नवल किशोर सिंह Language: Hindi 172 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next नवल किशोर सिंह 23 Oct 2018 · 1 min read मुनिया की रंगोली मुनिया की रंगोली नन्हीं आँखों के सपने उत्सर्जित, अवशिष्ट हुए अपने नन्हीं उंगलियों की हँसी-ठिठोली ये मुनिया की रंगोली। प्रकृति-पोषित ये पर्णपत्र कुछ पुष्प-गुच्छ भी हुए एकत्र फूल-पत्तों की हमजोली... Hindi · कविता 4 336 Share नवल किशोर सिंह 20 Oct 2018 · 1 min read पालक पालक नदी के घाट पे एक भीड़ भरे हाट में साग बेचता एक बालक पूछा मैंने,”है पालक?” बोला वो बड़े विराग से शब्दों में कुछ गूढ़ राग से पालित हूँ,... Hindi · कविता 4 400 Share नवल किशोर सिंह 19 Oct 2018 · 1 min read संयम संयम-एक युद्ध स्वयम के विरुद्ध चंचल मन निर्बन्ध विचरण भावों पे पहरा नीति का ककहरा शमित वृतियाँ उसकी आकृतियाँ सूक्त मनस्थ इन्द्रिय तटस्थ संकल्प सम्बल अचल आत्मबल प्रवृत्ति विशुध्द संयम-एक... Hindi · कविता 3 316 Share नवल किशोर सिंह 17 Oct 2018 · 1 min read ईमान ईमान कहीं गीता,कहीं बाइबिल, कहीं कुरान बिका। कही मुफलिसी में, कही लोभ में इंसान बिका। चलते थे सरे राह बड़े आन-बान से बरफ़-सा पिघलकर आज वो गुमान बिका। बेबस मजलून... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 531 Share नवल किशोर सिंह 16 Oct 2018 · 1 min read मेरी बिटिया मेरी बिटिया चुहिया रानी। काम करे सदा मनमानी। पूरे घर में करती है राज। बिन डाँटे करती नहीं काज। खाना चुग-चुग कर खाती। कभी नहीं पर है अघाती। पढ़ने में... Hindi · कविता · बाल कविता 2 259 Share नवल किशोर सिंह 16 Oct 2018 · 1 min read हुश्न हुश्न आतिश है, निगाहें उनकी खंज़र है। उनकी एक अंगड़ाई कयामत सी बरपाई कितने दिल टूट गए आशिक़ सारे लूट गए हर तरफ मुर्दनी-सी, तबाहियों का मंजर है। वो तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 469 Share नवल किशोर सिंह 15 Oct 2018 · 1 min read जज़्बात कुछ रात थे जो सिर्फ निगाहों में गुजरे। कुछ जज्बात थे जो तेरी बाहों में गुजरे। आओ,फिर से उन रातों का हिसाब ढूंढ ले। उन जख़्मी हुए जज्बातों की किताब... Hindi · मुक्तक 1 388 Share नवल किशोर सिंह 15 Oct 2018 · 1 min read आस आलिंगन की आस में आहत हुए तेरी चाटों से। सच है,आखिर फूल भी तो छिदता है अपने ही काँटों से। ©नवल किशोर सिंह Hindi · मुक्तक 1 480 Share नवल किशोर सिंह 12 Oct 2018 · 1 min read दैत्य बलात्कार पर केंद्रित एक कविता दैत्य दृग दैत्य कलुष कृत्य वासना वीभत्स दुष्ट दुश्शासन विकृत मनसा लम्पट लालसा भूखे भेड़िये राह में बहेलिये भीत बेटियाँ खतरे की घंटियाँ हरपल भाँपती... Hindi · कविता 2 801 Share नवल किशोर सिंह 9 Oct 2018 · 1 min read मौलिक सृजन मौलिक सृजन लिखिए,नित नया कुछ लिखिए। आस-पास परिवेश से सीखिए। अपने अंदर,जगाइए सृजन शक्ति । मन के भावों की सफल अभिव्यक्ति। गूगल से चुराना,अनैतिक, अधर्म। सच्चे कलाकर्म का समझिए मर्म।... Hindi · कविता 2 596 Share नवल किशोर सिंह 9 Oct 2018 · 1 min read गरीब कौन? गरीब कौन? फकीरी है,फकत फाकाकशी है। निबाले के लाले,ऐसी बेबसी है। सेहत है,दिल अमीर,जिंदादिल है। चक्कलस दोस्तों की महफिल है। सम्बन्ध में है बन्ध,बड़े करीब है। तंगहाल है,पर मालामाल हदीब... Hindi · कविता 3 1 245 Share नवल किशोर सिंह 8 Oct 2018 · 2 min read ज़िन्दगी की किताब जिन्दगी की किताब जिन्दगी एक खुली किताब है अनगिन पन्नों को ऐसा लगता है जैसे गूँथ दिया गया हो एक साथ। कुछ कोरे पृष्ठ, कुछ रंगीन भी। खुशियों से भरी... Hindi · कविता 2 1 438 Share नवल किशोर सिंह 7 Oct 2018 · 1 min read लव स्नैग लव स्नैग (भरतीय वायुसेना में सेवाकाल के प्रारंभिक दिनों की एक कविता) जिगर जलता है मेरी जान बिजली के हीटर की तरह। और दिल धड़कता है फु्ल स्पीड कार के... Hindi · कविता 1 430 Share नवल किशोर सिंह 7 Oct 2018 · 1 min read चकोर तंग आवरित दामन मचलता यौवन-धन पुरजोर तपन,अतृप्त नयन ये कशिश और बेबस मन उच्छ्रंखल युग्म,असीम आकर्षण मन्त्रमुग्ध,मद,निरापद दर्शन झंकृत मन अति बिभोर चौधरी चित्त चंचल बने,चकोर चौधरी। -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 1 462 Share नवल किशोर सिंह 6 Oct 2018 · 1 min read नेता-एक किसान नेता-एक किसान मैं नेता हूँ मैं सबसे बड़ा किसान पाखण्ड की रेती वोटों की खेती धर्म की धरा वैमनस्य का उर्वरा नफरत का बीज लाशों से सींच फसल लहलहाती नोटों... Hindi · कविता 2 558 Share नवल किशोर सिंह 5 Oct 2018 · 1 min read भिखारन-रानी भिखारन-रानी (लार्ड टेनीसन की मूल अंग्रेजी कविता द बेगर मेड का पद्यबद्ध हिंदी अनुवाद) किंग कॉफेचुआ के कोर्ट में आई लड़की एक भिखारन। कपड़े की किल्लत कितनी कि तन से... Hindi · कविता 1 348 Share नवल किशोर सिंह 4 Oct 2018 · 1 min read कॉलेज के दिन बिंदास कॉलेज के दिन बिंदास (जब पहली बार कॉलेज गए तब की एक कविता) जी करता है नोच डालूँ इस कागज़ की मोटी पुड़िया को। फेंक डालूँ, कहीं दूर कहीं इस... Hindi · कविता 1 239 Share नवल किशोर सिंह 3 Oct 2018 · 1 min read पैसा पैसा प्रगति के लिए प्रतिभा चाहिए कुछ बदली सी नजर आती है मगर, मुझे आज यह परिभाषा। अपेक्षित नहीं, केवल प्रतिभा ही प्रगति-पथ पर पदस्थापन के लिए प्रत्युत, प्रतिभा से... Hindi · मुक्तक 2 264 Share नवल किशोर सिंह 3 Oct 2018 · 1 min read अभिनन्दन अभिनन्दन आदरता का पल्लव प्रेषित चरणों में नतमस्तक सह नवकिसलय। पाद-अर्घ्य समर्पित अक्षि के झरनों से दीप्तित,स्नेहस्मित सह ज्वलित हृदय। वन्दन-वादन के संगीत मन-वीणा के तारों से झँकृत। शब्द ही... Hindi · कविता 1 502 Share नवल किशोर सिंह 3 Oct 2018 · 1 min read वैशाली वैशाली गणतंत्र के जन्मभूमि की नगरी है वैशाली। लिच्छिवियों के पुण्यभूमि की डगरी है वैशाली। वैशाली-है इतिहास देश का,हिन्द देश की थाती। कभी यही विशालपुरी थी,वैशाली अब कहलाती। गंडकी-तट की... Hindi · मुक्तक 1 211 Share नवल किशोर सिंह 2 Oct 2018 · 1 min read दहेज 1.बाढ़-दुहिता भार हुई अस्मिता लाचार पिता। 2.बढ़ता दाम लालच बेलगाम नीति नाकाम। 3.नाजों से पली बाबुल की लाडली दहेज की बलि। -©नवल किशोर सिंह Hindi · हाइकु 2 2 299 Share नवल किशोर सिंह 2 Oct 2018 · 1 min read बापू बापू बापू तू अमर्त्य, दिव्यरूप तेरा भास्वर है। सच पूछो तो तू बापू,अहिंसा का स्वर है। ‘रघुपति राघव’-सम,यही क्या तेरा हृदय था। अशांति की आँधी पे गाँधी एक हिमालय था।... Hindi · कविता 1 275 Share नवल किशोर सिंह 1 Oct 2018 · 1 min read गाँधी गाँधी लाख मुसीबत आने पर भी,तू अपने पथ पर खड़ा रहा। हिंसा की शर से बिंध जाने पर भी,तू अहिंसा से भरा रहा। बाधाओं के पहाड़ से भी,तू दृढ़प्रतिज्ञ कड़ा... Hindi · कविता 1 256 Share नवल किशोर सिंह 29 Sep 2018 · 1 min read केमिस्ट्री और कविता केमिस्ट्री और कविता (कॉलेज के दिनों की एक कविता) मुझे तो केमिस्ट्री के किताब में भी कविता नज़र आती है। अमल,क्षार,लवण-साहित्य की पोथियों में पड़ी रसों की याद दिलाती है।... Hindi · कविता 2 2 2k Share नवल किशोर सिंह 28 Sep 2018 · 1 min read वो तस्वीर वो तस्वीर उस तस्वीर के अंतस में झाँक कर देखा जिन्दगी की कसौटी पर आँक कर देखा निर्निमेष पलकें अपलक निहारती आसमाँ को दूर-सुदूर क्षितिज के उस पार। कुछ ढूंढ... Hindi · कविता 1 576 Share नवल किशोर सिंह 27 Sep 2018 · 1 min read नीलम नीलम (मित्र श्री रामकुमार मण्डल व श्रीमती नीलम मण्डल को समर्पित) मृग सा न दौड़ तू ढूंढ मत कस्तूरी अनुपम। जो मिला पर्याप्त है आँक कभी न इसको कम। मोती-मूंगे... Hindi · कविता 1 557 Share नवल किशोर सिंह 26 Sep 2018 · 1 min read मैं नारी हूँ मैं नारी हूँ संतति का जीवन-श्रृंगार मैं अनघ,तोरण-वंदनवार सृष्टि की सृजन हार मैं नारी हूँ। मैं इड़ा हूँ, मैं श्रद्धा हूँ मैं गँगा, मैं वसुधा हूँ स्वहीन मैं स्वधा हूँ... Hindi · कविता 2 1 421 Share नवल किशोर सिंह 22 Sep 2018 · 1 min read सुनो मुरारी--हास्य कविता सुनो मुरारी अधेड़ उमिर, झुका शमशीर, पर मन में सरगम पुरबईया । चौराहे पर खड़े चौधरी, खबरों के बड़े खेवैया। कहते,मैडम के चक्कर मे मनसुख बने गवैया। आँख बंद और... Hindi · कविता 2 296 Share नवल किशोर सिंह 22 Sep 2018 · 1 min read आयुष मेरे आयुष मेरेे दिल के टुकड़े आयुष्मान भव। बन सुयोग्य,सदा आरोग्य, देदिव्यमान भव। पूरण हो सकल साध जीवन गति नित निर्बाध प्रगति पथ सदा प्रशस्त हो बाधा-विध्न स्वतः ध्वस्त हो मंगल... Hindi · कविता 1 272 Share नवल किशोर सिंह 20 Sep 2018 · 1 min read बेढ़ब जवानी (हास्य-कविता) बेढ़ब जवानी नाक बैठे,गाल पिचकेजैसे शुष्क आम कमरिया के नाम पर एक पतली कमानी है। तेज से विहीन काया, देखने में दीन चेहरे का रंग जैसे पोखरे का पानी है।... Hindi · कविता 1 671 Share नवल किशोर सिंह 18 Sep 2018 · 1 min read तबलची (हास्य-व्यंग्य) तबलची घर का खस्ताहाल स्थिति बड़ी संगीन है। घर के दौलत की देवी को डंस गई नागिन है। किसी के दिन में भी रंग रातें भी होती रंगीन है। हमारे... Hindi · कविता 1 523 Share नवल किशोर सिंह 17 Sep 2018 · 1 min read पागल कौन? पागल कौन? एक वो पगली घूमती सड़क पर पत्थरों से खेलती पत्थरों को झेलती विक्षिप्त मन उघड़ा तन-बदन चिंदी-चिंदी, चिथड़ा चीर, चीथड़ों की जंजीर उलझी फाँस सी जूड़े। हा!तन पे... Hindi · कविता 1 431 Share नवल किशोर सिंह 17 Sep 2018 · 1 min read अर्थव्यवस्था अर्थव्यवस्था न मैं लीडर हूँ, न प्लीडर हूँ और न एक्टर हूँ। अलबत्ता अपने आप में एक कैरेक्टर हूँ। फिर भी एक दफे इंटरव्यू के लिए बुलाया अख़बार नवीसों ने... Hindi · कविता 1 259 Share नवल किशोर सिंह 17 Sep 2018 · 1 min read अतृप्त अधर अतृप्त अधर टेसू के फूल लाल सुर्ख अंगार अतृप्त अधर प्रणय प्रखर मन आतुर अनंत पुलकित कंत स्नेहिल बौछार तुमुल द्वन्द्व नेह निस्पन्द छुअन मदभरी तन बल्लरी अमिय रस धार।... Hindi · कविता 1 517 Share नवल किशोर सिंह 16 Sep 2018 · 1 min read सन्ताप सन्ताप काली अँधेरी रात विलुप्त चाँद। गगन में काले बादलों का डेरा अम्बर के आनन को कालिमा ने घेरा। चमक रही बिजलियाँ ऊर्ध्वमुखी उँगलियाँ। नीरव-भंजक गड़गड़ाहट मन मे अकुलाहट। घरों... Hindi · कविता 1 360 Share नवल किशोर सिंह 16 Sep 2018 · 1 min read आँसू-हाइकु आँसू-हाइकु 1.ठहरी नदी प्रबल जलधारा टूटा किनारा। 2.आकुल मन बेताब धड़कन बहता नीर। 3.पिघली रात तरल हुई भोर ओस सा लोर। 4. धुंध अँजोर चोटिल पोर-पोर सावन नैन। 5.सहमा व्योम... Hindi · हाइकु 2 2 316 Share नवल किशोर सिंह 16 Sep 2018 · 1 min read नेता-हाइकु नेता-हाइकु 1.जन भू पर मंच पे बैठे खास ये है विकास। 2.ट्रैफिक जाम गाड़ियों का हुजूम ठहरी साँस। 3.जल प्रलय दौरा सत्तानशीन गोद आसीन। 4.विमान में वे धरा पे हाहाकार... Hindi · हाइकु 1 2 260 Share नवल किशोर सिंह 16 Sep 2018 · 1 min read बेबस गरीब बेबस गरीब गरीब आदमी तो बेबस है बस नारा खायेगा। जो गरीबों का कर्णधार, वो चारा खायेगा। खेल,रेल,कोयला अभिशापम कहीं टॉपर तो कहीं व्यापम। मंदिर,मस्जिद और देवालय। खानेवाले खा गए... Hindi · मुक्तक 1 586 Share नवल किशोर सिंह 16 Sep 2018 · 1 min read गरीब हर गरीब एक वोट है जबतक उसमें साँस है। मर भी गया तो क्या? वोट का मुद्दा उसकी लाश है। आओ गरीबों की हिमाकत करें। बदले में,अपनी सियासत करें। -©नवल... Hindi · मुक्तक 441 Share नवल किशोर सिंह 16 Sep 2018 · 1 min read भाईचारा बन्द कर दो साँस,क्योंकि लाश और माँस ही सियासत का सहारा है। लड़ा दो कौम को कौम से, सुकून नहीं देता हमें, ये भाईचारा है। -©नवल किशोर सिंह Hindi · मुक्तक 240 Share नवल किशोर सिंह 16 Sep 2018 · 1 min read बेटियाँ बाघ काटता है,कुत्ता चाटता है इन्हें बचाओ,इनकी हस्ती है। पर मार डालो गाय और बेटियाँ इनकी जान यहाँ बहुत सस्ती है। -©नवल किशोर सिंह Hindi · मुक्तक 295 Share नवल किशोर सिंह 15 Sep 2018 · 2 min read कविता की क्यारी में कविता की क्यारी में कविता की क्यारी में भटकता क्योंकि मैं अपरिचित हूँ जाकर,तथापि किसी सार्थक,निरर्थक डाली से अंटकता कभी कोई कल्पित कुसुम कली पाता हूँ शब्दों का पुष्पमाल उसी... Hindi · कविता 1 272 Share नवल किशोर सिंह 15 Sep 2018 · 1 min read इश्तहार (हास्य-व्यंग्य) इश्तहार देश के नामी गिरामी अखबारों में, सुर्खियों से छपी ये खबर इश्तहार टंगे,हर दीवारों पे। कि- अति सुशोभित,साजसज्जित, कुर्सी खाली है एक दिल्ली की। सर्वसाधारण के लिये नहीं, यह... Hindi · कविता 1 276 Share नवल किशोर सिंह 14 Sep 2018 · 1 min read तन्हा जिंदगी तन्हा ज़िन्दगी दिल के तार-तार,हो चले बेजार लुटे ऐतवार के हुए चिथड़े हज़ार। अब पैबन्द सीकर क्या होगा? तेरे हुश्न-ए-नूर से हुआ शुरुर। फिर पीने को न कर मजबूर। जब... Hindi · कविता 1 240 Share नवल किशोर सिंह 14 Sep 2018 · 1 min read कैक्टस कैक्टस मैं कैक्टस हूँ एक पौधा,काँटे बेशुमार कैक्टस यानी काँटो का सिंगार काँटे-मेरे जीवन का आधार मैं वंदनवार में सजाए कहीं किसी गमलों में मिल सकता हूँ। किसी बेजान जंगल... Hindi · कविता 1 269 Share नवल किशोर सिंह 14 Sep 2018 · 1 min read बेलौस जिंदगी बेलौस जिन्दगी उन दिनों की याद सँजोये सीने में। घुट घुट कर पल काट रहे हैं पीने में। वे दिन भी क्या दिन थे जब तुम हमसे दूर न थे।... Hindi · कविता 2 552 Share नवल किशोर सिंह 13 Sep 2018 · 1 min read मेरी ज़िंदगी मेरी जिन्दगी भिखारी की फटी झोली और मेरी जिंदगी दोनों में बहुत तालमेल है। उधर,उसके भाग्य की विडम्बना इधर,मेरी नियति का खेल है। उसकी फटी झोली उसपर दर्जनों पैबन्द लगे... Hindi · कविता 2 1 449 Share नवल किशोर सिंह 13 Sep 2018 · 1 min read अकल अकल अकल की खेती की थी एक दफे हमने भी तीन बीघे जमीन में। लहलहाते विरवे-पौध उगे, लोंगो की आँखें कौंध उठे, सचमुच, फसल बड़े बेहतरीन थे। मगर अफसोस, कि... Hindi · कविता 1 252 Share नवल किशोर सिंह 13 Sep 2018 · 1 min read संदेसा संदेसा मुँह अंधेरे ही मेरे घर के मुँडेर पर गुंटर गू,गुंटर गू कर रहा था एक कबूतर। सोचा मैंने, सजनी ने भेजा है, शायद मेरे प्रश्नों का उत्तर। निकलकर बाहर... Hindi · कविता 1 412 Share नवल किशोर सिंह 12 Sep 2018 · 2 min read नेताजी की जय (हास्य-व्यंग्य) नेताजी की जय नेताजी ने माइक संभाल, हाँक लगाया प्यारे सज्जनों, दुर्जनों व देवियों, मेरे खातिर वोट बटोरने वाले आला शातिर,वरेण्य समाजसेवियों। विदेशी हाथों में मैं, आप ही के खातिर... Hindi · कविता 1 359 Share Previous Page 3 Next