी संसार , सब जन बुद्धि के कोहिनूर है | आत्मा की किसे चिंता, जग का मन भरपूर हैं | माँ, सघन जीवन-प्रदाता- प्यार का अनुपम सगुन| शेष सब ढोते... Hindi · मुक्तक 583 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 10 Feb 2017 · 1 min read माँ श्वास से श्वासा मिली,चुंबन मिला,आनंद था| मातृमय हर रूप में, शिशु-ध्यान परमानंद था | छिन गया शुभ मातु- साया,तभी से मैं दीन बन रोया-देखा माँ-हृदय में प्रेम-सु मकरंद था| इसी... Hindi · मुक्तक 1 1 524 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 10 Feb 2017 · 1 min read बेटियाँ सुताओं में माँतु-अॉचल, दिखे पति की पूर्णिमा| पिता की हर भावना का ख्याल, बनकर सूरमा| अहं को क्षर,बंध हर लें, प्रीतिमय आधार बन | लड़कियां जीवन-प्रदाता,भाव की गुरुपूर्णिमा| इसलिए बेटी... Hindi · मुक्तक 639 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 10 Feb 2017 · 1 min read बेटियाँ सुताएं,आवाज कोयल की, दिलों का राग हैं | आज पितु की सुबह, कल ससुराल प्रिय अनुराग हैं| लड़कियाँ जागीं जहाँ पर, हँसे, वह आँगन सदा | लगे ऐसा, बेटियाँ ,... Hindi · मुक्तक 607 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 9 Feb 2017 · 1 min read माँ माँ का जीवन, मातृ-वाणी , मातु की आवाज है | रोम पुलकित, मात की भाषा का उर पर राजहै| इस तरह से तेरा जाना , रक्त कुछ कम कर गया... Hindi · मुक्तक 943 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 9 Feb 2017 · 1 min read माँ स्वार्थ में डूबे हुुए सब,माँ ही बस निष्काम थी | माता तेरी नेेह-बोली,प्रात-सा शुभ घाम थी | मोह यदि थोड़ा, तो क्या, पोषण हमेशा प्यार का| मैंने पाया,आपकी हर श्वास... Hindi · मुक्तक 647 Share Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक 9 Feb 2017 · 1 min read माँ जब तलक माँ साथ थी, आनंद का आधार था| मातृ-शुभआवाज में अनुपम सु-पावन प्यार था| वह गई, कुछ खो गया, उर रो गया, यादें बचीं| लग रहा जननी-हृदय सद्प्रीति का... Hindi · मुक्तक 689 Share Previous Page 4