डाॅ. बिपिन पाण्डेय Language: Hindi 353 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next डाॅ. बिपिन पाण्डेय 31 May 2023 · 1 min read थाम सुदर्शन चक्र भृकुटि को करके थोड़ा वक्र, हाथ में थाम सुदर्शन चक्र। दमन हित आओ प्यारे श्याम, धरा पर लोग हुए उद्दाम।। देश में हो प्रयास निर्बाध, उठाए नहीं शीश अपराध। शीघ्र... Poetry Writing Challenge · गीत 93 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 30 May 2023 · 1 min read कुंडलिनी छंद निर्धन और बुजुर्ग का,करो नहीं अपमान। इनकी सेवा से सदा ,मिलता है वरदान। मिलता है वरदान,प्रफुल्लित होता है मन। सब ईश्वर संतान,धनी अनपढ़ या निर्धन।।1 जाना हमको एक दिन,तज मिथ्या... Hindi 2 1 330 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 May 2023 · 1 min read शिकागो में स्वामी जाकर किया शिकागो में जब,भगिनी भ्राता संबोधन। रहा गूँजता बहुत देर तक,सुनकर करतल ध्वनि गर्जन।। सिर पर पगड़ी तन पर भगवा,वस्त्र सुशोभित थे जिनके। आकर्षण का केंद्र बिंदु थे, स्वामी... Poetry Writing Challenge 78 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 May 2023 · 1 min read वेदांत का खजाना जिनकी प्रतिभा और विद्वता,पड़ी सभी पर भारी। उन्हें विवेकानंद नाम से, दुनिया सदा पुकारी।। रूप तेज लावण्य देख था,जग जिनका दीवाना, पूर्ण किया अध्यात्म ज्ञान को,दे वेदांत खजाना। देशभक्ति की... Poetry Writing Challenge · कविता 117 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 May 2023 · 1 min read पूज्य विवेकानंद प्रतिभा और बुद्धि का लोहा,मान रहा संसार। पूज्य विवेकानंद करें हम,नमन तुम्हें सौ बार।। जिनकी वाणी का हम सारे,पीते हैं मकरंद, उनको कहती है ये दुनिया,पूज्य विवेकानंद। हर भारतवासी करता... Poetry Writing Challenge · कविता 45 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 May 2023 · 1 min read करना है संघर्ष चाह यदि जीवन में उत्कर्ष। निरंतर करना है संघर्ष।। मिलेगी फिर निश्चय ही जीत, बनेगी सारी दुनिया मीत। राह में बाधक रहा विमर्ष, निरंतर करना है संघर्ष।। स्वयं को मत... Poetry Writing Challenge · कविता 58 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 May 2023 · 1 min read नारी का परिधान पुरानी बूढ़ी जिनकी सोच, स्वयं को कहते वे विद्वान। ज़रा भी उन्हें न आता रास, आज की नारी का परिधान।। कहीं तन अंबर हैं अति न्यून, करें कामुकता का संचार।... Poetry Writing Challenge · गीत 1 210 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 May 2023 · 1 min read आया नवल बसंत सखी री आया नवल बसंत। हुए हैं सुरभित सभी दिगंत।। सजीले दिखते हैं तरु गात। बढ़ाते शोभा उनकी पात। छटा यह रहे वर्ष पर्यंत। सखी री आया नवल बसंत।। भ्रमर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 285 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 28 May 2023 · 2 min read खोटा सिक्का रात के दो बजे डोरबेल बजी।सैनी जी हड़बड़ाहट में उठे।सोचने लगे इतनी रात गए कौन आया होगा? जो भी हो, देखना तो पड़ेगा। खिड़की से झाँक कर देखा तो पड़ोस... Hindi · लघु कथा 1 2 375 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 28 May 2023 · 4 min read पास बुलाता सन्नाटा यात्रा सदैव आनंददायक होती है क्योंकि यात्रा के दौरान और गंतव्य स्थान पर पहुँचने पर अनेकानेक व्यक्तियों स्थानों और वस्तुओं से परिचय होता है। यदि यात्रा शैक्षिक उद्देश्य से ही... Hindi · संस्मरण 1 2 197 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read करवट लेती यादें रोम रोम में पड़ी सलवटें, करवट लेती यादें। जब तक आग चिलम में बाकी, हुक्का पीना होगा। यादों का परजीवी बनकर, हमको जीना होगा। उर से लिपटी रोतीं रातें, कैसे... Poetry Writing Challenge · नवगीत 1 2 190 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read गाँवों की पगडंडी राजमार्ग से प्रश्न कर रही, गाँवों की पगडंडी। कब पहुँचेगा मेरे द्वारे, यह विकास पाखंडी। बूढ़े गाँवों में दिखता है, सुविधाओं का टोटा। बच्चे मार रहे तख्ती पर, अब तक... Poetry Writing Challenge · नवगीत 2 2 240 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read दिल में पीड़ा अँखुआई है दिल में पीड़ा, सन्नाटे को पढ़कर। ग्रहण लगाती है खुशियों को, गर्द गमों की चढ़कर।। जान बचाने के लोगों को, पड़े हुए हैं लाले। छोड़ सुरक्षा कवच अनोखा,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 158 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read लेकर हाथ तिरंगा लेकर हाथ तिरंगा। रैली,धरना,हड़तालों में होता है अब दंगा। नहीं बोलने की आज़ादी, लोग लगाते नारे। रोक सड़क की आवाजाही, बैठें पैर पसारे। लोकतंत्र की देखो खूबी, करे झूठ को... Poetry Writing Challenge · नवगीत 1 2 192 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read समय बड़ा अलबेला है ता - ता थैया खूब नचाए, समय बड़ा अलबेला है। कहीं जेब में बोझिल बटुआ, कहीं न कौड़ी - धेला है। कहीं दौड़ता चीते - सा वह कहीं हाथ पर... Poetry Writing Challenge · नवगीत 142 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read नर्म बिछौना मत समझो जीवन को प्यारे, कोमल नर्म बिछौना। उबड़-खाबड़ पगडंडी- सा चलता तिरछा -आड़ा, कभी जेठ की तपती गर्मी, कभी शीत का जाड़ा। मंदिर में घड़ियाल बजाता, करता काम घिनौना।... Poetry Writing Challenge · कविता 164 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read बहरे हैं चलने वाले साथ सभी जब अंधे, गूँगे, बहरे हैं, कैसे पूरे होंगे जो भी देखे स्वप्न सुनहरे हैं। बँधी हुई खूँटे से नावें खाती हैं तट पर हिचकोले, उत्ताल तरंगें... Poetry Writing Challenge · नवगीत 217 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read सहमा- सा माहौल पेशानी पर बल हैं सबके, सहमा-सा माहौल, तोड़ रही है दम मानवता, उड़ता रोज़ मखौल। बस बिधिना से आस लगाए बैठा एक गरीब। दो गज धरती मरने पर भी उसको... Poetry Writing Challenge · कविता 172 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read सच में शक्ति अकूत कैसे दें दुनिया को बोलो, पक्के ठोस सबूत, सच में शक्ति अकूत! चौखट पर जाने वाले को, धमकाता कानून? होकर बरी घूमते दोषी, होता सच का खून। लथपथ बेबस बना... Poetry Writing Challenge · कविता 115 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read करनी होगी जंग दहशत भरकर दुनिया में जो, करते हैं जीवन बेरंग। करनी होगी उनसे जंग। डाल गले में पट्टा घूमें, लगता जैसे धर्म अफीम। गर्हित सोच बवंडर लाती, घूमें बच्चे बने यतीम।... Poetry Writing Challenge · कविता 206 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 27 May 2023 · 1 min read परंपरा का घूँघट लिया समय ने करवट। जिसके हिस्से में रहती थी हर पग पर दुश्वारी, स्वप्नों के बटुवे में उसके आई दुनिया सारी। शिक्षा के झोंके ने उलटा परंपरा का घूँघट। रही... Poetry Writing Challenge · कविता 187 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 26 May 2023 · 1 min read सज्जनता के जेवर रास नहीं आते दुनिया को सज्जनता के जेवर। फिकरा कसती रहती राहें अपने कहते बुजदिल, खून जोंक-सा चूसा करती रोज अनोखी मुश्किल। धूर्त भेड़िए दिखलाते हैं अपने तीखे तेवर। पूज्य... Poetry Writing Challenge · नवगीत 70 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 26 May 2023 · 1 min read बदल गए हैं सब प्रतिमान बदल गए है सब प्रतिमान अस्ताचल में सच का सूरज हुआ झूठ का नवल विहान, त्याज्य हुआ पंचामृत पोषक मैला लगता गंगा नीर, तीर्थाटन है सैर-सपाटा घूम-घूम खींचें तस्वीर। नागफनी... Poetry Writing Challenge · नवगीत 71 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 26 May 2023 · 1 min read जो बिकता है! अखबार के रविवारीय परिशिष्ट में जब मैंने अपने मित्र की कहानी पढ़ी ,तो उन्हें बधाई देने के लिए और एक बात के स्पष्टीकरण के लिए फोन लगाया। "हैलो, राज निगम... Hindi · लघु कथा 228 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 25 May 2023 · 1 min read कुंडलिया छंद चलता रहता आदमी,हरदम ऐसी चाल। मानो उसने कर लिया,बस में अपने काल। बस में अपने काल ,नहीं कोई कर पाया। नहीं सर्वदा साथ,किसी का देती काया। भूल चिरंतन सत्य,स्वयं को... Hindi · कुण्डलिया 2 1 246 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 24 May 2023 · 2 min read अनजान लड़का मम्मी,"कई दिनों से पापा सुबह ही बाहर कहाँ चले जाते हैं? रात को भी बहुत देर से लौटते हैं?" अनुभूति ने अपनी माँ से पूछा। "जाएँगे कहाँ? एक बाप का... Hindi · लघु कथा 1 184 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 24 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल बह्र- ।ऽऽ, ।ऽऽ, ।ऽऽ, ।ऽऽ नए दौर का है नया ये फसाना। सभी चाहते हैं बदन को दिखाना।। चढ़ा है नशा रिंद को देखकर ही, शुरू हो गए हैं कदम... Hindi · ग़ज़ल 3 2 218 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 23 May 2023 · 2 min read हरिगीतिका छंद हरिगीतिका छंद - यह एक मात्रिक छंद है।इसमें 28 मात्राएँ होती हैं।16 और 12 पर यति का प्रयोग होता है। इसकी 5 वीं ,12 वीं,19 वीं, और 26 वीं मात्रा... Hindi · मुक्तक 1 290 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 22 May 2023 · 2 min read शृंगार छंद शृंगार छंद- यह एक लालित्यपूर्ण छंद है। इस छंद में भाव नदी की धारा के समान कल-कल निनादित होता हुआ प्रवाहित होता है। यह एक सोलह मात्रिक छंद है। इस... Hindi 2 1 386 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 15 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल उमड़ा दिल में प्यार,बता तो दे। छोड़ दिया घर द्वार,बता तो दे।।1 सुंदर है रँग- रूप ,सुहानी है, कैसा है व्यवहार ,बता तो दे।।2 पहन जीन टी- शर्ट,घूमती है, छोड़... Hindi · ग़ज़ल 119 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 5 May 2023 · 1 min read दोहे आर्तनाद जग का सुनो,हे प्रभु पालनहार। मेटो दुख संत्रास को ,सुखी रहे संसार।।1 होगी फिर मीठी सुबह, और सुहानी शाम। छोड़ उदासी को करो,दुख का काम तमाम।।2 होती है लंबी... Hindi · दोहा 233 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 4 May 2023 · 1 min read दोहा काल चुनौती दे रहा ,करो उसे स्वीकार। जीवन देता सीख ये,कभी न मानो हार।।1 उनको मिलती जीत है,जो करते प्रतिकार। कभी किनारे बैठकर ,नदी न होती पार।।2 भले हमारे पास... Hindi · दोहा 467 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 1 May 2023 · 1 min read दोहे ( मजदूर दिवस ) प्रेम भाव जिसमें नहीं,शामिल है दुत्कार । श्रम साधक मज़दूर से, करें न वह व्यवहार ।।1।। ---- सबकी अपनी योग्यता,सबके अपने काम । श्रम साधक मज़दूर पर, सहता कष्ट तमाम... Hindi · दोहा 1 1 542 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 Apr 2023 · 1 min read दोहे ( किसान के ) अपनी पीड़ा को कभी,कहता नहीं किसान। परहित में करता रहे, शंकर-सा विषपान।।1 लदा पीठ पर ही रहे, दुःखों का बेताल। करता रहे किसान से,ऊट पटांग सवाल।।2 कृषक करे श्रम-साधना,बिना थके... Hindi · दोहा 2 463 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 23 Apr 2023 · 1 min read कुंडलिनी छंद ( विश्व पुस्तक दिवस) कुंडलिनी छंद में चार चरण ( पाद) होते हैं। इस छंद का निर्माण कुंडलिया छंद की तरह ही किया जाता है। कुंडलिया छंद में पूरे रोला छंद का प्रयोग होता... Hindi 1 2 318 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 22 Apr 2023 · 2 min read दो दिन सायं 8 बजे जब आलोक ऑफिस से घर आया तो उसने अपने ससुर को ड्राइंग रूम में बैठा देखा। उसने उन्हें नमस्ते किया और अंदर चला गया। अंदर जाकर उसकी... Hindi · लघु कथा 1 163 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 22 Apr 2023 · 1 min read कवित्त छंद ( परशुराम जयंती ) ऋषि जमदग्नि और,माता रेणुका के पुत्र, पितृभक्त सिरमौर,भारत की शान हैं। बाल ब्रह्मचारी क्रोधी,विप्र कुल गौरव हैं, आशुतोष आराधक ,जग में महान हैं। काँधे सुशोभित चाप,कर में कुठार खर, सुभट... Hindi 1 1 560 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 20 Apr 2023 · 1 min read दोहे- लोग तजुर्बेकार जो ,करें यही ताकीद। हार मानकर वक्त से,मत छोड़ो उम्मीद।।1 प्यार जिन्हें करते रहे,लोग सदा भरपूर। धीरे - धीरे जा रहे ,वे दुनिया से दूर।।2 जाता है जब... Hindi · दोहा 1 227 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 17 Apr 2023 · 1 min read खुद्दारी ( लघुकथा) अंकल रुकिए, पीठ पर टोकरी लादे, धूप में जाते हुए व्यक्ति को आवाज देते हुए कौतुक ने कहा। आवाज़ सुनकर उस व्यक्ति ने पीछे मुड़कर देखा तो एक बीस-बाइस साल... Hindi · लघु कथा 2 289 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 17 Apr 2023 · 1 min read आत्मा की शांति वृद्धाश्रम पहुँचे रासबिहारी जी से गोविंद जी ने पूछा- " कैसे हैं भाई साहब? चिंता मत करिए, कुछ दिन बाद मन लगने लग जाएगा। यहाँ सभी लोग बहुत अच्छे हैं।... Hindi · लघु कथा 1 215 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 15 Apr 2023 · 2 min read दोहे- माँ है सकल जहान दोहे- माँ है सकल जहान रहकर माँ के गर्भ में ,आती तन में जान। माँ के सम्मुख तुच्छ है,मित्रो सकल जहान।।1 टाँगा मैंने कक्ष में ,जब से माँ का चित्र।... Hindi · दोहा 2 265 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 9 Apr 2023 · 1 min read नवगीत बदल गए है सब प्रतिमान अस्ताचल में सच का सूरज हुआ झूठ का नवल विहान, त्याज्य हुआ पंचामृत पोषक मैला लगता गंगा नीर, तीर्थाटन है सैर-सपाटा घूम-घूम खींचें तस्वीर। नागफनी... Hindi 2 381 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 8 Apr 2023 · 1 min read नवगीत रास नहीं आते दुनिया को सज्जनता के जेवर। फिकरा कसती रहती राहें अपने कहते बुजदिल, खून जोंक-सा चूसा करती रोज अनोखी मुश्किल। धूर्त भेड़िए दिखलाते हैं अपने तीखे तेवर। पूज्य... Hindi 1 271 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 7 Apr 2023 · 1 min read ग़ज़ल ये खबर हमने पढ़ी है आज के अखबार में। दे रहे नारा महज जो लोग हैं सरकार में।। बात पर उनकी फिदा जनता हमारे देश की, सत्य देखा ही नहीं... Hindi · ग़ज़ल 1 375 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 6 Apr 2023 · 1 min read लिया समय ने करवट लिया समय ने करवट। जिसके हिस्से में रहती थी हर पग पर दुश्वारी, स्वप्नों के बटुवे में उसके आई दुनिया सारी। शिक्षा के झोंके ने उलटा परंपरा का घूँघट। रही... Hindi · नवगीत 1 200 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 29 Mar 2023 · 1 min read कहमुकरी कहमुकरी- जब वह आए खूब सताए। अंग-अंग में दर्द जगाए। उसके आगे मैं सब हारी। क्या सखि साजन? नहिं बीमारी।।1 स्वाद,गंध,रस रास न आए। लेटा रहता मुँह लटकाए। साथ रहूँ... Hindi · कहमुकरी 3 2 191 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 20 Mar 2023 · 1 min read कहमुकरी देख मुझे वह नित हरषाए, मुझ पर अपनी जान लुटाए। वह मेरा पक्का दीवाना, क्या सखि साजन? नहिं परवाना।।1 मन को मेरे वे हैं भाते, काया का सौंदर्य बढ़ाते। बदले... Hindi 1 193 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 15 Mar 2023 · 1 min read ग़ज़ल सिर पर पल्लू डाले रखना। सदा हुस्न पर ताले रखना।।1 नज़र रूप को लग जाएगी घूंघट सदा निकाले रखना।।2 खूब लगाना फेयर लवली, ये रुखसार न काले रखना।।3 घर में... Hindi · ग़ज़ल 3 2 226 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 14 Mar 2023 · 1 min read दोहे दोहे-* जीवन में इच्छा यही,एक रही है खास। बन जाऊँ मैं बांसुरी,रहूँ कृष्ण के पास।।1 दुष्ट संग हो हानिप्रद,करो युक्तियाँ लाख। कर देती दावाग्नि है ,चंदन को भी राख।।2 वक्त... Hindi · दोहा 2 150 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 8 Mar 2023 · 1 min read रंगोत्सव की हार्दिक बधाई- रंगोत्सव की हार्दिक बधाई- आई होली प्रीति के,डालें सब पर रंग। बैरी भी अपने बनें ,छोड़ नज़रिया तंग। छोड़ नज़रिया तंग, प्रेम से गले लगाएँ। सबको दें सम्मान, करें मत... Hindi · Quote Writer 2 309 Share Previous Page 3 Next