Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2023 · 1 min read

वेदांत का खजाना

जिनकी प्रतिभा और विद्वता,पड़ी सभी पर भारी।
उन्हें विवेकानंद नाम से, दुनिया सदा पुकारी।।

रूप तेज लावण्य देख था,जग जिनका दीवाना,
पूर्ण किया अध्यात्म ज्ञान को,दे वेदांत खजाना।
देशभक्ति की युवकों में थी,छिटकाई चिंगारी।
उन्हें विवेकानंद नाम से, दुनिया सदा पुकारी।।

जिससे मिले नरेंद्र उसी ने,उनको खूब सराहा,
जग में सिरमौर बने ये भारत,आजीवन यह चाहा।
केवल संत नहीं थे स्वामी , वे थे राष्ट्र पुजारी,
उन्हें विवेकानंद नाम से, दुनिया सदा पुकारी।।

जागो उठो लक्ष्य निज साधो, लोगों को सिखलाया।
आप्त वचन देकर दुनिया को,सत्पथ था दिखलाया।
युगानुकूल निज सोच बनाई, नव परिवर्तन कारी।
उन्हें विवेकानंद नाम से, दुनिया सदा पुकारी।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय

Language: Hindi
112 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं  गुल  बना  गुलशन  बना  गुलफाम   बना
मैं गुल बना गुलशन बना गुलफाम बना
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
शाम सुहानी
शाम सुहानी
लक्ष्मी सिंह
खुदीराम बोस की शहादत का अपमान
खुदीराम बोस की शहादत का अपमान
कवि रमेशराज
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
Mahendra Narayan
हे राम हृदय में आ जाओ
हे राम हृदय में आ जाओ
Saraswati Bajpai
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
शीर्षक : पायजामा (लघुकथा)
शीर्षक : पायजामा (लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
पीक चित्रकार
पीक चित्रकार
शांतिलाल सोनी
9--🌸छोड़ आये वे गलियां 🌸
9--🌸छोड़ आये वे गलियां 🌸
Mahima shukla
गम और खुशी।
गम और खुशी।
Taj Mohammad
*शत-शत नमन प्रोफेसर ओमराज*
*शत-शत नमन प्रोफेसर ओमराज*
Ravi Prakash
‌‌भक्ति में शक्ति
‌‌भक्ति में शक्ति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हमारी
हमारी "इंटेलीजेंसी"
*Author प्रणय प्रभात*
हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
Mahender Singh
सत्य तो सीधा है, सरल है
सत्य तो सीधा है, सरल है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
त्याग
त्याग
AMRESH KUMAR VERMA
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
..........लहजा........
..........लहजा........
Naushaba Suriya
केवट का भाग्य
केवट का भाग्य
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
शब्द गले में रहे अटकते, लब हिलते रहे।
शब्द गले में रहे अटकते, लब हिलते रहे।
विमला महरिया मौज
सब कुछ बदल गया,
सब कुछ बदल गया,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
कर दिया
कर दिया
Dr fauzia Naseem shad
मौन देह से सूक्ष्म का, जब होता निर्वाण ।
मौन देह से सूक्ष्म का, जब होता निर्वाण ।
sushil sarna
मेरी माँ......
मेरी माँ......
Awadhesh Kumar Singh
किसी ने अपनी पत्नी को पढ़ाया और पत्नी ने पढ़ लिखकर उसके साथ धो
किसी ने अपनी पत्नी को पढ़ाया और पत्नी ने पढ़ लिखकर उसके साथ धो
ruby kumari
"मोहब्बत में"
Dr. Kishan tandon kranti
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
"इस्तिफ़सार" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मात पिता
मात पिता
विजय कुमार अग्रवाल
Loading...