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23 Apr 2023 · 1 min read

कुंडलिनी छंद ( विश्व पुस्तक दिवस)

कुंडलिनी छंद में चार चरण ( पाद) होते हैं। इस छंद का निर्माण कुंडलिया छंद की तरह ही किया जाता है। कुंडलिया छंद में पूरे रोला छंद का प्रयोग होता है परंतु कुंडलिनी छंद में आधा रोला अर्थात रोला छंद के दो चरण ही प्रयुक्त किए जाते हैं।दोहे का अंतिम चरण रोला के अंश का पहला चरण होता है। जिस शब्द से छंद का आरंभ होता है उसी से समापन भी अर्थात शेष विधान कुंडलिया छंद का ही होता है।

पढ़कर अच्छी पुस्तकें ,खूब बढ़ाओ ज्ञान।
यदि समाज से चाहते ,मिले सदा सम्मान।
मिले सदा सम्मान,गुणों को अपने गढ़कर।
बने श्रेष्ठ व्यक्तित्व ,किताबें अच्छी पढ़कर।।1

निर्मित करती पुस्तकें ,सुंदर शील चरित्र।
कठिनाई के दौर में ,होतीं अच्छी मित्र।
होतीं अच्छी मित्र ,पुस्तकें करके अर्जित।
वाचन करना नित्य,सोच नव होगी निर्मित।।2
डाॅ बिपिन पाण्डेय

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 287 Views
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